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नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सर्वोच्च न्यायालय ने किया इनकार

5वें सप्ताह में दाखिल करे सरकार अपना पक्ष पर असम व त्रिपुरा के मामले में दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखे।  संवैधानिक पीठ का गठन किया जायेगा

सर्वोच्च न्यायालय ने आज 22 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून पर विचार के लिए आयी 148याचिकाओं पर सुनवायी करते हुए साफ कहा कि इस पर एक तरफा रोक नहीं लगायेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार की अब अन्य अधिक याचिकाओं को दाखिल करने से रोक नहीं सकते। इसके साथ सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में 5वें सप्ताह में इसकी सुनवाई करेगा। सरकार ने इसका जवाब देने के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा इनका जवाब देने के लिए। परन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को 4 सप्ताह का समय देते हुए निर्देश दिया कि अपना पक्ष दाखिल करे। वहीं एक सप्ताह दूसरा पक्ष अपना जवाब रखेगा। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने असम व त्रिपुरा के मामले में केवल दो सप्ताह के अंदर ही दाखिल करने का निर्देश दिया।
इसके लिए संवैधानिक पीठ का गठन किया जायेगा। इसके साथ सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में क्षेत्रानुसार सुनवाई करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकता संशोधन कानून पर सुनवाई करने के लिए संवैधानिक पीठ का गठन किया जायेगा
पर इस पर एक पक्षीय रोक नहीं लगायेगा
नागरिकता कानून पर सुनवाई क्षेत्रानुसार होगी,असम व त्रिपुरा के मामले में सर्वोच्च न्यायालय अलग  से सुनवाई कर सकता है।
आज मुख्य न्यायाधीश एस ए बोवडे,  अब्दुल नजीर व संजीव खन्ना के नेतृत्व में तीन न्यायाधीशों की बैंच ने साफ कहा कि इस मामले पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगायेगी। इस मामले में कोई भी निर्णय 5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ करेगे।

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