उतराखण्ड के फलरवाडी गांव (जनपद पौड़ी की पट्टी सितोनस्यूं) में ली थी सीता माता ने भू समाधि
देहरादून(प्याउ)। भगवान राम द्वारा सीता का त्याग करने के बाद जिस स्थान में माता सीता ने भू समाधि ली थी, उस स्थान पर उतराखण्ड सरकार ने सीता माता मंदिर बनाने के अपने संकल्प को मूर्तरूप देना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है ऐसा जनविश्वास है कि भगवान राम द्वारा माता सीता का परित्याग करने के बाद व्यथित हो कर भू समाधि ली थी यानी धरती माता में सम्माहित हो गयी थी वह स्थान उतराखण्ड प्रदेश के जनपद पौड़ी के सितोनस्यूं स्थित फलस्वाड़ी गांव में है। सरकार ने इसी जनविश्वास के आधार पर इस गांव में सीता माता मन्दिर निर्माण हेतु राज्य स्तरीय ट्रस्ट बना रही है।इसी ट्रस्ट की सरपरस्ती में इस मंदिर का निर्माण होेगा।इसी सप्ताह 14 जनवरी को माता सीता मंदिर के निर्माण के लिए देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि इस मंदिर निर्माण के लिए सीता माता से जुड़े सभी स्थानों की शिला, मिट्टी एवं जल लाया जायेगा। प्रदेश के 13 जिलों के मंदिरों की शिला एवं मिट्टी सीता माता मंदिर के लिए लाई जायेगी। जिस स्थान पर सीता माता ने भू समाधि ली थी, उस स्थान पर प्राचीन स्वरूप को वैसा ही रखा जायेगा।