सच्चाई के पहाड़ को झूठ की झाड़ियों से नहीं छिपाया जा सकता : श्री नकवी
हमारी एकता और सद्भाव की ताकत ने दुनिया भर में भारत के लिए सम्मान अर्जित किया है
मौलाना आज़ाद शिक्षा प्रतिष्ठान और केंद्रीय वक्फ परिषद द्वारा नागरिकता अधिनियम और एनआरसी के बारे में गलत जानकारी और झूठे और मनगढ़ंत प्रचार को ध्वस्त करने के लिए देश भर में एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि सच्चाई के पहाड़ को झूठ की झाड़ियों से नहीं छिपाया जा सकता।
आज नई दिल्ली में मौलाना आज़ाद शिक्षा प्रतिष्ठान और और केंद्रीय वक्फ परिषद की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री नकवी ने कहा कि कुछ लोग नागरिकता अधिनियम और एनआरसी के बारे में गलतफहमी फैला कर शांति और सच्चाई का अपहरण करने की साजिश में शामिल हैं।
श्री नकवी ने कहा कि मौलाना आज़ाद शिक्षा प्रतिष्ठान और और केंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य नागरिकता अधिनियम और एनआरसी पर देश भर में जागरूकता अभियान चलाएंगे ताकि कुछ लोगों द्वारा अपने संकीर्ण हितों के लिए किए फैलाई जा रही झूठी जानकारी और मनगढ़ंत प्रचार को समाप्त किया जा सके।
श्री नकवी ने कहा कि जागरूकता अभियान के तहत मौलाना आज़ाद शिक्षा प्रतिष्ठान और और केंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य आम लोगों, धार्मिक प्रतिनिधियों, शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों से मिलेंगे और उन्हें नागरिकता अधिनियम और एनआरसी के बारे में जानकारी देंगे।
श्री नकवी ने कहा कि कुछ लोग देश में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं और एनआरसी पर अराजकता इस साजिश का एक बड़ा सबूत है। वास्तविकता यह है कि 1951 में शुरू की गई एनआरसी केवल असम तक ही सीमित है। मुसलमानों की नागरिकता और एनआरसी को जोड़ना सरासर झूठ है। अभी तक असम में एनआरसी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। जिन लोगों को सूची में जगह नहीं मिली है, वे न्यायाधिकरणों और अदालतों में भी अपील कर सकते हैं। सरकार भी ऐसे लोगों की मदद कर रही है।
श्री नकवी ने कहा कि जो लोग अफवाह और गलत सूचना के माध्यम से हमारी शांति का अपहरण करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वे अपनी साजिश में विफल हो जाएंगे। ‘सत्यमेव जयते’ “झूठमेव जयते” के राजनीतिक प्रचार को ध्वस्त कर देगा।
श्री नकवी ने कहा कि हमारी एकता और सद्भाव की ताकत ने दुनिया भर में भारत के लिए सम्मान प्राप्त किया है। हमें किसी भी परिस्थिति में एकता और सद्भाव की भावना को कमजोर नहीं करना है।
श्री नकवी ने कहा ने कहा कि नागरिकता अधिनियम के कारण किसी मुसलमान या किसी अन्य नागरिग की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। नागरिकता संशोधन अधिनियम नागरिकता प्रदान करना है। किसी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता है। भारत में अल्पसंख्यक विकास प्रक्रिया में समान भागीदार हैं।
श्री नकवी ने कहा कि हमें उन लोगों की “भ्रम पैदा करने की साजिश” को हराना है जो नागरिकता अधिनियम और एनआरसी का आपस में मिश्रण कर रहे हैं। हमें गलत सूचना की बुराइयों से सावधान रहना होगा।