पाकिस्तान बांग्लादेश व अफ़गानिस्तान के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दिया जाना ऐतिहासिक दिन है -प्रधानमंत्री मोदी
नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होना संवैधानिक काला दिन है- सोनिया गांधी
नई दिल्ली (प्याउ)। 11 दिसंबर की रात को 8:45 बजे मोदी सरकार ने एक और इतिहास बनाया। मोदी सरकार ने महत्वपूर्ण सफलता अर्जित कर नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों में पर्याप्त बहुमत से कराया पारित। भारी विरोध के बाद बावजूद मोदी सरकार ने तीन तलाक व धारा 370 को कुंद करने के बाद एक और ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है ।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध व पारसी समुदाय के प्रताड़ित शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संविधान में संशोधन किया। हालांकि कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित करने में मोदी सरकार में भारी सफलता अर्जित की।
#राज्यसभा ने भी पारित किया #नागरिकता_संशोधन_विधेयक ।
मतों में से पक्ष में पड़े 125 मत और विरोध में पड़े 105 मत पडे।
लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है ।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 311 बनाम 80 के भारी बहुमत से पारित किया जा चुका था। इस विधेयक को पारित करने के लिए जहां शिवसेना ने लोकसभा में साथ दिया वहीं राज्यसभा में शिवसेना ने बहिर्गमन करके मोदी सरकार की राहें आसान की। इस कानून के बनने से जहां पाकिस्तान बांग्लादेश व अफ़गानिस्तान से आए मुस्लिम छोड़कर अन्य समुदाय के शरणार्थियों में भारी प्रसन्नता की लहर गूंज उठी ।चारों तरफ शरणार्थियों के शिविरों में खुशियों खुशियां मनाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ इस कानून के बनने से पहले ही आसान पूर्वोत्तर सहित कई राज्यों में इसका भारी विरोध हो रहा है ।कॉन्ग्रेस सहित विपक्षी दल इसे देश के संविधान के विरोध में धार्मिक भेदभाव वाला कानून बताकर इसे असंवैधानिक बता रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक भूल सुधार वाला कदम बताया। अमित शाह ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए कहा कि जो भूल कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन करने की, उस भूल को मोदी सरकार ने सुधारने का ऐतिहासिक काम किया ।यह काम बहुत पहले किया जाना चाहिए था। लेकिन सरकारों ने अंध तुष्टीकरण के कारण इस मामले में विलंब किया ।अब मोदी सरकार ने इसको इसमें व्यापक सुधार किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी खासकर मोदी सरकार मुसलमानों का किसी प्रकार का विरोधी नहीं है ।इस कानून के बनने से भारत के रहने वाले भारतीय मूल के मुसलमानों के हितों पर कहीं दूर दूर तक इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कानून अपने आप में एक सामाजिक न्याय का प्रतीक है ।
वहीं विपक्षी नेता सोनिया गांधी ने इसे काला कानून बताकर इसका भारी विरोध किया। विपक्षी दल इसको संविधान की मूल भावना समानता की मूल भावना का घोर विरोधी बताकर इसका पुरजोर विरोध कर रहा है ।अब संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलेगी और कानून का शक्ल अख्तियार कर लेगा। इस कानून के बनने से अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए हुए शरणार्थियों को जिसमें मुस्लिम को नहीं रखा गया है ।क्योंकि यह तीनों देश जो भारत के एक अंग थे और विदेशी ताकतों के कारण इस को भारत से अलग किया था ।इन तीनों देशों में इस्लामिक देश घोषित किया गया और यहां मुसलमानों को छोड़कर अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ घोर दमन किया। जिस प्रकार से के विभाजन के समय पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक 30% रहे जो आज केवल 1.5% रह गए हैं ।यह दर्शाता है कि पाकिस्तान में किस प्रकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है ।उनको इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया जा रहा है ।यही नहीं जिस समय पाकिस्तान का निर्माण हुआ था उस समय पाकिस्तान में 428 हिंदू धर्म स्थान थे जो आज केवल 28 स्थान ही रह गए हैं।
इस से पहले राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने से पहले विपक्ष द्वारा इसको सलेक्ट_कमेटी में भेजने की मांग पर हुई मतदान में भी विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी।
#राज्यसभा ने #नागरिकता_संशोधन_विधेयक को #सलेक्ट_कमेटी में भेजने के प्रस्ताव को #खारिज किया।
#शिवसेना के बहिर्गमन के बाद सदस्यों में से 124 बनाम बयान 99 से प्रस्ताव हुआ खारिज।
नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने के बाद देश की राजनीति में अमित शाह ने अपना परचम चारों दिशाओं में फैला दिया है ।जिस प्रकार से अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी को पूरे देश में पूर्ण बहुमत और कई राज्यों में सत्तासीन किया ।उसके बाद जिस प्रकार से तीन तलाक जम्मू कश्मीर में धारा 370 को कुंद करना और राम जन्मभूमि मंदिर के बाद अब नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित कर इसे कानून बनाने का ऐतिहासिक काम किया ।उससे उनके विरोधी भी उनके इस पराक्रम के आगे नतमस्तक हैं ।अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक में विपक्ष के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए देश के मुसलमानों को सावधान किया कि वह विपक्ष के झूठे को प्रचार किया शिकार ना हो ।देश के मुस्लिम इस देश के मूल निवासी हैं और उनके हित की रक्षा करना मोदी सरकार का प्रथम दायित्व है। अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के का यह आरोप भी बेबुनियाद है कि मोदी सरकार मुसलमानों के खिलाफ है ।उन्होंने आंकड़े देकर यह साबित किया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सैकड़ों मुसलमानों को भी भारत में नागरिकता दी गई।