नई दिल्ली 23 नवंबर 2019
नई दिल्ली (प्याउ)।देहरादून में राजधानी गैरसैंण के लिए 17 सितंबर 2017 से निरंतर धरना दे रहे राजधानी गैरसैण निर्माण अभियान ने दिल्ली में संसद की चैखट जंतर मंतर पर 23 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजधानी गैरसैण बनाने की मांग करते हुए एक दिवसीय धरना दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन देते हुए मांग की कि जो उन्होंने 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में उत्तराखंड को अच्छे दिन लाने के विश्वास दिलाकर जनादेश लिया था । उत्तराखण्ड में उसी अच्छे दिन के प्रतीक ‘ राजधानी गैरसैंण’ बनाने के वादे को पूरा करने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया इस अवसर पर सभी आंदोलनकारियों ने एक स्वर में प्रधानमंत्री से मांग की कि उत्तराखंडियों के अच्छे दिन तभी आएंगे जब प्रदेश की राजधानी गैरसैंण में बनेगी। क्योंकि गैरसैण राजधानी न बनने से पूरा उत्तराखंड वीरान हो चुका है और वहां की जन भावनाये बहुत आहत है।
प्रधानमंत्री से राजधानी गैरसैण निर्माण की मांग करते हुए आयोजित धरने में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष अजय भट्ट ने कर्णप्रयाग विधानसभा उपचुनाव के दौरान आश्वासन दिया था कि अगर कर्णप्रयाग विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी विजय होती है तो भारतीय जनता पार्टी गैरसैंण में राजधानी घोषित करेगी । वहीं दूसरी तरफ हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार के दौरान गैरसैण में विधानसभा सत्र के दौरान जो विधेयक पेश किया था वह गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के लिए ही पेश किया था । इस अवसर पर गैरसैंण में उत्तराखंड राजधानी निर्माण की मांग करते हुए वक्ताओं ने इस बात का भी ध्यान दिलाया कि गैरसैंण में ही प्रदेश की एकमात्र विधानसभा बनी हुई है । इसके साथ प्रदेश सरकार ने गैरसैंण में शीतकालीन सत्र व बजट सत्र सहित तमाम महत्वपूर्ण सत्रों का सफल आयोजन किया । प्रदेश की राजधानी गैरसैण बनने के लिए अनेक शहादतें उत्तराखंड राज्य के आंदोलनकारियों ने दी और उत्तराखंड की जनता की यही प्रमुख मांग राज्य गठन के साथ रही।इसके साथ उतराखण्ड के वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश के उस तथाकथित बयान की कड़ी भत्र्सना की कि गैरसैंण में ठण्ड में प्रदेश के विधायक शीतकालीन सत्र नहीं चाहते। वक्ताओं ने कहा कि हिमालयी राज्य में ठण्ड का बहाना बना कर जनांकांक्षाओं को रौंदने का कृत्य स्वीकार नहीं है। वक्ताओं ने कहा उतराखण्ड को ऐसे विधायकों की कोई जरूरत नहीं जो गैरसैंण जैसे जनभावनाओं के आस्था के स्थान पर जाने के लिए तैयार नहीं। इन विधायकों को इस बात का भी भान होना चाहिए कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के लोग व देश की सुरक्षा में लगी सेना भी गैरसैंण जैसे भौगोलिक स्थिति में रहते है।
उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण बनाने के लिए तमाम वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास प्रकट करते हुए आशा प्रकट की कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री ने देश की तमाम समस्याओं का समाधान किया है ,उसी प्रकार उत्तराखंड की जन आकांक्षाओं को साकार करते हुए अभिलंब राजधानी गैरसैण बनाने के लिए प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार को निर्देश देंगे।
इस सभा का शुभारंभ उत्तराखंड के प्रख्यात लोक कलाकार कृष्ण बागोट ने कलयुगी नारद भेष में उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति खासकर गैरसैंण राजधानी न बनने के कारण हो रही विकृतियों के प्रति ध्यान दिलाते हुए, प्रदेश व केंद्र सरकार के साथ उत्तराखंडी जनमानस को जागृत करने के लिए जागर का भी आयोजन किया। इस अवसर पर सभा का संचालन उत्तराखंड आंदोलन के वरिष्ठ आंदोलनकारी देव सिंह रावत ने किया ।
वहीं सभा की अध्यक्षता पूर्व सैनिक प्रवक्ता पीसी थपलियाल ने किया। सभा के संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल के आवाहन पर आयोजित सभा को देव सिंह रावत के अलावा रघुवीर बिष्ट, यूके-1 के दिनेश बिष्ट,वरिष्ठ अधिवक्ता संजय दरमोड़ा,आप नेता बृज मोहन उपरेती, वरिष्ठ पत्रकार अवतार नेगी, पीसी थपलियाल, आनंद प्रकाश जुयाल, रविंद्र प्रधान, डीएवी छात्र संघ के पूर्व महासचिव सचिन थपलियाल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता
धीरेंद्र प्रताप, यूके-1 के अध्यक्ष प्रीतम सिंह जेठा, समाजसेविका प्रभा किरण किरण, राकेश नाथ,कमलकांत, मनमोहन शाह, कुशाल सिंह बिष्ट ने अपने विचार प्रकट किए ।
वहीं इस सभा में उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवियों में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरिपाल रावत, आंदोलनकारी अनिल पंत, समाज सेविका प्रेमा धोनी,पत्रकार खुशहाल जीना, उत्तराखंड जनमोर्चा के दलवीर रावत पत्रकार विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता महेंद्र रावत, अजय नेगी, सुरेंद्र हालसी संजय नौडियाल, रविंद्र बर्थवाल,पत्रकार दाताराम चमोली, जगदीश थपलियाल, श्याम प्रसाद खंतवाल आंदोलनकारी गुसाईं ,मोहन जोशी, संजय कुमार,
पत्रकार दीप सिलोडी, आंदोलनकारी कमल किशोर नौटियाल,जगत सिंह बिष्ट ,सरिता कठैत, कमलकांत ,पत्रकार प्रदीप वेलवाल व सुनील नेगी,
बुराड़ी से राकेश नेगी व गुसाईं, भारतीय भाषा आंदोलन के अनेक आंदोलनकारी सहित अनेक वरिष्ठ समाजसेवी इस आंदोलन में उपस्थित थे।
इस अवसर पर उत्तराखंड के प्रसिद्ध संगीतकार राजेंद्र चौहान ,प्रदीप नौडियाल, संजय चौहान मंजू भदोला, महेश पपनै, पदम सिंह बिष्ट, दलवीर रावत, सुदर्शन सिंह नेगी, पदम सिंह रावत आदि भी उपस्थित थे।इस अवसर पर अज्जू बिष्ट ने भी अपने अपने गीत से उपस्थित जनसमुदाय को झकझोर दिया।