Chamoli उत्तर प्रदेश उत्तराखंड देश

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही शीतकाल के लिए बंद हुई चार धाम यात्रा

बदरीनाथ (प्याउ)। 17 नवम्बर 2019 की सांय 5.13बजे हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भगवान बदरीनाथ का कपाट बंद होने के साथ ही शीतकाल के 6 माह के लिए पावन चार धाम यात्रा बंद हो गयी। उल्लेखनीय है कि चारधाम यात्रा के अंतिम दिन 17 नवम्बर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हुए। वहीं गंगोत्री, यमुनोत्री व केदारनाथ के कपाट पहले ही बंद हो चूके हैं। इसके अलावा हेमकुंड साहिब के कपाट भी बंद हो चूके हैं। शीतकाल में इन चारों धामों की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास स्थल पर होती है। इसके बाद  ग्रीष्मकाल चार धाम यात्रा का शुभारंभ पूरे विधिविधान से होता है।
इस साल चार धाम यात्रा अपने पूरे योवन पर रही। जिस प्रकार से 2013 की चारधाम यात्रा पर केदारनाथ आपदा पर लगा था उसके बाद इस यात्रा को सुचारू रूप से संचालित कराना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होती है।   सुत्रों के अनुसार इस साल चार धाम की यात्रा पर करीब 38 लाख श्रद्धालुओं ने आये। जिसमें 1242546 यात्री बदरीनाथ धाम,1000821 केदारनाथ, 993692 यमुनोत्री, 527926 गंगोत्री (यमुनोत्री से वापसी में दो बाटा से लोग सीधे केदारनाथ चले जाते है। )

इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी बदरी केदार की यात्रा करने वाले देश विदेश के विशिष्ट जनों में प्रमुख है। इस साल की चार धाम यात्रा में करीब 91 लोगों की मौद हुई सबसे अधिक 55 लोगों का केदारनाथ,17 यमुनोत्री ,6-6 लोग बदरी नाथ व गंगोत्री व 7 लोग हेमकुंड की यात्रा के दौरान  बीमारियों से स्वर्गवाश हो गये। हालांकि सरकार शीतकालीन स्थलों पर चार धाम यात्रा संचालित करने के दावे करती रहती। परन्तु इसके लिए प्रशासन ने युद्धस्तर पर ईमानदारी से व्यापक तैयारी अभी तक नहीं की। इसी कारण चार धाम यात्रा में देश विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु ग्रीष्मकाल में ही चार धाम यात्रा के लिए आते हैं।

About the author

pyarauttarakhand5