यूरोपीय संसद के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की
नई दिल्ली से पसूकाभास
यूरोपीय संसद के सदस्यों ने 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 7, लोक कल्याण मार्ग, नई दिल्ली स्थित उनके निवास पर भेंट की। प्रधानमंत्री ने सराहना करते हुए कहा कि यूरोपीय संसद के सदस्य जिस तरह से अपने कार्यकाल के शुरू में ही भारत के दौरे पर आए हैं उससे यह पता चलता है कि वे भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंध साझा हितों के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समान प्रतिबद्धता पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि तटस्थ और संतुलित ‘बीटीआईए’ का शीघ्र समापन सरकार के लिए एक प्राथमिकता है। क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर यूरोपीय संघ के साथ जुड़ाव को मजबूत करने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ जंग के लिए घनिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की विशेष अहमियत पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के विकास का उल्लेख एक वैश्विक साझेदारी के रूप में किया।
प्रधानमंत्री ने इस शिष्टमंडल की भारत यात्रा का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों का उनका दौरा सार्थक साबित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के दौरे से शिष्टमंडल को जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विविधता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही वे इस क्षेत्र के विकास एवं शासन (गवर्नेंस) से संबंधित प्राथमिकताओं की सही स्थिति से अवगत होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत के वर्ष 2014 के 142वें पायदान से ऊंची छलांग लगाकर अब 63वें पायदान पर पहुंच जाने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह भारत के विराट आकार, युवाओं की विशाल तादाद और विविधता की भांति ही इस देश के लिए एक विराट उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भारत में शासन (गवर्नेंस) की सुव्यवस्थित प्रणालियां आज लोगों को आकांक्षापूर्ण दिशा में आगे बढ़ने में सक्षम कर रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी भारतीयों के लिए ‘आसान जिंदगी’ सुनिश्चित करने पर सरकार के फोकस को भी रेखांकित किया। उन्होंने स्वच्छ भारत और आयुष्मान भारत सहित सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को मिली उल्लेखनीय सफलता के बारे में भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने वैश्विक लक्ष्य से 5 साल पहले ही वर्ष 2025 तक तपेदिक (टीबी) का उन्मूलन करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए विभिन्न ठोस कदमों का भी उल्लेख किया जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों में वृद्धि और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के खिलाफ शुरू किया गया व्यापक अभियान भी शामिल हैं।