मात्र वाहवाही लूटने के लिए गलत परंपरा के तहत किया पुन्न शिलान्यास,बेहतर होता प्रदेश को नया विवि, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान व बडा संस्थान दिलाते होनहार नेता-हरीश रावत
300 हेक्टेयर भूमि पर एक हजार करोड़ की लागत से दो वर्षों में बनकर तैयार होगा स्थाई परिसर: श्री निशंक
श्रीनगर से प्याउ व पसूकाभास
उत्तराखंड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज ग्राम सुमाड़ी पौड़ी गढ़वाल स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखण्ड के स्थायी परिसर का विधिवत रूप से भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 19 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्री निशंक व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत द्वारा राज्यपाल की उपस्थित में पुन्न शिलान्यास किये जाने पर तीब्र प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वाहवाही लूटने के लिए पिछली सरकार द्वारा किये गये शिलान्यास का पुन्न शिलान्यास करने की प्रवृति बहुत ही चिंताजनक परंपरा प्रदेश भाजपा सरकार ने शुरू कर दी। श्री रावत ने इस शिलान्यास पर तंज कसते हुए कहा कि वो होनहार नेता है उन्हें न्या एनआईटी, केन्द्रीय विश्व विद्यालय व अन्य कोई संस्थान प्रदेश को दिलाना चाहिए था। मंगर वों कांग्रेस सरकार के समय शिलान्यास किए जा चुके संस्थान का फिर शिलान्यास कर रहे है। जबकि मैने अपने कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुुणा के मुख्यमंत्री रहते मंजूर हर काम को अपने समय में पूरा करवाया।
श्री रावत ने इस पुन्न शिलान्यास प्रकरण पर तंज कसते हुए भाजपा नेताओं को सीख दी कि हरीश रावत आएंगे जाऐंगे , त्रिवेन्द्र सिंह आएंगे जायेंगे, लजेकिन गलत परम्परा एक सरकार और एक मुख्यमंत्री के हटने के बाद यदि दूसरा मुख्यमंत्री उलटबाजी करता है, तो उसका परिणाम उतराखण्ड की जनता को ही भुगतना पड़ता।
सुमाड़ी गांव की 310एकड़ जमीन परपर बनने वाले इस राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी में 1260 छात्रों की क्षमता वाला परिसर बनेगा। सुमाड़ी गांव के लोगों ने इस परिसर के निर्माण के लिए 159 हेेक्टेयर भूमि ग्रामीणों ने दान दी। उल्लेखनीय बात यह है कि 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत और स्थानीय विधायक गणेश गोदियाल ने सुमाड़ी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का शिलान्यास किया था काम शुरू होने के बाद एनआईटी प्रशासन ने इस जमीन को अनुप्युक्त बता तो लोगों के कान खड़े हो गये। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की मंशा के बाद अटकलें जोरों से लोगों के आक्रोश को भड़काने में लगी कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान को जयपुर या हरिद्वार मेें स्थानांतरण करा जायेगा। इससे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान को सुमाड़ी में बनाये रखने व यहां पर संस्थान के परिसर का निर्माण कराने के लिए व्यापक आंदोलन हुआ।
राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने एनआईटी परिसर की सीट ले-आउट प्लान में साक्ष्य के रूप में संयुक्त हस्ताक्षर किये। केन्द्रीय मंत्री श्री निशंक ने अपने सम्बोधन में ग्रामीणों को एनआईटी कैम्पस की स्थापना हेतु 300 हेक्टियर भूमि देने पर आभार व्यक्त करते हुए एनआईटी के शिलान्यास की बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक हजार करोड़ की लागत से एनआईटी कैम्पस दो वर्ष में बनकर तैयार होगा। एनआईटी के शुभारम्भ होने से यहां के बच्चे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री श्री निशंक ने अपने संबोधन में देवभूमि की अलकनंदा नदी के तट पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य और प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यों की सराहना की। उन्होंने सुमाड़ी में बनाए जाने वाले बहुप्रतीक्षित एनआईटी संस्थान के द्वारा पहाड़ को विकास की संभावनाओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रयासों के द्वारा ही एनआईटी का शिलान्यास और भूमि पूजन का कार्यक्रम सम्भव हो पाया है। उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल वर्ष 2009 के दौरान आईआईएम और एनआईटी की स्थापना किये जाने के प्रस्ताव बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि पहाड़ के युवाओं को एनआईटी से बहुत लाभ प्राप्त होगा, इस लिहाज से उसे श्रीनगर में स्थापित किया जाना चाहिए, जबकि आईआईएम को काशीपुर में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि सुमाड़ी में बनाए जाने वाले एनआईटी को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का तकनीकी संस्थान बनाया जाएगा, जिससे कि सूबे के सभी होनहार युवाओं को इस एनआईटी को माध्यम से देश विदेश में भी पहचान प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में एनआईटी श्रीनगर के कैम्पस के अध्ययनरत छात्र ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है, यही नहीं इस छात्र ने तीस लाख पर माह के पैकेज पर नौकरी भी प्राप्त कर ली है। उन्होंने ऐसे मेधावी छात्र को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि सूबे के सभी बच्चे ऐसे ही उच्च संस्थानों के सर्वोच्च पदों पर आसीन होकर राज्य का नाम रोशन करें,युवाओं को अपने घर से ही तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने का बेहतर अवसर प्राप्त हुआ है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए उन्होंने राज्य के युवाओं से प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्वस्थ्य भारत तथा सशक्त भारत व श्रेष्ठ भारत निर्माण के संकल्प में अपना योगदान देने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सुमाड़ी के एनआईटी परिसर निर्माण के लिए एचआरडी मंत्रालय को करीब एक हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि एनआईटी परिसर को सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। यही नहीं परिसर के भीतर एक केंद्रीय विद्यालय भी स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनआईटी श्रीनगर से जो बच्चे जयपुर पढ़ रहे हैं, परिसर का शीघ्र ही निर्माण होते ही उन्हें सुमाड़ी में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि आज बहुत ही हर्ष की बात है कि जनपद पौड़ी के अन्तर्गत वर्षों से जिस राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की प्रतीक्षा हो रही थी, उसका आज सुमाड़ी श्रीनगर में शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि यहाँ गंगोत्री, यमनोत्री, अलकानन्दा, भगीरथी, गंगा आदि नादियां बहती है और उनके साथ-साथ ज्ञान की गंगा भी बहती है। यहाँ पर एम्स, आईआईटी, एनआईटी जैसे संस्थान हैं। एनआईटी को पूर्ण करने हेतु 2022 तक का लक्ष्य रखा गया है और यह तभी सम्भव है जब नियमित रूप से इसके निर्माण कार्यों की निगरानी हो। कहा कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही आर्थिकी, कृषि आदि क्षेत्रों में प्रगति कर देश विकास करता है। आशा करती हूँ कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सुमाड़ी राष्ट्रीय-अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान बना सके इसके लिए सरकार तथा प्रबन्धन को निष्ठापूर्वक कार्य करना होगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश की राज्यपाल द्वारा आज सुमाड़ी में एनआईटी का शिलान्यास करने के साथ ही जो एनआईटी को लेकर संशय भी आज समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर केन्द्र बिन्दु है और यहाँ पर आलवेदर रोड़ और रेलवे लाइन का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश के विकास के लिए शैक्षणिक संस्थान, एयर कनेक्टीविटी, रेलवे लाइन, ऑलवेदर रोड़ आदि अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई है और राज्य सरकार पूरी मेहनत के साथ उन्हें पूर्ण करने हेतु कार्य कर रही है। एनआईटी के लिए इन्टरनल रोड़ तथा बिजली के लिए 30 करोड़ रूपये का खर्च का वहन भी राज्य सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था समय से कार्य पूर्ण करें, उन्हें राज्य सरकार से पूर्ण सहयोग मिलेगा।