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न्यायालयों में चल रही उतराखण्ड की योजित वादों की मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने दिल्ली में की समीक्षा

उतराखण्ड सूचना कार्यालय नई दिल्ली से

नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 17 अक्टूबर,  2019      को उच्चतम न्यायालय/ एन0जी0टी0/ अधिकरणों में उत्तराखण्ड सरकार की ओर से योजित वादो की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वादों के निस्तारण में आपसी समन्वय के साथ प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने की सभी सम्बन्धित अधिवक्ताओं एवं विभागो से अपेक्षा की।
इस अवसर पर एलआर उत्तराखण्ड एवं महाधिवक्ताओं राज्य से सूचीबद्व अधिवक्ताओं के साथ उत्तराखण्ड से संबन्धित विभिन्न विभागों के मा0उच्चतम न्यायालय/राष्ट्रीय हरित अधिकरण एवं अन्य न्यायालयों में चल रहे वादो की व्यापक समीक्षा की गई।
महाधिवक्ता द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उच्चतम न्यायालय/राष्ट्रीय हरित अधिकरण व अन्य न्यायालायो में राज्य से संबन्धित वादो के सम्बन्ध में विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से समन्वय स्थापित करते हुये वादो का निस्तारण किया जा रहा है। अधिवक्ताओ द्वारा सुझाव दिया गया कि हर छः माह में इस तरह की समीक्षा बैठक दिल्ली एवं उत्तराखण्ड राज्य के अन्य स्थानों पर भी आयोजित की जानी चाहिये।
बैठक मे अधिवक्ताओ द्वारा सुझाव दिया गया कि पुलिस, वन, पर्यावरण, राजस्व एवं अन्य विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को केस रजिस्टर करना एवं उसकी जांच हेतु प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेद्र ने प्राप्त सुझावों पर सहमति व्यक्त की गयी।
उक्त बैठक में उत्तराखण्ड के महाधिवक्ता  एस0एन0 बाबुलकर,  सचिव न्याय,  प्रेम सिंह खिमाल, उत्तराखण्ड के अपर प्रमुख वन संरक्षक/नोडल अधिकारी ग्रीन इश्यू डॉ0 एस0डी0 सिंह, अपर सचिव मा0 मुख्यमंत्री डॉ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव, अपर स्थानिक आयुक्त श्रीमती इला गिरी एवं अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।

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