हिमा दास ने 5 स्वर्ण पदक जीत कर विश्व में लहराया भारत का परचम
नई दिल्ली(प्याउ)।
9 जनवरी 2000 को असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारी गाँव में रणजीत दास तथा माता का नाम जोनाली दास के घर जन्मी भारत की 19 वर्षीया उडनपरी हिमा दास ने इसी जुलाई महिने में विश्व स्तरीय दौड प्रतियोगिता में 5 स्वर्ण पदक जीत कर पूरे विश्व में अपने साथ भारत का परचम लहरा दिया। उनकी इस शानदार उपलब्धी पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सहित पूरे देश ने उसकी सराहनीय उपलब्धी के लिए बधाई दी। पूरा देश उनको भारत की ऐसी उडनपरी के रूप में देख रहा है जो विश्व में एक धाविका के रूप से विश्व में भारत का परचम लहरायेगी।
हिमा विश्वास ने 2019 के इस प्रथम स्वर्ण पदक, 2 जुलाई को पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में 200 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में 23.65 सेकंड में पूरा कर जीता। वहीं 7 जुलाई को पोलैंड में ही हेमा ने दौड़ प्रतियोगिता में दूसरा स्वर्ण पदक जीत पर भारत का परचम लहराया।
अंडर 20 में विश्व की फराटेदार धाविका हिमा दास ने 13 जुलाई 2019 को चेक रिपब्लिक में हुई क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स में महिलाओं की 200 मीटर रेस को 23.43 सेकेंड में पूरा कर स्वर्ण पदक जीता।
हिमा दास ने 17 जुलाई 2019 को चेक रिपब्लिक में आयोजित ताबोर एथलेटिक्स मीट के दौरान महिलाओं की 200 मीटर दौड को 23.25 सेकेंड में पूरा कर स्वर्ण पदक जीता।
20 जुलाई 2019 को हिमा दास ने चेक गणराज्य में 400 मीटर की स्पर्धा दौड़ में 52.09 सेकेंड के समय में पूरा कर पांचवां स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला।
चेक गणराज्य में आयोजित क्लाड्नो एथलेटिक्स में भाग लेने पहुंचीं हिमा दास भले ही विदेश में अपनी सफलता के कीर्तिमान स्थापित कर भारत का नाम रोशन कर रही थी परन्तु वह अतिवर्षा से तबाह हो रहे आसाम से बेहद मर्माहित थी। इसी कारण उसने 17 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री राहत कोष में राज्य में बाढ़ के लिए अपना आधा वेतन दान देते हुए देश के उद्योगपतियों, बड़ी कंपनियों और व्यक्तियों इस त्रासदी से व्यथित आसाम को उबारने के लिए अपना योगदान देने का आवाहन अपने ट्वीट व इंटरनेटी माध्यमों से भी किया।
उल्लेखनीय है कि हिमा दास आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। हिमा ने 400 मीटर की दौड़ स्पर्धा में 51.46 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता।,
हिमा दास का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन- 100 मीटर- (11.74 सेकेंड में), 200 मीटर- (23.10 सेकेंड में), 400 मीटर- (50.79 सेकेंड में) तथा 4गुना 400 मीटर रिले- (3रू33.61 में)।
हालांकि 19 वर्षीया धाविका हिमा दास ने अप्रैल 2018 में गोल्ड कोस्ट में खेले गए राष्ट्रमण्डल खेलों की 400 मीटर की स्पर्धा में हिमा दास ने 51.32 सेकेंड में दौर पूरी करते हुए छठवाँ तथा 4 गुना 400 मीटर स्पर्धा में उन्होंने सातवां स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद हिमा दास ने कड़ी मेहनत कर अपनी प्रतिभा को निखारने का काम किया। उसकी मेहनत तब रंग लायी जब गुवाहाटी में हुई अंतरराज्यीय प्रतियोगिता में हिमा ने स्वर्ण पदक जीत कर अपना दमखम दिखाया। यही नहीं जकार्ता में हुए 18वें एशियन खेल 2018 में हिमा दास ने दो दिन में दूसरी बार महिला 400 मीटर में राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़कर रजत पदक जीता ।
आसाम की गरीब परिवार में जन्मी हिमा दास के माता पिता चावल की खेती करते हैं। विकिपिडिया के अनुसार हिमा दास अपने चार भाई-बहनों से छोटी हैं। हिमा ने अपने विद्यालय के दिनों में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलकर क्रीड़ाओं में अपनी रुचि की शुरुआत की थी। वो अपना कैरियर फुटबॉल में देख रही थीं और भारत के लिए खेलने की उम्मीद कर रही थीं।
फिर जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया। शमशुल हक ने उनकी पहचान नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई। फिर हिमा दास जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं और दो स्वर्ण पदक भी जीतीं।
जिला स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयरश् के निपोन दास की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने हिमा दास के परिवार वालों को हिमा को गुवाहाटी भेजने के लिए मनाया जो कि उनके गांव से 140 किलोमीटर दूर था। पहले मना करने के बाद हिमा दास के घर वाले मान गए।
हिमादास की इस शानदार सफलता के लिए उनके परिजनों, प्रशिक्षक निपोन दास के साथ, फुटबाल की खिलाडी बनने के सपने देख रही हिमादास को धाविका बनने के लिए प्रोत्साहित देने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक व नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय को प्यारा उतराखण्ड की हार्दिक बधाई।