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गुरूग्राम हादसे पर उतराखण्डी युवाओं की त्वरित एकजूटता सराहनीय पर, उतेजना रहित सजगता जरूरी

दो उतराखण्डी युवको की मौत के  मामले में कातिल केंटर चालक गिरफ्तार
गुरूग्राम (प्याउ)। इस सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से लगे हरियाणा के औद्योगिक शहर गुरूग्राम में दो उतराखण्डी युवाओं की दर्दनाक मौत की खबर से न केवल गुरूग्राम अपितु दिल्ली सहित उतराखण्ड उद्दवेलित था अपितु युवाओं में भारी आक्रांेश था। बिना पूरी जानकारी के दो युवाओं की दर्दनाक हत्या की खबर से पूरा उतराखण्डी जनमानस आहत था। आम युवाआ ही नहीं उतराखण्ड के मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट कर दिया।  बाद  में पता चला की यह एक सडक हादसा था। उसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरूग्राम में तडके सिरहोल बाॅर्डर के नजदीक एक्सप्रेस वे पर तीन युवको को जिस केंटर ने टक्कर मारी थी उसको पुलिस ने सीसीटीवी केमरों की मदद से दबोचने में सफलता हासिल की। गुरूग्राम के उद्योग विहार थाना की पुलिस ने नेपाल के मूल निवासी इस कातिल नीरज भट्ट को दिल्ली में दबोचा। कातिल चालक की गिरफ्तारी से यह मामला शांत हुआ।
इस प्रकरण में दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गयी थी और एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ। मृतक युवाओं में पौडी जनपद के कठूड़ गांव निवासी रमेश सिंह व वीर सिंह थे। तीसरा घायल युवक भी कठूड गांव नरेन्द्र सिंह है। ये तीनों युवक गुरूग्राम के एमजीएफ माल में स्थित एंपायर क्लब में रसोईये थे।  जैसे ही इंटरनेटी दुनिया में इस खबर की भनक लगी कि गुरूग्राम में 2 उतराखण्डी युवको की हत्या व एक गंभीर रूप से घायल हुआ है। आधी अधूरी खबर पूरे दो दिन इंटरनेटी दुनिया में फैली रही। अनैक युवा गुरूग्राम पंहुचे। दिल्ली व उतराखण्ड सहित देश विदेश में रहने वाले उतराखण्डियों में भारी आक्रोश था। किसी ने मारे गये युवकों की तस्वीरें में इंटरनेटी दुनिया में लगायी। यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी।
लोग उतराखण्ड के मुख्यमंत्री, सांसदों व नेताओं को कोस रहे थे। दिनेश बिष्ट के नेतृत्व वाली 1यूके व अनिल पंत एवं साथियों सहित अनैक संगठनों से जुडे युवा गुरूग्राम स्थित थाने में पहुंचे। आनन फानन में उतराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत व प्यारा उतराखण्ड के संम्पादक देवसिंह रावत सहित अनैक प्रबुद्ध जनों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को टवीट् कर इस प्रकरण पर पर त्वरित कार्यवाही करने की गुहार लगायी। काफी समय बाद में पता चला की यह एक सडक हादसा था। इसके बाद लोगों का आक्रोश शांत हुआ। तीसरा युवक जो लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती किया गया था, उसकी हालत में सुधार हुआ है। पुलिस को दिये बयान में  उसने बताया कि वे तीनों सकड पर पैदल चल रहे थे तभी एक बड़ी गाडी ने उनको टक्कर मारी । सीसीटीवी  फुटेज में वो एक ट्रॉला दिखा है।दोनों मृतक युवाओं का शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। इस हादसे पर जहां दो युवाओं के खोने से लोग गमगीन थे वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के युवाओं ने इस हादसे पर पुलिस प्रशासन पर जो त्वरित दवाब बनाया और पीड़ितों के परिजनों के साथ खडे रहे उसकी जितनी भी सराहना की जाय उतनी कम है। अगर यह जनदवाब नहीं बनता तो न तो समय पर कातिल पकडा जाता व नहीं पीडित परिवारों को न्याय मिलता। इस प्रकरण से एक बात साफ हो गयी कि गुरूग्राम हादसे पर जहां उतराखण्डी युवाओं की सजगता सराहनीय है। इसी जनदवाब  में आकर हरियाणा पुलिस ने आनन फानन में इस प्रकरण के बाद भाग गये कातिल ड्राइवर को नेपाल भाग जाने से पहले दिल्ली में दबोच लिया। परन्तु इस प्रकरण में साफ हो गया कि आज इंटरनेटी दुनिया में बहुत ही सजग हो कर इंटरनेटी संदेश करना चाहिए। इससे अनावश्यक उतेजना फैल जाती है। इंटनेटी दुनिया के सजग उपभोगी को इसका प्रयोग बहुत ही सुझबुझ से करना चाहिए। अन्यथा कभी बड़ी भूल हो सकती है। इसके साथ युवाओं को नशे के साथ गलत संगत से भी बचकर अपने जीवनस्तर को सुधारने के लिए ही समर्पित रहना चाहिए। नशा व गलत संगत उनके जीवन के साथ उनके परिजनों को ताउम्र का दुख देता है।

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