उत्तराखंड के अल्मोड़ा से एक अजीब सी घटना सामने आयी है। क्या आप सोच सकते है की किसी भिकारी ने अपने नाम से कोई एफडी बनाई होगी। अगर आप सोच रहे होंगे की भिकारी के पास खुद खाने को नहीं होता वो कैसे एफडी खोल सकता है। तोह आप गलत सोच रहे है क्यूंकि जो अल्मोड़ा में पिछले आठ साल से भीख मांगकर गुजारा करने वाला दिव्यांग (दृष्टिहीन) भिखारी अपनी झुग्गी के पास मृत पड़ा मिला। उसके पास से हजारों रुपए मिले। इतना ही नहीं उसके नाम पर बैंक एफडी भी थी।
अल्मोड़ा नगर में मृत भिखारी के पास 80 हजार रुपये थे। तलाशी में उसके कपड़ों से 64 हजार रुपये बरामद हुए और उसके नाम 16 हजार रुपये की बैंक एफडी थी। इधर, मौत की सूचना पर उसके परिजन अल्मोड़ा पहुंच गए।
बताया जा रहा है की काफी दिनों से बीमार होने के कारण शुक्रवार की सुबह उसकी मौत हो गई।दिब्यांग मूल रूप से सेराघाट क्षेत्र का निवासी नारायण दत्त पांडे (50) दृष्टिहीन था। वह मानसिक रूप से भी स्वस्थ नहीं था। वह कई साल से अल्मोड़ा में बद्रेश्वर के निकट बनी छोटी सी झुग्गी में रहता था। शुक्रवार को बद्रेश्वर के पास उसके मृत होने की सूचना मिली। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पंचनामे की कार्रवाई शुरू की।
इस घटना से क्या सीख मिली !!
ये भी अजीब घटना हुई जब तक इंसान के पास धन था तब तक वह भीख मांगकर पैसे जमा करते रहा लेकिन ये पैसे किसी काम न आये। अपना इमान बेच के धन इक्क्ठ्ठा करके क्या हांसिल हुआ। कुछ भी तोह नहीं। जरा आप भी सोचिये क्या मिल रहा उन पैसो के ढेर जमा कर के अगर उन पैसे से भी आपको खुसी नहीं हो रही है तोह ??