अगर आपके दो से ज्यादा बच्चे है तो ये खबर सुनकर आपको निराशा होगी क्योंकि अब आप उत्तराखंड में किसी भी पंचायत का इलेक्शन नहीं लड़ सकते। और प्रधान बनने का मौका आपको नहीं मिलेगा। आप सोच रहे होंगे हम ये क्या कह रहे है जी हाँ ,हम सत्य कह रहे है क्यूंकि उत्तराखंड में अब दो से अधिक बच्चों वाले लोग पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
इस सिलसिले में राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार विधानसभा के इसी सत्र में मंगलवार को पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक लाने जा रही है। इस विधेयक के पारित होने के बाद दो से ज्यादा वा
[ त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार विधानसभा के इसी सत्र में मंगलवार को पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक लाने जा रही है। ]
ले लोगो को पंचायत का चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाएगी। ये कदम सरकार का जनसंख्या नियंत्रण की और एक कदम के रूप में भी देखा जा रहा। इसी के आधार पर पंचायत चुनाव होंगे। हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में सितंबर में पंचायत चुनाव संभावित हैं।
इसके तहत एक्ट में नगर निकायों की भांति पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त के साथ ही पंचायत प्रतिनिधि के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के निर्धारण पर जोर दिया गया। बीते वर्ष इस बारे में पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय ने अधिकारियों को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए थे।
इस प्रस्ताव को कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद अब संशोधन विधेयक मंगलवार को विस सत्र में पेश होने जा रहा है। सूत्रों की मानें तो संशोधन विधेयक में दो बच्चों व शैक्षिक योग्यता के प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा एक्ट के तमाम प्रावधानों में लिपिकीय त्रुटियां रह गई थीं। इन्हें भी संशोधन के जरिये दूर कराया जाएगा।