तुम्हारे राज में सैकडों बच्चे मरते रहेे
पर तुम अपने ही तिकडम में मस्त रहे
मृतकों के परिजन बिलखते रहे सडकों पर
हे बेदर्दी तुम सत्तांध होकर मस्त रहे महलों में
लोकशाही का तुम निकाल रहे हो जनाजा
हे पलटीमार,तुम केवल सत्तालोेलुपु हो
तुम भी केदार त्रासदी के नीरो की तरह
इंसान के नाम पर कालनेमी ही निकले
तुम कैेसे सुशासन बाबू हो हे नीरो ?
तुममें दया, धर्म का लेश मात्र अंश नहीं
ये धरती भी परेशान है तुम्हारे कृत्यों से
-देवसिंह रावत