श्रीलंका में आतंकी सफाया अभियान में 15 आतंकियों का किया सफाया व छह दर्जन से अधिक दबोचे
नई दिल्ली (़प्याउ)। भारत सरकार को देश को आतंकी हमलों से तबाह करने के नापाक मंसूबों को लेकर छुपे हुए आतंकियों के सफाये के लिए श्रीलंका की तरह ही युद्धस्तर पर आतंकियों के सफाया के लिए देशव्यापी आतंकियों का सफाया अभियान संचालित करना चाहिए। भारत में जिस प्रकार से पाकिस्तान ने आतंकियों का अभ्यारण देश के विभिन्न शहरों में बना दिया है। जो देश की एकता अखण्डता व अमन चैन के लिए एक गंभीर खतरा बन गये है। इसलिए सरकार को किसी भीषण आतंकी हमले की इंतजारी न करते हुए देश को बचाने के लिए तुरंत युद्धस्तर पर देशव्यापी सफाया अभियान छेडना चाहिए।
गौेरतलब है कि 21 अप्रैल को श्रीलंका के कोलंबों सहित अनैक शहरों के चर्च व पंचतारा होटलों में ईस्टर का पर्व मना रहे ईसाई समुदाय के लोगों पर 8 आत्मघाती आतंकी हमला करके भीषण तमाही मचायी थी। इस आतंकी हमले में 321 लोग मारे गये व 500 से अधिक घायल हो गये थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी विश्व की सबसे खुखार इस्लामी आतंकी संगठन इस्लामी स्टेट ‘आईएस आईएस’ ने ली। इस्लामी स्टेट ने दावा किया कि उसके लंकाई दस्ते ने इस हमले को अंजाम दिया। इस हमले से स्तब्ध श्रीलंका की सरकार ने इन आतंकियों व उनके संरक्षक दाताओं का सफाया करने के लिए आतंकी संगठन इस्लामी इस्टेट और नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) से जुड़े ठिकानों पर युद्धस्तर पर देशव्यापी अभियान युद्धस्तर पर चलाया। सरकार ने ऐलान किया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक खतरा पूरी तरह हट नहीं जाए।श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के अनुसार इस्लामिक स्टेट से जुड़े 140 संदिग्धों के सफाया करने के लिए दस हजार सैनिक इस देशव्यापी अभियान में जुडे है। छापामारी के इस अभियान में अब तक 15 संदिग्धों की तब मौत हुई। इन मरने वालों में 6 बच्चे व 3 महिलायें भी है। जब छापामारी के दौरान सुरक्षा बलों पर इन्होने गोलीबारी की। बट्टीकलोआ में ही एक संदिग्ध ठिकाने पर छापेमारी के दौरान पुलिस को इस्लामिक स्टेट के झंडे, सेना की वर्दी, सुसाइड जैकेट, 150 जिलेटिन की छड़ें, हजारों स्टील पैलेट और ड्रोन कैमरे मिले। सम्मनथुराई शहर में भी सुरक्षाबलों और आतंकियों में मुठभेड़ हुई। इसमें दो आतंकी मारे गए। एक आम नागरिक की भी मौत हुई। अब तक जिन छह दर्जन से अधिक लोगों को दबोचा गया है उसमें ं पाकिस्तानी नागरिकों का एक समूह भी शामिल है।
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका पर किये गये इस्लामी स्टेट के हमले में सम्मलित लंकाई आतंकवादी संगठनों की ओर से पेश किए जा रहे खतरों से निपटने के लिए देश को नए कानून की जरूरत है। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि मौजूदा आतंकवाद को मदद करने पर परिभाषा बेहद सीमित है।