भाजपा के प्रत्याशियों से नाखुश होकर भी लोगों ने किया मोदी के पक्ष में मतदान, लोगो का मन भांप कर सहमें कांग्रेसी
देवसिंह रावत
11 अप्रैल को उतराखण्ड की सभी 5 सीटों पर हुए मतदान के बाद से उतराखण्ड सहित देश विदेश में रहने वाले जागरूक उतराखिण्डयों के बीच हर जगह एक ही प्रश्न क्रोंध रहा है कि इन सीटों पर उतराखण्डी जनादेश 2014 की तरह फिर भाजपा की झोली 5-0 से भर कर कांग्रेस का प्रदेश से 2014 की तरह ही सूफडा ही साफ करेगा या 4-1 या 3-2 लाकर कांग्रेस अपनी लाज बचा कर मोदी के अश्वमेध यज्ञ के दिग्विजयी घोड़े की लगाम लगायेगा। पर साफ है कि उतराखण्ड में इस लोकसभा चुनाव में भी जनहित के मुद्दों के बजाय केवल मोदी की लहर भारी रही। जिसका निश्चित लाभ भाजपा को मिलेगा। इन चुनाव में जनादेश की चाप भले ही अभी लोग समझ नहीं पाये हों परन्तु जानकार समझ गये कि कहीं 2014 की तरह प्रदेश का जनादेश भाजपा की झोली में ही जायेगा या एकाद सीट कांग्रेस जीत सकती है। वेसे कांग्रेस के पक्ष में अगर कहीं आशा कांग्रेसियों को नजर आ रही है तो वह नैनीताल, अल्मोडा व टिहरी है। इसके साथ यह भी सच है प्रत्याशियों की दृष्टि से अधिकांश सीटों पर कांग्रेसी प्रत्याशी भाजपा के प्रत्याशियों पर भारी पडते नजर आते हैं। परन्तु मोदी, संगठन व बातावरण के कारण भाजपा देश की तरह उतराखण्ड में बाजी मार ले तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा।
पर एक बात साफ है मेरे अनैक पत्रकारों, आंदोलनकारियों, समाजसेवियों, राजनैतिक कार्यकत्र्ताओं के साथ आम जनता से निरंतर बातचीत करने के बाद एक बात साफ है कि उतराखण्ड में 2014 की तरह इस बार भी मोदी के पक्ष में एक प्रकार से आध्ंाी चल रही है। खासकर युवाओं व महिलाओं की पहली पंसद ही मोदी है। कुछ लोग दावा कर रहे है कि भाजपा 2014 की तरह उतराखण्ड की सभी 5 सीटों पर विजयी होगी। वहीं कुछ का मानना है कि भाजपा इस बार 4-1 सीटें जीतेगी। वहीं कुछ का मानना है कि इस बार भाजपा के प्रत्याशी कमजोर होने के साथ उनका कार्यकाल संतोषजनक न रहने के कारण मोदी की लहर के बाबजूद इस बार 3-2 जीत कर ही अपनी लाज बचा पायेगी।
इन चुनावों में ंएक बात यह भी देखने को मिली की यहां पर प्रदेश के सबसे ज्वलंत राजधानी गैरसैंण, मुजफ्फरनगर काण्ड-94, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व पलायन पर कहीं चर्चा तक नहीं हुई । न ही इस बार भाजपा के सांसद प्रत्याशियों के कार्यों की कहीं समीक्षा हुई। यही नहीं यह देखने ेमें भी आया कि अधिकांश आम लोगों को प्रदेश में चुनावी दंगल में उतरे प्रत्याशियों का नाम तक मालूम नहीं था। यह भी देखा गया कि भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले काफी लोग प्रत्याशियों का नाम तक सुनना पसंद नहीं कर रहे थे। प्रदेश भाजपा कार्यकारणी के एक सदस्य ने आश्चर्य प्रकट किया कि चुनाव प्रचार के दौरान अल्मोडा संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के लिए जनादेश मांगते समय कई जगह लोगों ने कहा कि हम प्रत्याशी का नाम सुनना भी पसंद नहीं करते हम तो केवल मोदी पर विश्वास करके भाजपा को मत दे रहे है। लोगों का ऐसा विश्वास हवाई नहीं अपितु खुद प्रधानमंत्री मोदी भी अपने चुनावी सभाओं से जनता से ऐसा ही आवाहन खुले आम किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपका एक मत सीधे मुझे मिलेगा। उनके इस प्रकार के बयानों का जनता में भारी असर हुआ। इसलिए जनता ने कांग्रेस की मजबूत प्रत्याशियों के तमाम तर्को को नजरांदाज करके फिर एक बार मोदी सरकार के नाम पर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जम कर मतदान किया।
मोदी के पक्ष मेें मतदान का एक महत्वपूर्ण कारण ‘पाकिस्तानी आतंकी अड्डों पर भारतीय सेना द्वारा सीधा हमला व मोदी का यह बयान भी रहा कि हम दुश्मन के घर में घुस पर हमला करते है। इसलिए आतंक से तंस्त्र उतराखण्ड की देशभक्त जनता ने विरोधियों के तमाम तर्को व भाजपा के कमजोर प्रत्याशियों को नजरांदाज करके केवल मोदी पर विश्वास करके भाजपा को मतदान किया। दूसरा सबसे बडा कारण चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के नाम पर जो 2 हजार रूपये की पहली किस्त लोगों के खाते में आये उससे भी लोगों का विश्वास मोदी पर बढ़ा। इसके साथ भाजपा के अलावा कांग्रेस सहित विरोधी दलों के पास संगठन की नितांत कमजोरी भी उजागर हुई। चुनावी दंगल केवल नारों के भरोसे नहीं लडा जा सकता इसके लिए मजबूत संगठन, संसाधन के साथ जनभावनओं को अपने पक्ष में करने वाला माहौल बहुत जरूरी है।
उतराखण्ड के 5 लोकसभा सीटों पर प्रतिशत मतदान हुआ। उतराखण्ड की 5 संसदीय क्षेत्रों में 2019 में हुए मतदान पर एक नजर
टिहरी संसदीय सीट पर 58.30: प्रतिशत ( सन2014 में 57.50 प्रतिशत) मतदान हुआ।
गढवाल संसदीय सीट पर 54.47 प्रतिशत ( सन2014 में 55.03 प्रतिशत) मतदान हुआ।
अल्मोड़ा 51.82 प्रतिशत ( सन2014 में 53.22 प्रतिशत) मतदान हुआ।
नैनीताल 68.69 प्रतिशत (सन2014 में 68.89प्रतिशत) मतदान हुआ।
हरिद्वार 68.92 प्रतिशत (सन2014 में 71.02 प्रतिशत) मतदान हुआ।
लोकसभा चुनाव 2019 के प्रथम चरण के चुनाव में उतराखण्ड की 5 संसदीय सीट सहित देश के 20 राज्यों की 91 संसदीय सीट पर 11 अप्रैल 2019 को हुआ औसतन 66 फीसद मतदान। एकाद घटना को छोड कर प्रथम चरण का मतदान शांतिपूर्ण हुआ। कहीं कहीं मतदान मशीने कुछ समय के लिए खराब होने की भी खबरें आयी। उतराखण्ड निर्वाचन आयोग के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में 61.50 प्रतिशत मतदान हुआ। उत्तराखंड में कुल 77,65,423 मतदाताओं में से 47,75,517 ने ही मतदान किया। उतराखण्ड में कुल 259 में से 38 तृतीय लिंगी मतदाताओं ने ही मतदान किया।. गौरतलब है कि सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ। गत वर्ष इस बार 0.17 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। पांचों सीटों के 52 प्रत्याशियों का भाग्य 11229 ईवीएम में बंद है। इसकी मतगणना 7 चरणों के मतदान के 19 मई को सम्पन्न होने के बाद 23 मई को होगी। उतराखण्ड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्य के अनुसार 2019 में लोक सभा के 5 सीटों के लिए हुए 11 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान 82 कंट्रोल यूनिट, 82 बैलेट (82 यूनिट ईवीएम) और 330 वीवीपैट मशीन खराब होने की शिकायतें मिली।
चुनाव सेवा में नियुक्त हरिद्वार के ज्वालापुर के एक पीठासीन अधिकारी द्वारा अपने दायित्वों का सही से निर्वहन न किये जाने के कारण उनके खिलाफ की गई कार्रवाईं। इसके साथ हरिद्वार में चुनाव सेवा में लगे एक होमगार्ड की हृदयाघात से मृत्यु हो गयी। इस होंमगार्ड को चुनाव दायित्वों के निर्वहन के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा सम्मानित व परिजनों के आर्थिक सहयोग देने की पुरजोर मांग की जा रही है। देहरादून की दस विधानसभा क्षेत्रों में 61.5 प्रतिशत रहा। ऊधमसिंह नगर जनपद के सितारगंज सीट पर सबसे अधिक 78.59 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। उतराखण्ड की कुल 70 में से 13 विधानसभा क्षेत्रों में मत प्रतिशत 70 से ज्यादा रहा। सबसे कम मतदान अल्मोड़ा जनपद के सल्ट विस क्षेत्र में हुआ। यहां 38.75 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया। 9 विस क्षेत्रों में मतदान का आंकड़ा 50 प्रतिशत भी नहीं पहुंचा।
भले ही लोकसभा के लिए हो रहे आम चुनाव के तहत प्रथम चरण के लिए 11 अप्रैल को हुए चुनाव में उतराखण्ड की सभी 5 सीटों पर मतदान हो गया। उतराखण्ड की 5 सीटों का परिणाम भी 23 मई को 7 चरणों के तहत सभी 543 सीटों के साथ ही घोषित होंगे।