कब होगा पाकिस्तान पर हमला अप्रैल के पहले पखवाडे या दूसरे पखवाडे में?
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
एक तरफ भारत में इन दिनों लोकसभा चुनाव के शोर शराबे में डूबा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान इन दिनों भारत द्वारा फिर हमला करने की आशंका से सहमा हुआ है। पाकिस्तान इतना सहमा हुआ है कि उसने सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई देशों से भी अपनी इस आशंका को प्रकट किया। हालांकि हमला कब होगा इस बारे में पाकिस्तानी हुक्मरान बटे हुए है। एक बडा ताकतवर गुट को आशंका है कि यह हमला अप्रैल के दूसरे पखवाडे में होगा। वहीं दूसरे गुट को आशंका है यह हमला भारत में हो रहे पहले चरण के चुनाव यानी 11 अप्रैल से पहले होेगा। पाकिस्तान को आशंका है कि भारत सरकार चुनावी लाभ लेने के लिए पाकिस्तान पर हमला कर सकती है।
पाकिस्तान को आशंका है कि भारत फिर पाकिस्तान पर हमला कर सकता है। ऐसा नहीं कि यह केवल अफवाह आम जनता में फैली है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने भी खुद इसी पखवाडे ऐसी आशंका प्रकट किया। खबर है कि ऐसी ही आशंका पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी मुल्तान में पत्रकारों के समय इसी प्रकार की आशंका को प्रकट करते हुए कहा कि उसके पास विश्वसनीय जानकारी है कि भारत इसी महीने एक बार फिर उस पर हमला करने वाला है। पाकिस्तान को आशंका है कि अप्रैल के दूसरे पखवाडे में भारत फिर बालाकोट जैसा हमला कर सकता है।
वेसे ऐसी आशंका पाकिस्तानी ही नहीं अपितु भारत के विपक्षी दल भी आशंकित ही है। अंतरराष्ट्रीय सामरिक विशेषज्ञ देवसिंह रावत ने दो टूक शब्दों में कहा कि वेसे जिस प्रकार से पुलवामा हमले के बाद निरंतर पाकिस्तानी सेना व आतंकी भारत पर हमला कर रहे है उससे आम भारतीय देश की सरकार से पुरजोर मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया जाय। यह करारा सबक बालाकोट या उससे पहले किये हवाई हमले की न हो कर वह हमला हो जिस प्रकार से पाकिस्तान के दो टूकडे करने जैसा हो। बग्लादेश बनाने जैसा हो।
वेसे देश के अनैक वरिष्ठ पत्रकार तो इस बात से भी विश्वास नहीं कर रहे हैं कि पाकिस्तान भारत पर चुनाव के समय पुलवामा जैसे हमला करके मोदी नेतृत्व वाले भाजपा को मजबूत करेगा। वे इस आशंका को भी सिरे से नकार रहे है कि चुनाव के समय भारत पाकिस्तान पर किसी प्रकार का हमला करेगा। लम्बे समय तक पीटीआई व दूरदर्शन के वरिष्ट पत्रकार के रूप में कार्यरत अवतार नेगी का दो टूक कहना है कि देश के वरिष्ठ नौकरशाह चुनाव के दौरान मोदी सरकार के इशारे पर पाकिस्तान पर किसी भी सूरत पर हमला नहीं करेगे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन ‘जैश ए मुहम्मद’ ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल पर किये गये आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भारत ने अपने 40 जांबाजों की शहादत का बदला लेते हुए 27 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह में स्थित जैश ए मुहम्मद के एक बडे व गुप्त प्रशिक्षण केन्द्र बालाकोट में हवाई हमला कर उसे तहस नहस कर दिया था। यह हमला इतना भीषण व सटीक था कि पाकिस्तान ने इस हमले में किसी प्रकार के नुकसान से नकार ही दिया। पाकिस्तान ने हमले के तत्काल बाद इस जगह सेना द्वारा तमाम हताहतों व मरे आतंकियों को आनन फानन में जमीदोज कर दिया। इस स्थान पर किसी भी पत्रकार व गैर सैंनिक का प्रवेश पर रोक लगा कर सफाई की गयी। पाकिस्तान को आशंका थी कि अगर इस तबाही की सच्ची रिपोर्ट दुनिया के समक्ष आयेगी तो दुनिया इस जंगल में चल रहे इस आतंकी प्रशिक्षण पर गंभीर सवाल करेंगे। इन सब सवालों से खुद की फजीहत बचाने के लिए पाकिस्तान ने इस पूरे प्रकरण पर आनन फानन में पर्दा डाल दिया।
भले ही पाकिस्तान इस हमले में किसी प्रकार के नुकसान को सिरे से नकारता रहा। विश्व खबरिया चैनल तक भी इस तबाही की सच्चाई उजागर नहीं कर पायी। पर अंदर से पाकिस्तान पूरा हिल गया था कि भारत ने खैबर पख्तूनख्वाह में स्थित बालाकोट पर हमला करके पाकिस्तान की पूरी सुरक्षा पर एक बडा सवालिया निशान लगा दिया। इस हमले पर पाकिस्तान असहाय हो कर इन भारतीय विमानों का बाल तक बांका नहीं कर पाया।