देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा-2018 में सर्वोच्च स्थान अर्जित कर कनिष्क कटियार ने साबित किया कि प्रतिभा किसी जाति/धर्म की मोहताज नहीं
प्रथम स्थान पर कनिष्क कटियार, दूसरे पर अक्षत जैन व तीसरे पर रहे जुनैद अहमद,
लोकसभा चुनाव 2019 के भारी शोर शराबे के बीच 5 अप्रैल 2019 को संघ लोक सेवा आयोग नेे देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा 2018 के परीक्षा परिणाम को घोषित किया। इस परीक्षा में दस लाख 65 हजार 552 आवेदकों में अंतिम सफलता 759 को मिली। इन 759 सफल परीक्षार्थियों में 182 लड़कियां हैं। इस परीक्षा में सर्वोच्च 25 स्थान अर्जित करने वालों में 15 लड़के और 10 लड़कियां है।
प्रथम स्थान पर रहने वाले कनिष्क कटियार का अनुक्रमांक नम्बर 1133664, दूसरे स्थान पर अक्षत जैन, तीसरे पर जुनैद अहदम, चैथे स्थान पर श्रैयांश कुमात, 5वें स्थान पर रही सृष्टि जयंत देशमुख का अनुक्रमांक 0404032,छटे स्थान पर शुभम गुप्ता, कर्नटी वरूण रेड्डी, 8वें स्थान पर वैशाली सिंह, 9वें स्थान पर गुंजन द्विवेदी, दसवें स्थान पर तनमय वशिष्ठ शर्मा, ग्यारवें स्थान पर पूजा प्रियदर्शनी, बारहवें स्थान पर नम्रता जैन व 13वें स्थान पर वर्णित नेगी(अनुक्रमांक 7700978), 14वें स्थान पर अंकिता चैधरी व 15वें स्थान पर अतिरंग चाप्लोट रहे।
इस परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही प्रथम स्थान अर्जित करने वाले राजस्थान के जयपुर निवासी कनिष्क कटारिया मुम्बई से आईआईटी स्नातक है। वहीं महिलाओं में प्रथम स्थान अर्जित करने वाली सृष्टि जयंत देशमुख ने सिविल सेवा -2018 में पांचवां स्थान अर्जित किया। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की नम्रता जैन को 12वां स्थान, उतराखण्ड के पौडी निवासी वर्णित नेगी 13वें स्थान पर रहे।
संघ लोक सेवा आयोग की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में उतराखण्ड की युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। देश में संघ लोक सेवा आयोग की इस परीक्षा में 13वां स्थान अर्जित करने वाले उतराखण्ड के सपूत वर्णित नेगी(पौडी) 30वां स्थान अर्जित करने वाली सौम्या गुरूरानी ( अल्मोड़ा), 35वें स्थान अर्जित करने वाली मीनल कर्णवाल (देहरादून ) 90वां स्थान अर्जित करने वाला रजत पंत, 218वां स्थान अर्जित करने वाले निमित पाठक (नैनीताल ), 222वे स्थान पर अभिनव शाह, 266वें स्थान पर शैलजा पांडेय, 290वें स्थान पर शशांक भट्ट व 306वें स्थान पर उत्कर्ष (हरिद्वार) आदि ने अपनी प्रतिभा का परचम लहरा कर उतराखण्ड का गौरव बढाया।
संघ लोकसेवा आयोग की सबसे प्रतिष्ठित इस परीक्षा में प्रथम स्थान अर्जित करने वाले कनिष्क कटारिया ने उन तमाम लोगों का मुंह बंद कर दिया जो कहते की प्रतिभा पर किसी जाति का विशेषाधिकार है। अनुसूचित जाति में जन्में देश के इस प्रतिभाशाली कनिष्क कटारिया ने कंप्यूटर साइंस में आई आईटी मुम्बई से बी टेक किया। सिविल सेवा में उन्होने गणित को वैकल्पिक विषय के रूप में लिया था। वहीं महिलाओं में प्रथम स्थान अर्जित करने वाली भोंपाल की सृष्टि जयंत देशमुख ने इस परीक्षा में 5वां स्थान अर्जित किया। देशमुख, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल से केमिकल इंजीनियरिंग में बी.ई हैं। सृष्टि जयंत देशमुख ने अपने पहले ही प्रयास में इसमें कामयाबी हासिल की अपने सपने को पूरा किया।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी यानी जिलाधिकारी बनने की तम्मना दिल में संजोये रखने वाले वर्णित नेगी उतराखण्ड के पौडी जनपद के यमकेश्वर के मूल निवासी वर्णित के माता पिता छत्तीसगढ के विलासपुर में अध्यापक है। वर्णित ने दसवीं की परीक्षा राजस्थान कोटा, बारहवीं डीएवी पब्लिक स्कूल विलासपुर छत्तीसगढ व बीटेक-एनआईटी सूरतकल से किया। इसके बाद उन्होने नेशनल पावर ग्रिड कारपोरेशन में सेवारत रहे।
.इंजीनियरिग करते समय उन्होने राजस्थान के एक जिलाधिकारी के साथ कुछ दिन काम किया तो उसने जब जिलाधिकारी की धमक देखी तो उसने मन में ठान लिया कि जिंदगी में बनना है तो जिलाधिकारी ही। इसी मंशा से उन्होने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी पर वे सफल नहीं हुए। 2017 में उन्होने सिविल सेवा परीक्षा में भाग लिया पर उनको 503वें स्थान अर्जित किया। इसलिए उनको रेलवे में असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर के पद पर आसीन होने का अवसर मिला परन्तु वर्णित नेगी की मंशा जिलाधिकारी बनने की थी इसलिए उसने तीसरी बार कडी मेहनत कर अपने सपने को साकार किया और उसे देश में 13वां स्थान मिला।
अल्मोड़ा की सौम्या गुरुरानी ने यूपीएससी 2018 की परीक्षा में इस बार 30वां स्थान अर्जित किया। 2017 की संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में 148वां स्थान अर्जित करने वाली सौम्या गुरूरानी को भारतीय पुलिस सेवा से जुड गयी इसी के तहत वह हैदाराबाद में प्रशिक्षण ले रही है। परन्तु उसकी तमन्ना हर हाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़ने की थी। सौम्या ने अपनी प्रतिभा का परचम उत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा में सर्वोच्च स्थान अर्जित करके भी दिखा दिया था। अल्मोडा के गुरूरानी खोला निवासी .सौम्या के पिता नवीन चंद्र गुरुरानी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त व माता नमिता गुरुरानी एक शिक्षिका हैं। सौम्या ने देश की प्रतिष्ठित आईआईटी रुड़की से बीटेक किया। सौम्या ने 2014 में पहली बार संघ लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठित परीक्षा दी। पर उसे सफलता मिली 2017 की परीक्षा में 148वीं स्थान अर्जित कर भारतीय पुलिस प्रशासनिक सेवा से जुड गयी। पर उनके दिल में हसरत भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुडने की थी। उसकी यह हसरत संघ लोक सेवा आयोग 2018 की की परीक्षा में 30 वां स्थान अर्जित किया।
गौरतलब है कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में दस लाख 65 हजार 552 युवाओं ने आवेदन किया। इनमें से 4,93,972 ही परीक्षा में ंसम्मलित हुए। इनमें से लिखित (मुख्य) परीक्षा के लिए 10,468 परीक्षार्थी सफल हुए थे। वहीं व्यक्तित्व जांच के लिए कुल 1994 परीक्षार्थियों को बुलाया गया। इनमें से 759 परीक्षार्थी ही सफल रहे।
उल्लेखनीय है कि सिविल सेवा 2018 की मुख्य परीक्षा सितम्बर अक्टूबर 2018 में सम्पन्न हुई व साक्षात्कार फरवरी-मार्च 2019 में आयोजित हुए।
इस परीक्षा में 759 सफल हुए। इनमें सामान्य-361, 209 पिछडे, अजा-128, अजजा-61,
भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए 180(सामान्य-91, पिछडे-48, अजा-27, अजजा-14)
भारतीय विदेश सेवा-30(सामान्य-15, पिछडे-9, अजा-5, अजजा-1)
भारतीय पुलिस सेवा-150(सामान्य-75, पिछडे-42, अजा-24, अजजा-9)
केन्द्रीय सेवा ग्रुप-ए’-384(सामान्य-198, पिछडे-98, अजा-57, अजजा-31)
ग्रुप’बी’ सेवा-68(सामान्य-35, पिछडे-12, अजा-15, अजजा-6)।