रूस निर्मित भारत के पुराने मिग-21 विमान द्वारा अमेरिका निर्मित पाकिस्तान केअति आधुनिक एफ-16 विमान को मार गिराने से अमेरिका छवि को लगा गहरा झटका
अपने हितों की रक्षा के लिए अमेरिकी पत्रिका ने किया दावा कि पाकिस्तान के किसी एफ-16 विमान को भारत ने नहीं गिराया
नई दिल्ली(प्याउ)। भारत में लोकसभा के आम चुनाव के बीच में आज यकायक एक खबर देश के राजनैतिक क्षेत्र में काफी चर्चा में बनी रही कि अमेरीकी रक्षा विभाग के अधिकारियों ने छानबीन करके पाया कि जितने एफ -16 विमान अमेरिका ने पाकिस्तान को दिये थे, उतने एफ-16 विमान पाकिस्तान के पास सुरक्षित है। यानी अमेरिकी रक्षा विभाग भारत के उस दावे को सिरे से नकार दिया कि रूस द्वारा निर्मित भारत के पुराने मिग विमान ने अमेरिका द्वारा निर्मित पाक के अत्याधुनिक एफ -16 विमान को मार गिराया। वहीं दशको से भारत पर आतंकी हमलों से छलनी करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों दुनिया के समक्ष भारत को बदनाम करते हुए कह रहे है कि उन्हे आशंका है कि भारत में हो रहे चुनाव में जीतने के लिए भारत पाकिस्तान पर चुनाव से पहले एक हमला न कर दे।
अमेरिका के रक्षा विभाग के इस दावे को जगजाहिर किया अमेरिका की एक पत्रिका ‘फॉरेन पॉलिसी’ ने। पत्रिका ने दावा किया कि अमरीकी रक्षा विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों की गिनती की है और उनकी संख्या पूरी है। खबरों के अनुसार पत्रिका ने इस विषय पर प्रकाश डाला कि दो वरिष्ठ अमरीकी अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने हाल ही में एफ-16 विमानों का निरीक्षण किया है और वे सभी सुरक्षित पाए गए।
अमेरिकी पत्रिका की इस खबर को मोदी विरोधी राजनैतिक दलों ने बिना अमेरिका की मंशा को समझते हुए मोदी के पाकिस्तान को सबक सिखाने के दावों की हवा निकालने के लिए हाथों हाथ लिया। यह खबर मोदी विरोधी दलों के समर्थकों ने इंटरनेटी दुनिया भर दी।
इस खबर के पीछे भारतीय जनमानस व राजनेता अंतरराष्ट्रीय सामरिक दुनिया के तिकडमों को सहजता से नहीं समझ पा रहे है। यह घटना केवल भारत पाक का नहीं है। वेसे इस आतंकी हमले व भारत के पाकिस्तान पर की गयी कार्यवाही में अमेरिका सहित पूरा विश्व चीन को छोड कर भारत के साथ खडे रहे। परन्तु जैसे ही सवाल एफ-16 विमान को मार गिराने की बात आयी तो अमेरिका ने भारत व उसके दावे को समर्थन नहीं किया। क्योंकि यह मामला भारत पाक का न हो कर असल में अमेरिका व रूस के बीच सामरिक व्यापार व उनके बर्चस्व का है। अमेरिका की प्रतिष्ठा पर गहरे प्रश्न उठने लगे। उसके व्यापारिक हितों पर गहरा ग्रहण लगने लगा। दुनिया में यह संदेश गया कि अमेरिका के सबसे अत्याधुनिक लडाकू विमान एफ -16 से कहीं बेहतर है रूस का पुराना मिग विमान। अमेरिका पूरी दुनिया में फैली इसी खबरों से बेहद परेशान रहा। इसी खबर को छुपाने व मिटाने के लिए उसने पाकिस्तान के साथ खडा नजर आया कि पाकिस्तान का कोई भी एफ-16 विमान मार नहीं गिराया गया। इस मामले में अमेरिका व पाक अपनी छवि बचाने के लिए भारत के दावे को सरेआम नकार रहे है।
अमेरिका की यह दावा उन सब लोगों को हैरान करने वाला है जो लोग देख रहे है कि पाकिस्तान व भारत के बीच चल रहे तनाव में अमेरिका, भारत के साथ न केवल खडा है अपितु फ्रांस व ब्रिटेन के साथ मिल कर संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश मुहम्मद व उसके सरगना को आतंकी घोषित करके प्रतिबंध लगाने के लिए चीन के अवरोध खडे करने के बाबजूद निरंतर प्रयास कर रहे है। असल में अमेरिका चीन व पाक के गठजोड के विरोध में भारत के साथ है। परन्तु जब मामला रूस व अमेरिका के लडाकू विमानों के बीच का रहा तो अमेरिका ने तुरंत पाक के दावे का समर्थन करके भारत के दावे को नकारने में तनिक भी देर नहीं लगायी। असल में अमेरिका की मजबूरी है भारत के एफ-16 विमान मार गिराने का।
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने जब बालाकोट सहित पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद के बालाकोट आदि अड्डो को तबाह किये जाने के बाद अपनी झैंप मिटाने के लिए पाकिस्तानी एफ-16 विमानों के एक दस्ते ने भारतीय सीमा पर अतिक्रमण के प्रयास को भारतीय वायु सेना के जांबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान एवं साथियों के मिग विमानों के दस्ते ने विफल कर दिया। इसी दौरान मिग विमान के संचालक विंग कमांडर बर्धमान के विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले एक पाकिस्तानी एफ-16 विमान मार गिराया था। जिसमें एफ-16 मार गिराया गया पर मिग विमान के संचालक विंग कमांडर बर्धमान का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और वे पाक अधिकृत कश्मीर में सफलता से उतरे पर पाक सेना ने उन्हें गिरफ्तार किया। जिनको छोड़ने के लिए भारत ने भारी दवाब बनाया। इसके साथ अंतरराष्ट्रीय दवाब भी पाकिस्तान पर पडा जिसके कारण पाक ने विंग कमांडर अभिनंदन बर्धमान को भारत को सौंप दिया।