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सुरक्षा परिषद में आतंकी मसूद की ढाल बने चीन को सबक सिखाने के लिए भारत खुद पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करके चीन से भी तोड़े संबंध

चीन ने सुरक्षा परिषद में मसूद को अन्तर राष्ट्रीयआतंकी घोषित करने से रोका
नई दिल्ली(प्याउ)। सुरक्षा परिषद में पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद व उसके आका अजहर मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की अमेेरिका, फ्रांस व ब्रिटेन की मुहिम को ठेगा दिखाते हुए 13 मार्च को चीन ने मसूद के खिलाफ भारत से सबूत मांग कर अपना भारत विरोधी मुखोटा खुद ही बेनकाब कर बेशर्मी से  भारत को आतंक से दशकों से तबाह करने को तुले पाकिस्तान की ढाल बन गया। चीन को आस्तीन का सांप बनता देख कर संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे मजबूत संगठन सुरक्षा परिषद द्वारा अजहर मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की नापाक मंसूबों को उजागर कर दिया। 13 मार्च 2019  को सुरक्षा परिषद मेें वीटो  कर  चीन ने चौथी बार मसुद को आतंकी घोषित करने से रोका।

भारत ने  पाक  सहित सभी देशों को पुलवामा हमले के जेश ए मुहम्मद के सरगना अजहर मसूद के खिलाफ पूरे सबूत पहले ही सौंप चूका है। चीन केेवल आतंकी पाक को बचाने के लिए यह कृत्य कर रहा है। भारत को मसूद के साथ पाकिस्तान व चीन को भी पूरे विश्व में अलग थलग करके  आतंकी समुह घोषित कराना चाहिए।
13 मार्च तक  अगर कोई देश स्पष्टीकरण नहीं मांगता तो प्रतिबंध का रास्ता साफ हो जाएगा और पाकिस्तान को मसूद पर कार्रवाई करनी होती। इसीलिए चीन ने अंतिम दिन भारत से स्पष्टीकरण मांग लिया।
भारतीय मुक्ति सेना के प्रमुख देवसिंह रावत ने इस पर त्वरित प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि सुरक्षा परिषद में जेश ए मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में चीन द्वारा ठेंगा(वीटो) दिखाने के इरादे जगजाहिर करने पर भारत, आतंकी सरगना पाक व चीन से तत्काल सम्बंध तोड़े। पाकिस्तान व चीन की इस भारत द्रोही कृत्यों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मुंह ताकने के बजाय पहले खुद, मसूद सहित सभी आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान को आतंकी घोषित करे। इसके साथ इसका भी ऐलान करे कि जो भी देश इस आतंकी पाकिस्तान से किसी प्रकार का व्यापारिक व सामरिक सम्बंध रखेगा उसके साथ भारत किसी प्रकार का व्यापार नहीं करेगा। भारतीय हुक्मरानों को आतंकी सरगना पाकिस्तान को विश्व में अलग थलग करने के लिए पहले भारत को यह सबसे मजबूत व कारगर कदम उठाना चाहिए। भारत की अब तक की रणनीति पूरी तरह कायराना व भारत के हितों के प्रतिकुल रही। न तो भारत पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने का निर्णय उठा पाया व नहीं उससे सभी प्रकार के संबंध ही तोड़ पाया।

बेशर्मी की हद यह है कि भारत पुलवामा हमले से पहले संसद से मुम्बई, पठानकोट व उरी जैसे दर्जनों आतंकी हमले करने वाले पाक को सबसे मित्र देश का दर्जा दिये हुए थे। यही नहीं भारत पर आतंकी हमले करने वाले पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित कराने के बजाय  भारत उसके आतंकी संगठनों पर ही प्रतिबंध लगाने की बात कर रहा है। हकीकत तो यह है अजहर मसूद हो या सईद सहित तमाम आतंकी व उनके संगठन सभी पाकिस्तान की भारत को तबाह करने वाली नापाक षडयंत्र के मोहरे मात्र है। असली गुनाहगार आतंकी नहीं अपितु पाकिस्तान है जो लाखों  आतंकियों को प्रशिक्षण, संरक्षण व प्रेषित कर भारत पर आतंक का प्रहार कर रहा है। आतंक के मूल पाकिस्तान को तबाह किये बिना भारत में अमन चैन कभी हो नहीं सकता है।

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