नई दिल्ली से पसूकाभास
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) तथा भारत सरकार ने मुम्बई मेट्रो रेल प्रणाली की दो लाईनों को चालू करने के लिए आज 926 मिलियन डॉलर के ऋण समझौता पर हस्ताक्षर किये। इस समझौता से लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा और शहर स्वच्छ होगा तथा भीड़-भाड़ कम करने में मदद मिलेगी। 26 फरवरी, 2019 को एडीबी बोर्ड द्वारा स्वीकृत यह ऋण एडीबी के इतिहास में सबसे बड़ा एकल आधारभूत परियोजना ऋण है और इससे लाईन 2ए (दहिसर से डी एन नगर), 2बी (डी एन नगर – बांद्रा – मंडाले) तथा 7 (दहिसर पूर्व से अंधेरी पूर्व) की कुल 58 किलोमीटर लंबी रेललाईन का वित्त पोषण होगा। यह परियोजना 63 छह डिब्बों की ट्रेन, सिग्नल तथा सुरक्षा प्रणालियों के लिए धन-पोषण करेगी और मुम्बई में संपूर्ण मेट्रो नेटवर्क के प्रबंधन के लिए समर्पित नये मेट्रो संचालन संगठन की स्थापना में मदद देगी। परियोजना मुम्बई महानगरीय क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) लागू करेगा। 2022 के अंत तक इन लाईनों के चालू होने से अनुमानित 2 मिलियन यात्री एक दिन में दो नई लाईनों का उपयोग करेंगे और पहले से अधिक सुरक्षित और आरामदायक ढंग से यात्रा करेंगे। इससे वाहनों के उत्सर्जन में कमी आयेगी और कार्बन डाईआक्साईड उत्सर्जन में एक वर्ष में लगभग 166,000 टन की कमी आयेगी। ऋण समझौता पर एबीडी की ओर से एबीडी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किया। उन्होंने कहा कि एबीडी की वित्तीय सहायता से मुम्बई के लाखों यात्रियों को यात्रा सुविधा मिलेगी, उपनगरीय रेल प्रणाली में भीड़ कम होगी और नागरिकों को आधुनिक, स्वच्छ तथा रहने योग्य शहरी वातावरण प्रदान करने में योगदान होगा। ऋण समझौता पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव (फंड बैंक तथा एबीडी) श्री समीर कुमार खरे ने हस्ताक्षर किया। उन्होंने कहा कि न्यू मुम्बई मेट्रो राज्य सरकार की महत्वकांक्षी और परिवर्तनकारी योजना है जो शहरी परिवहन नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने और भारत के वित्त केन्द्र की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान देगी। 12 मिलियन आबादी का मुम्बई शहर महराष्ट्र की राजधानी है और इसे भारत की वित्तीय राजधानी माना जाता है। महाराष्ट्र भारत की सकल घरेलू उत्पाद में 15 प्रतिशत का योगदान करता है, जिसमें से 40 प्रतिशत मुम्बई महानगरीय क्षेत्र का योगदान है। मुम्बई में रेल परिवहन का प्राथमिक साधन है और लगभग 400 किलोमीटर के उपनगरीय नेटवर्क में एक दिन में 7.5 मिलियन से अधिक यात्री सफर करते हैं। परिवहन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए सरकार ने 276 किलोमीटर लंबी 12 मेट्रो लाईनों के लिए योजना विकसित की है। सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर 2014 में लाईन-1 पूरी की गई। इस लाईन पर एक दिन में 400,000 यात्री सफर करते हैं और इसके पूर्व-पश्चिम मार्ग पर यात्रा समय 71 मिनट से घटकर 21 मिनट हो गया है। दो अन्य मेट्रो लाईनों से यात्रा में सुगमता आयेगी और शहर रहने योग्य तथा स्पर्धी बनेगा। कई बार स्टेशनों तक की पहुंच कठिन होती है, इसलिए एडीबी इलेक्ट्रिक वाहन तथा गैर-मोटर वाहन के माध्यम से अंतिम छोर तक संपर्क को सुधारने में एमएमआरडीए को मदद दे रहा है।
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