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आतंकी पाकिस्तान को मित्र राष्ट्र बताने वाली आत्मघाती नीति आतंक से तबाह हो रहा है भारत

जम्मू कश्मीर के पुलवामा-अवंतिपुरा में आत्मघाती आतंकी हमले में केआपुब के 42जवान शहीद, दर्जनों घायल

 
आतंकी पाक को आतंकी व शत्रु राष्ट्र घोषित करके कमर तोड़े बिना नही होगा आतंक का सफाया

 
आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मुहम्मद ने ली

 

देवसिंह रावत –

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे खौपनाक आत्मघाती हमले में केआपुब(CRPF) के 42 जवान शहीद हो गये और दर्जनों घायल हो गये। । यह खौपनाक हमला 14 फरवरी को उस समय हुआ जब केआपुब के 2500 जवान 43 बसों में सवार हो कर जा रहे थे। उसी समय जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी  आदिल अहमद उर्फ वकास ने विस्फोटों से भरी कार  अवंतीपोर के पास  तेजी से काफिले में घुस कर टकरा दी।  इससे बस के चित्थडे उड गये। इसी दौरान छुपे अन्य आतंकियों ने घायल जवानों पर अंधाधुंध हमला किया।  श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोर के पास गोरीपोरा के पास हुआ। विस्फोट में तीन अन्य वाहनों को भी क्षति पहुंची है। सभी घायल जवानों को उपचार के लिए बादामी बाग सैन्य छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में दाखिल कराया गया है। आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।  आत्मघाती आदिल अहमद उर्फ वकास-हमला जैश ए मोहम्मद द्वारा बनाए गए अफजल गुरु स्कवाड ने किया है। हमले से कुछ समय पहले का आदिल का वीडियो जो अफजल गुरु स्कवाड के इस प्रकार के हमले का विडियोे जारी किया था।
उरी और पठानकोट में हुए आतंकी बडे इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली। ऐसी खबर है कि इस आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद उर्फ वकास को इस प्रकार का विस्फोट करने का प्रशिक्षण अफगानी आतंकी गाजी रशीद ने दिया। ऐसी अटकलें लगायी जा रही है कि अफगानी आतंकी गाजी कुछ ही समय पहले भारत में दाखिल हुआ। ऐसी भी खबरे है कि इस कार टक्कर से हुए धमाके की आवाज से पूरा इलाका दहल गया और आसमान में काले धुुएं के गुब्बार के साथ सड़क पर लोगों को रोने-चिल्लाने की आवाजें आने लगी। काफिले में शामिल अन्य वाहन तुरंत रुक गए और उनमें सवार जवान जब बाहर निकल रहे थे तो वहीं आसपास घात लगाकर  बैठे आतंकियों ने उन पर गोलियां भी दागी। जवानों ने तुरंत जवाबी हमला किया तो आतंकी भाग गये। देश की जनता हैरान है कि 18 सितंबर, 2016 में उड़ी हमले के बाद भी सरकारें कडी कार्यवाही करने के बयान दिये थे। परन्तु उसके बाबजूद आये दिन भारत के जांबाज शहीद हो रहे है। भारत सरकारें दशकों से पाकिस्तान को सबसे मित्र राष्ट्र का बेशर्मी दर्जा दिया हुआ है। जबकि होना चाहिए था कि पठानकोट व उडी हमले के तत्काल बाद पाकिस्तान को श़त्रु राष्ट्र घोषित करके उससे सभी सम्बंध तोड़ कर उसको तोड़ कर तबाह करना चाहिए। तभी इस आतंक पर प्रतिबंद्ध लगेगा। इसके बिना कश्मीर सहित भारत में पनप रहे आतंक पर अंकुश लगने की आश करना भी आत्महत्या करना ही होगा। दुर्भाग्य यह है कि ऐसा  ठोस कदम उठाने के लिए भारत की 10 सालों की सरकारें तैयार नहीं है।

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