फेबु की दुनिया से राजेश्वर उनियाल
हम समस्त भारतवासियों के लिए यह गौरव की बात है कि आबू धाबी की सरकार ने हिंदी को भी तीसरी भाषा के रूप में मान्यता दे दी है ।अभी तक आबू धाबी की अदालतों में केवल अरबी एवं अंग्रेजी भाषा को ही मान्यता प्राप्त थी।
गौरतलब है कि भारतीय संविधान के अनुसार हिन्दी, भारत संघ के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरयाणा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड व उत्तराखण्ड राज्यों तथा दिल्ली व संघ शासित क्षेत्र अंडमान निकोबार की भी राजभाषा है । इसी के साथ महाराष्ट्र, गुजरात व पंजाब राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों चंडीगढ, दादरा नगर हवेली व दमन द्वीप में शासकीय कार्यों हेतु हिन्दी मान्य राजभाषा है । भारत के साथ ही सूरीनाम, फिजी, त्रिनीडाड, गुयाना, मारीशस, थाइलैंड व सिंगापुर इन सात देशों में भी हिन्दी वहां की राजभाषा या सह राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है और अब आबू धाबी को मिलाकर हिन्दी भारत के अतिरिक्त 8 देशों की मान्यता प्राप्त भाषा बन गई है । इसी के साथ विश्व के 44 ऐसे राष्ट्र हैं जहां की 10ः या उससे अधिक जनता हिंदी को बोलते एवं समझते हैं ।