उत्तराखंड देश

प्रधानमंत्री मोदी से उतराखण्ड की पीड़ित बिटिया ने लगायी न्याय की गुहार

सेवा में
माननीय प्रधानमंत्री
भारत सरकार
विषय-उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र देहरादून के निदेशक ने अपने कृत्यों पर पर्दा डालने के लिए  7 साल तक सराहनीय सेवारत कर्मी को बर्खास्त कर भूखों मरने के लिए किया मजबूर

महोदय,
मैं, शीला रावत, देहरादून उतराखण्ड की बेटी हूॅ। माननीय प्रधानमंत्री जी के ‘ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, ‘स्वच्छ भारत अभियान और मन की बात की प्रशंसक हॅू। सच है कि हम बेटियों को संरक्षण प्राप्त हो तो क्या कुछ नहीं कर सकती है। लेकिन सामाजिक क्षेत्र में हमें अक्सर  कठिनाईयों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
मैं स्वयं भी ऐसे ही उत्पीड़न की शिकार हॅू। मैं विगत 7 वर्षों से अभी हाल तक उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र देहरादून(यूसैक) में संविदा पर कार्यरत रही हॅू। विभाग में मेरी नियुक्ति नियमानुसार, 13 मई 2011 को डाटा एंट्री आॅपरेटर पद हेतु आयोजित, वाॅक िइन इंटरव्यू के आधार पर हुई। निदेशक डाॅ एम एम किमोठी जी के कार्यालय आदेश संख्या यू-सैक/त.प्र/स्कूल मैपिंग/2011/260 दिनाॅंक 23 जून 201ृ1 का पत्र संलग्न है। जिसके उपरांत मई 2012 से बीएसएन आउट सर्विसेज के माध्यम से लिपिकीय मानवशक्ति के कार्यों हेतु आबद्धित की गयी। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आर एस मेहता द्वारा प्रेषित प्रमाण पत्र संलग्न है।
परन्तु अचानक 28 फरवरी 2018 को बिना किसी पूर्व सूचना/नोटिस, बिना त्रुटी बताये, निदेशक द्वारा मुझे विभाग से निष्कासित कर दिया गया। लेकिन फिर भी मैं नियमित रूप से कार्यालय जाती रही, निष्कासित किये जाने का कारण जानने। दिनांक 5 मार्च 2018 को जब मैं कार्यस्थल पंहुची तो हाजिरी रजिस्टर गायब कर दिया गया और बायोमेट्रिक्स से मेरा नाम भी हटा दिया गया। मेरे साथ हो रहे दुव्र्यवहार का कारण, आज तक नहीं बताया गया। मेरा आर्थिक स्रोत खत्म करने के साथ मेरा लगातार मानसिक उत्पीड़न भ्ज्ञी किया जा रहा है।
निदेशक के निर्देश पर 12 अप्रैल को मुझे कार्यालय में पुलिस बुलाकर अपमानित भी किया गया। 13 अप्रैल 2018 को कार्यालय से बाहर कर, गेट  के भीतर से ताला लगा दिया गया। दिनाॅंक 13 अप्रैल 2018 में कार्यस्थल के गेट व बाद में देहरादून के परेड मैदान स्थल धरना स्थल पर न्याय की आश में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हॅू।
मै अपनी फरियाद लेकर सबसे पहले उतराखण्ड के मुख्यमंत्री  से करने गयी। वहां पर मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेन्द्र पंवार से मिली। फिर मैं रविनाथ रमन जी, सचिव विज्ञान एवं प्रौधोगिकी के पास गयी। दोनों ने मुझे न्याय का आश्वासन दिया। परन्तु कई दिन बीतने के बाद 23 अप्रैल 2018 को जन शिकायत निवारण विविर में जिलाधिकारी महोदय से न्याय की गुहार लगायी। इसके बाद उतराखण्ड सरकार के मंत्री सुबोध उनियाल जी व मंत्री प्रकाश पंत से भी फरियाद की। दो बार मैने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर उनसे इंसाफ दिलाने की गुहार लगायी। लम्बे समय से जब कहीं से कोई सुनवायी नहीं हुई तो मुझे विवश होकर आपसे न्याय की यह गुहार लगानी पड रही है।
माननीय प्रधानमंत्री जी मै आपसे करबद्ध निवेदन कर रही हॅू कि मुझे इंसाफ दिलायें क्योंकि मुझे बिना कारण बताये निष्कासित किया गया। आउट सोर्स ऐजेन्सी वीएसएन सर्विसेज से किये गये अनुबंध के आधार पर(अनुबंध पत्र के बिन्दु 5)  कोई भी नोटिस मेरे खिलाफ ऐजेन्सी को नहीं दिया गया। विगत 7 सालों के कार्यकाल के दौरान भी विभाग द्वारा मेरे कार्य, व्यवहार आदि के खिलाफ एक भी नोटिस ऐजेन्सी को नहीं दिया गया। जबकि विगत 7 सालों में विभाग और एजेंसी दोनों ही कई बार मेरे कार्यों की सराहना करते आये।
लेकिन जनवरी 2018 को उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र देहरादून में प्रतिनियिुक्ति पर आये प्रोफेसर एम पी एस बिष्ट(निदेशक)द्वारा बिना योग्यता और बिना इंटरव्यू के प्रोजेक्ट पर अवैध रूप से नियुक्ति की गयी युवती का पद्दोन्नति करके मुझे नौकरी से हटाने का तुगलकी फरमान किया। जब आउट सोर्स एजेन्सी द्वारा मुझे हटाने का कारण पूछा गया तो अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए उक्त निदेशक ने अनुबंध की शर्तों को दरकिनारे करके 30 अप्रैल 2018 से इस ऐजेंसी से अनुबंध ही खत्म कर दिया। बाद में अन्य 7 कर्मियों को भी बाहर किया गया।
मैं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी से करबद्ध निवेदन करती हूॅं कि मेरे साथ हुए अन्याय की जांच करके मुझे न्याय दिला कर मुझे व मेरे बाद बाहर किये अन्य 7 कर्मियों को ससम्मान -उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र देहरादून में  नियुक्ति दी जाय। मान्यवर इसके लिए आप -उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र देहरादून में नियुक्ती समस्त स्थाई/अस्थाई  कर्मचारियों व अधिकारियों की नियुक्तियों, विभागीय लेखे जोखे और विभागीय कार्यो की उच्च स्तरीय जांच भी करायी जाय। आपके इस उपकार का मैं और मेरा परिवार आजीवन आभारी रहेगा।
धन्यवाद
भवदीय
कुमारी शीला रावत
निवासीः गणेश विहार, अजबपुर(धरमपुर) देहरादून उतराखण्ड
दूरभाष 917017671075
(विभाग का पता-शीला रावत -डाटा एंट्री आपरेटर- उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग , उतराखण्ड शासन, 23 फेज-2 बसंत बिहार देहरादून उतराखण्ड)

 

(24 दिसम्बर को जब प्यारा उतराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत को वरिष्ठ समाजसेवी भार्गव चंदोला ने मुझे सर्दी/गर्मी/दमन इत्यादि उपेक्षाओं को सहकर भी 240 दिनों से परेड ग्राउंड देहरादून में न्याय की गुहार लगा रही उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र देहरादून में 7 सालों तक कार्यरत रही डाटा एंट्री आपरेटर शीला रावत व अन्य साथियों से मिलाया। इन सबका आरोप है कि उतराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र देहरादून में 7 सालों से कार्यरत इन संविधा कर्मियों को बिना नोटिस के बर्खास्त कर उनके व उनके परिजनों के पेट में लात मारी। इस सम्बंध में शीला रावत ने जो पत्र सहित दस्तावेज सौंपे उसी के आधार पर उनके द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से लगायी गयी गुहार )

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