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नेहा नेगी के निर्मम हत्यारे हैवान बंटी से कम गुनाहगार नहीं है उतराखण्ड का पुलिस प्रशासन

प्यारा उतराखण्ड डाट काम
16 दिसम्बर को उतराखण्ड के पौडी जनपद के विकासखण्ड कलजीखाल (पट्टी कफोलस्यू) पल्ली गांव की बीएससी की छात्रा नेहा नेगी को उसी क्षेत्र के एक 12 साल उम्र में बडे अपराधी मनोज उर्फ बंटी ने बुरी तरह से जलाने की घटना ने न केवल उतराखण्ड की जनता को अपितु देश के सभी संवेदनशील लोगों को स्तब्ध कर दिया। बुरी तरह से जली हुई नेहा नेगी की गंभीर  स्थिति को देख कर उसको पहले श्रीनगर, फिर एम्स  रिषिकेश अस्पताल में ले गये, उसके बाद उसको देश में जले के उपचार के लिए विख्यात सबसे बडे अस्पताल दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लाया गया। वहां उपचार के दौरान ही पीड़िता की दर्दनाक मोत हो गयी। उतराखण्ड का आम जनमानस इस अपराधी को तुरंत फांसी देने की मांग कर रहा है।
इस घटना से आहत समाजसेवी प्रदीप नौडियाल ने प्यारा उतराखण्ड को बताया कि 16दिसम्बर को यह हैवानियत तब हुई जब लड़की पेपर देकर आ रही थी और वह हैवान अपने साथियों को जंगल मे घात लगा कर बैठा  था। खबर है कि जलाने के बाद खुद उस हैवान ने इसकी सूचना पीड़िता के परिजन को दी। पुलिस ने इस  दरिंदे को गिरफ्तार कर लिया। यह हैवान शादी शुदा है और वह नसेडी व अपराधिक प्रवृति का ड्राइवर है। दो साल पहले जब उसने इस लडकी के साथ छेडखानी व दुरव्यवहार किया तो उस लडकी ने इस अपराधी को सरेआम करारा थप्पड मारा था। अपने अपराध को नजरांदाज कर इस अपराधी ने प्रतिशोध लेने के लिए यह जघन्य हैवानियत कृत्य को अंजाम दिया।

इस घटना पर प्रदेश पुलिस प्रशासन का बेहद संवेदनहीन चेहरे पर सवालिया निशान लगाते हुए इस घटना से बेहद  आहत दिल्ली में कार्यरत युवा समाजसेवी प्रदीप नौडियाल ने प्यारा उतराखण्ड को बताया कि  पौडी की जलाई गयी छात्रा की पार्थिव शरीर को हम लोग परिजन को साथ पौडी जिलाधिकारी के कार्यालय में ले जाना चाहते थे कि ऐसी घटना की पुनरावृति न हो….जैसे ही हम लोग पौडी तरफ बढ रहे थे पीपलपानी से 1 किलोमीटर की दूरी पर एक ट्रक भरकर पुलिसक्रमी और औफिसर हमारे सामने अचानक खडे हो गये कि उपर से आदेश हैं कि आप लोग डेडबौडी के साथ डीएम कार्यालय नही जा सकते हैं  आपलोग राजनीति कर रहे हो.. दोस्तों जैसे आपलोगो को पता है आजकल रात को वहां पर लगभग माइनस डिग्री मे तापमान रहता है उसके बावजूद लगभग 3घन्टे से ज्यादा समय ऐसी परिस्थिति मे पुलिस प्रशासन से झूझते रहे…. दुखद समाचार मृतका के पुफेरे /चचेरे भाई रावत जी ने कही बार अपने बिधायक को रात को फोन किया परन्तु विधायक घटना स्थल पर नहीं पहुँच पाये जो कि निन्दनीय है… जबकि इस बीच घटना स्थलपर पौडी के तहसीलदार, उप जिलाधिकारी आदि  बारी बारी से पहुंच कर प्रशासन की भागीदारी सुनिश्चित कर रहे थे,। स्थानीय बिधायक मुकेश कोली जी घाटपर अपने दलबल के साथ जरूर उपस्थिति दिखाई…. आजतक ये पता नही चल पाया आधी रात को ठंड मे ये किसका निर्णय था कि पूरा ट्रकभर पुलिसकर्मियो को भेजकर मार्ग अवरूध किया जाय… मेरे जैसे लोगो की समझ से बहार है.. लेकिन आज तक किसी  ने शोसल मीडिया मे यह मुद्दा नही उठाया जो दुखद हैं  …आप लोगो से न्याय के साथ लेने के लिए एक नये जोश के संकल्प की  उम्मीद मे… लड़की की मोबाइल आज तक पुलिस ने बरामद क्यो  नही किया    ? ?  इस तरह कही प्रश्नो का प्रशासन से जबाब मांगा गया है  ..मौन प्रशासन ने इतने दिन तक सिर्फ एक मुजरिम की गिरफ्तारी के अलाव कुछ नहीं किया…।अभी तक पुलिस ने मुजरिम से पुलिस लड़की की फोन अभी तक क्यो प्राप्त नहीं किया।
यहां एक गंभीर सवाल यह भी है कि तक जिसके घर मुजरिम छिपा हुआ था व जहां से पुलिस ने हैवान को दबोचा था उसकी रहस्यमय मोत कैसे हुई। उत्तराखंड जैसी देबभूमि में इस प्रकरण ने प्रशासन,  हमारी बिधायिका को पूरी तरह बेनकाब कर दिया।क्या ये सब   सिर्फ प्रचार, प्रसार के लिए सीमित  रह गये यही सोचनीय बिषय है।

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