सुनील अरोड़ा ने आज, दिनांक 02 दिसम्बर, 2018 को ओ.पी.रावत के पश्चात, भारत के 23वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। श्री रावत ने अपना कार्यकाल पूरा करने के पश्चात पद त्याग दिया है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का प्रभार ग्रहण करने से पूर्व, श्री अरोड़ा 1 सितम्बर, 2017 से भारत के निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यरत थे। निर्वाचन आयुक्त के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, हिमाचल प्रदेश,गुजरात, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैण्ड तथा कर्नाटक राज्यों के निर्वाचन सफलतापूर्वक संचालित किए गए। इसी प्रकार, पांच निर्वाचनाधीन राज्यों अर्थात् छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान एवं तेलंगाना में निर्वाचन पूरे होने के विभिन्न चरणों में हैं और इनकी मतगणना 11 दिसम्बर, 2018 को है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में उनके कार्यकाल में 17वीं लोकसभा के साधारण निर्वाचन के अतिरिक्त सिक्किम, आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखण्ड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रदिल्ली, बिहार तथा जम्मू-कश्मीर की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन आयोजित किए जाएंगे।
दिनांक 13 अप्रैल, 1956 को जन्मे, श्री अरोड़ा, राजस्थान कैडर के 1980 बैच के पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और वे सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव के पद से दिनांक 30 अप्रैल, 2016 को सेवानिवृत हुए थे। अपनी 36 वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने राजस्थान सरकार और केन्द्रीय सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों यथाकौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय,और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयमें सचिव के रूप में; वर्ष 2002 से 2005 के बीच तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक के रूप में; एयर इंडिया, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण लिमिटेड और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में कार्य किया है। श्री अरोड़ा ने कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने के अतिरिक्त वर्ष 2005 से 2013 तक राजस्थान राज्यऔद्योगिक विकास और निवेश निगम (आरआईआईसीओ) के अध्यक्ष तथा वर्ष 2013-2014 में राजस्थान सरकार में अपर मुख्य सचिव (गृह) के रूप में भी कार्य किया है। कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात, श्री अरोड़ा द्वारा दिए गए वक्तव्य का मूल पाठ नीचे दिया गया है:
“पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयुक्तों, जिन्होंने इसे बहुत ही मेहनत से, परिश्रम से लगन से इसको सींचा और साथ-साथ चुनाव आयोग के जो अधिकारी हैं और हमारे फील्ड में जो आफिसर हैं उन सब ने अपना-अपना योगदान दिया।इसी का यह नतीजा है कि भारतीय चुनाव आयोग एक प्रकार से सारे विश्व में जो डेमोक्रेटिक वर्ल्ड के लिए एक आइडियल है और जो देश डेमोक्रेसीज की तरफ बढ़ रहे हैं उनके लिए एक प्रकाश-पुंज है। मैं आप सब को इस स्टेज पर यही कहना चाहता हूं कि हम सब मिलकर, जो संविधान में चुनाव आयोग की भूमिका की परिकल्पना की गई थी, और विशेष तौर पर जो आदर्श हमारे संविधान के प्रीएम्बेल में उद्धृत किए गए हैं, हम उनके अनुसार यथासंभव काम करेंगे और इसमें हमें आप सारे सब देश के चुनाव से लिंक्ड पॉलिटीकल पार्टीज हैं, चाहे सिविल सोसाइटीज हैं या एनजीओ हैं तथा और भी सारे लोग जो देश के हैं, हमारे इलेक्टर हैं, वोटर्स हैं, उनकी उम्मीदों पर खरे उतरने का प्रयास करेंगे, अशोक लवासा जी मेरे बैचमेट दोस्त और साथी चुनाव आयुक्त और नए चुनाव आयुक्त जब भी आएंगे और हम सब इस मौके पर एक तरह से वी सीक योर ब्लेसिंग्स (we seek your blessings)।हां हमने एक समिति बनाई थी – रूल 126 के ऊपर हमारे सीनियर डीईसी, उमेश सिन्हा के अंतर्गत। उन्होंने आश्वस्त किया है कि वे 30 दिसम्बर तक अपनी रिपोर्ट कमीशन को दे देंगे और उनकी रिपोर्ट पर कमीशन विचार करेगा।”