उत्तराखंड

गांधीवादी धूमसिंह नेगी को उपराष्ट्रपति ने जमनालाल बजाज पुरस्कार से किया सम्मानित

गांधीवादी_धूमसिंह_नेगी को उपराष्ट्रपति ने जमनालाल_बजाज_पुरस्कार से किया सम्मानित

मुम्बई (प्याउ)। उपराष्ट्रपति_बेंकैया_नायडू ने 15 नवम्बर को उतराखण्ड के पर्यावरणविद समाजसेवी धूम सिंह नेगी सहित अनैक प्रतिभाओं को प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया। गांधीवादी समाजसेवी धूमसिंह नेगी को जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की खबर से सुन्दर_लाल_बहुगुणा सहित देशभर के गांधीवादियों ने प्रसन्नता प्रकट कर श्री नेगी को बधाई दी।
गौरतलब है कि देश के प्रतिष्ठित बजाज घराने द्वारा स्थापित जमनालाल पुरस्कार की स्थापना 1978 में की गयी। यह पुरस्कार देश में गांधीवादी विचारों को आत्मसात करके जनता में व्यापक प्रचार प्रसार के साथ प्रेरित करने के लिए दिया जाता है। इसमें सम्मानित प्रतिभा को दस लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र से नवाजा जाता है।
#उतराखण्ड के #टिहरी जनपद के पिलेथ (फकोट ब्लाक ) के 79 धूमसिंह नेगी को जमनालाल बजाज पुरस्कार पर्यावरण और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेलखनीय योगदान के लिए दिया गया। श्री नेगी ने 1974 में अध्यापक के पद से त्यागपत्र देकर पूरी तरह समाजसेवा में जुड गयें। हालांकि वे सेवारत रहते विख्यात पर्यावरणविद सुन्दरलाल बहुगुणा से जुडने के बाद शराबबंदी आंदोलन में 1971 में जेल भी गये। #चिपको_आंदोलन की तरह श्री नेगी ने हेंवलघाटी में पेड़ों को कटने से बचाया। नरेन्द्र नगर में जंगली पेड़ों की कटाई की नीलामी के विरोध करने पर 1977 में भी जेल हुई। समाजसेवा के प्रति उनके पूर्ण सम्र्पण से प्रेरित हो कर उनके तीनों शिष्य कुंवर प्रसून, विजय जड़धारी व प्रताप शिखर ने भी अपनी नोकरी छोड़ कर नेगी की तरह समाजसेवा में समर्पित हो गये। श्री नेगी पर्यावरण के साथ पहाड़ के बीज बचाने के आंदोलन के प्रणेता भी रहे। श्री नेगी, पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा के नेतृत्व में पर्यावरण बचाने के लिए चिपको के मूल मंत्र का प्रसार करने के लिए हिमालयी क्षेत्र कश्मीर से लेकर कोहिमा की 5000 किमी की यात्रा के सहयात्री भी रहे। 

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