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साधू संतों का महा ऐलान 2019 में Modi जीताना है देश धर्म को बचाना है ! कांग्रेस में मची खलबली

साधू संतों का महा ऐलान 2019 में Modi जीताना है देश धर्म को बचाना है ! कांग्रेस में मची खलबली

प्यारा उत्तराखंड -अखिल भारतीय सन्त समिति द्वारा आयोजित धर्मादेश सन्त महासम्मेलन
दिनांक: 3-4 नवम्बर, 2018 – तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली
धर्मादेश
विषय: श्रीराम जन्मभूमि
सन्तों का यह धर्मादेश – कानून बनाओ या अध्यादेश
जनता की लिए करणीय
1 सन्तों द्वारा घोषित आगामी कार्यक्रमों में सक्रियता से प्रत्यक्ष सहभागी बनें।
2 छद्मवेश में मन्दिर निर्माण आन्दोलन को दिग्भ्रमित करने वाले लोगों, राजनीतिज्ञों और विधर्मियों से सावधान रहें।
3 अपने द्वारा कोई भी ऐसा कार्य न हो, जो हिन्दू समाज की एकता को भंग करता हो।
4 इस आन्दोलन का नेतृत्व प्रारम्भ से सन्तों के हाथ में रहा है। इसलिए उन्हीं सन्तों के मार्गदर्शन में हमें कार्य करना है।
विषय: बंगलादेशी घुसपैठ समस्या – एकमात्र समाधान है छ त् ब् का अद्यतन
सरकार को चाहिए कि वह –
5 शीघ्रातिशीघ्र बंगलादेश से लगती हुई सम्पूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय सीमा की हाईटेक फैंसिंग कर घुसपैठ को पूरी तरह से रोका जाए।
6 घुसपैठियों की पहचान के लिए असम में चल रहे छत्ब् (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) के काम को सफलतापूर्वक पूरा कराएं।
7 असम की छत्ब् की तरह ही देश के सभी राज्यों में घुसपैठियों की पहचान के लिए देशव्यापी छत्ब् का काम तत्काल प्रारम्भ करो, जिसका आधार 1947 हो।
8 बंगलादेश के साथ कूटनीतिक बातचीत करके भारत में छत्ब् के बाद पहचाने गए बंगलादेशी घुसपैठियों को वापस लेने के लिए विवश करे।
9 देश में अभी तक कोई घुसपैठ विरोधी कानून नहीं है। भारत सरकार को चाहिए कि वह ‘‘घुसपैठ विरोधी’’ एक कठोर कानून देश में बनाए, जिसमें घुसपैठ करने वाले एवं घुसपैठियों को आश्रय व रोजगार देने वालों और जाली प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम दण्ड का प्रावधान हो।
10 पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक जो धार्मिक उत्पीड़न को झेलते हुए हमारे देश में आ रहे हैं, इस विषय पर सरकार को एक देशव्यापी रणनीति व व्यवस्था बनानी होगी, जिससे सौहार्दपूर्ण माहौल में हिन्दुओं के समेत पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों का इस देश में
व्यवस्थित पुनर्वसन, उनको शरणार्थी का दर्जा व उनकी नागरिकता सुनिश्चित की जा सके।
11 रोहिंग्या मुस्लिमों को चिन्हित कर देश से बाहर किया जाए।

12 जनसंख्या असंतुलन का कारण किसी समान नागरिक कानून का न होना भी है। इसलिए भारत सरकार को समान नागरिक संहिता और ‘‘राष्ट्रीय जनसंख्या नीति’’ बनानी चाहिए।
जनता के लिए करणीय
13 बंगलादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्या मुस्लिमों की पहचान कराने में सरकार का सहयोग करें।
गोरक्षा
14 अनादिकाल से भारतवर्ष में गाय माँ के रूप में प्रतिष्ठित रही है। वर्तमान समय में गाय की दुर्दशा से सन्त समाज क्षुब्ध है। अतः सरकार शीघ्र गो-मंत्रालय का गठन करे, गो अभयारण्य बनाए, भारतीय गोवंश एवं पंचगव्य पर अनुसंधान कराए।
जनता के लिए करणीय
15 सन्त समाज गोभक्त समाज से यह अपेक्षा करता है कि गोसंरक्षण एवं गोसंवर्धन का कार्य केवल सरकार के द्वारा संभव नहीं है। जब तक इसमें जन सहभागिता नहीं बढ़ेगी, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं होगा। अतः गोवंश आधारित कृषि, गोपालन में सभी सहभागी बने।
विषय: गंगा
16 गंगा, यह कोई सामान्य नदी नहीं है। गंगा हमारे पूर्वजों के तप का पुण्य प्रवाह है। अतः गंगा की अविरलता, निर्मलता को सुनिश्चित करके सरकार इसका सर्वविध संरक्षण करे। राष्ट्रीय नदी गंगाजी प्रबन्धन अधिनियम को संसद से पास कराना सुनिश्चित करें।
जनता के लिए करणीय
17 सन्त समाज सभी गंगाप्रेमियों से यह आग्रह करता है कि गंगा की निर्मलता को नष्ट करने वाला कोई ऐसा कार्य न करे, जैसे- गंगा के घाटों पर साबुन आदि का प्रयोग न करें, पोलीथीन एवं अपने पहने हुए वस्त्र गंगा में अथवा गंगाघाटों पर न छोड़ें।
विषय: मठ-मन्दिर
18 हिन्दू मठ-मन्दिरों का अधिग्रहण समाप्त किया जाए तथा उन्हें स्वायत्तशासी बनाया जाए।
19 आश्रमों में पूजा-अर्चना एवं धार्मिक निर्माण कार्य को चैरिटेबल मानकर उन्हें तत्सम्बन्धी आयकर विभाग की सुविधाएं प्रदान की जाए।
20 हिन्दू तीर्थों व नदियों की पवित्रता, स्वच्छता व गरिमा अक्षुण्ण बनाए रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सरकार तीर्थों के विकास के लिए तीर्थाटन मंत्रालय का गठन करे। तीर्थों का विकास तीर्थ की मूल गौरव-गरिमा व मर्यादा को ध्यान में रखकर किया जाए। तीर्थस्थल को पर्यटन स्थल न बनाया जाए।
मताधिकार
21 लोकतंत्र में मत का ही महत्व है। अतः सभी नागरिक अपने मत का प्रयोग अवश्य करें।
22 हमें अपने विचार अनुरुप अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार लोकतंत्र में है। अतः गाय, गंगा, गीता, गायत्री, गोविन्द को मानने वाले को ही अपना मतदान करें। अपने मताधिकार का प्रयोग विचारपूर्वक करें।
23 नोटा लोकतंत्र का अपमान है। लोकतंत्र में उदासीनता सर्वाधिक घातक है। इसलिए राष्ट्रधर्म का विचार करके अपने मत का प्रयोग अवश्य करें।
समर शेष है नहीं पाप का भागी केवल ब्याध,
जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनके भी अपराध।
आगामी कार्यक्रम
विशाल धर्मसभायें – अयोध्या – 25 नवम्बर, 2018
नागपुर – 25 नवम्बर, 2018
बंगलुरु – 25 नवम्बर, 2018
दिल्ली – 09 दिसम्बर, 2018
24 इसके पश्चात देश के सभी 500 जिलों में बड़ी-बड़ी सभायें की जाएगी।
25 गीता जयन्ती 18 दिसम्बर से आगामी एक सप्ताह तक अपनी-अपनी उपासना पद्धति के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान करना। यह अनुष्ठान एक ही दिन और 2-3 घण्टे का ही करना है।

26 आगामी दीपावली के अवसर पर एक दीपक श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के लिए जलाएं।
विशेष: श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त न होने के कारण जहाँ पर हम आहत हैं वहीं पर भारत सरकार के देश, धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय सुरक्षा व राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़े अनेक कार्यों से संतुष्ट भी हैं। हमारी जो भी अपेक्षाएं हैं वह इसी सरकार से है और हमारा विश्वास है कि हमारी समस्याओं का समाधान भी यही सरकार करेगी तथा अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी।

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