उत्तराखंड का कैसे होगा विकास ? राज्य के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बताई सरकार की आगे की ये है योजनाएं
प्यारा उत्तराखंड देहरादून- उत्तराखंड इन्वेस्टर समिट-2018″ के द्वितीय सत्र में प्लेनरी सेशन आॅन उद्यमिता विकास एंड स्टार्ट-अप्स के विषय में आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए वित्त, संसदीय मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि राज्य ने स्टार्ट-अप के क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु स्टार्ट-अप्स-2018 नीति बनाई है जिसके तहत राज्य के नव युवकों को अवसर प्रदान किया जा रहा है। नीति के तहत स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए नये उद्यमियों को पूंजीगत लाभ, बिजली में रियायत के साथ ही अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। घर बैठे ही आवेदक आॅनलाइन पोर्टल की सहायता से पंजीकरण कर सकते है। स्टार्ट-अप के क्षेत्र में कार्य करने वाले उद्यमियों को उत्तराखण्ड पीएचडी चैम्बर्स आॅफ कामर्स एंड उद्योग द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा। सरकार द्वारा प्रयास है कि राज्य के प्रति जिले में औद्योगिक आस्थान स्थापित किये जाए। राज्य की नई प्रतिभाओं के सृजनात्मक एवं नवाचार विचार, सोच के लिए पूर्ण रूप से सहयोग किया जाएगा।
महानिदेशक/आयुक्त उद्योग श्रीमती सौजन्या ने कहा कि स्टार्ट-अप योजना राज्य के फ्लैगशिप प्रोग्राम के अन्तर्गत है। इसके लिए सरकार द्वारा विशेष पहल की गई है। लोगों में योजना की जागरूकता हेतु स्टार्ट-अप यात्रा निकाली गई थी। युवाओं में उद्यमिता और स्वरोजगार बढ़ाने के लिए कई तरह की रियायतें दी जा रही है। स्टार्ट-अप शुरू करने वाले सामान्य युवाओं को एक साल तक प्रतिमाह 10 हजार रूपये जबकि पहाड़ के युवाओं के साथ ही महिलाओं, एस.सी., एस.टी को प्रतिमाह 15 हजार मिलेंगे। स्टार्ट-अप के तहत स्थापित हुए उद्योगों को एसजीएसटी में तीन साल तक छूट मिलेगी। प्रोडेक्ट की मार्केटिंग भी योजना में शामिल है। स्टार्ट-अप नीति के तहत राज्य का कोई भी युवा अपने आईडिया के आधार पर उद्योग की स्थापना कर सकता है। स्टार्ट-अप योजना ने लोगों के जीवन को आसान कर दिया है व अधिक से अधिक लोग योजना का लाभ मिल सके इसके लिए आवश्यकतानुसार समय-समय में नीति में संशोधन भी किया जाएगा।
पी.एच.डी. चैम्बर्स आॅफ कामर्स एंड उद्योग से आए हुए पैनलिस्ट के सदस्यों ने राज्य में स्टार्ट-अप योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु अपने सुझाव दिए। कहा कि स्टार्ट-अप योजना को शुरू करने में सफलता व विफलता में से कुछ भी हासिल हो सकता है किन्तु दृढ़ निश्चय होकर अपने कार्य में सभी उद्यमी लगे रहे। विफलता जीवन का अंग है व विफलताओं से मनुष्य को सीखने को मिलता है। ओयो, फिल्पकार्ट जैसे आइकॉन के विषय में कहा कि से सभी कम्पनी अपनी सफलता से पूर्व कई चरणों में विफल हुई थी किन्तु अंत में आज देश की नामी कम्पनियों में शुमार है। हमारा लक्ष्य है 2025 तक 100 यूनिकाॅन स्थापित करना है, इस समिट में आए हुए प्रतिभागियों से उम्मीद है कि कुछ यूनिकाॅन #Uttarakhand से निकलकर सामने आएंगे। इस अवसर पर पैनलिस्ट ने आए हुए प्रतिभागियों की क्वेरियों के उत्तर भी दिए।——
#UttarakhandInvestorsSummit के दूसरे दिन #MSME सेशन के अन्तर्गत निवेशकों का स्वागत किया । निवेशकों को राज्य में पूंजी निवेश करने के लिये प्रोत्साहित करते हुए जानकारी दी की एम.एस.एम.ई. का क्षेत्र #Uttarakhand में महत्वपूर्ण है। राज्य में उद्योग के क्षेत्र में एक अच्छा माहौल बना हुआ है। हमारे पास कुशल मानव संसाधन, सस्ती बिजली व कानून व्यवस्था है। उद्योग के क्षेत्र में राज्य से बेहतर वातावरण देश में किसी अन्य राज्य में नहीं मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में 13800 बच्चों को प्रशिक्षित किया गया है। इस वर्ष हमने एक लाख बच्चों को प्रशिक्षित कर स्किल करने का लक्ष्य रखा है। पूंजी निवेश के माध्यम से एम.एस.एम.ई. को और बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे।
राज्य में एम.एस.एम.ई. के क्षेत्र में निवेश आने से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं। सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्यमियों को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है, ताकि उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। #InvestorsSummit के विभिन्न रोड शो के दौरान विभिन्न उद्यमियों व व्यापारिक संगठनों से मिले सुझावों को शामिल करते हुए दस नीतियां बनाई गईं। इनमें निवेश के अनुकूल प्राविधान किए गए हैं। मध्यम व लघु व्यवसायियों को कई तरह की सहूलियतें दी गई हैं। #GST में छोटे व्यापारियों का विशेष ध्यान रखा गया है। 20 लाख तक के टर्नओवर के उद्यमों को जीएसटी के अन्तर्गत छूट प्रदान की गई है। राज्य में एम.एस.एम.ई. के उद्योग सहित अन्य बड़े व छोटे उद्योग भी स्थापित है। निवेशक राज्य में पूंजी निवेश किस क्षेत्र में करें, इस हेतु हमने तीन प्रकार की श्रेणियां बनाई है। यदि उद्यमी #Pithoragarh, #Champawat, #Chamoli, #Uttarkashi व हिमालय से लगे हुए क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करते है, तो भूमि खरीद में स्टाॅम्प शुल्क में सब्सिडी दी जायेगी।
प्रदेश में सड़क, रेल व वायु सेवा भी बेहतर है। प्रदेश में प्रतिवर्ष 800 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता हैै। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक रोड कनेक्टिविटी बेहतर है। 250 तक की आबादी वाले गांवों को भी सड़क मार्ग से जोड़ा गया है। कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल लाईन का कार्य भी गतिमान है। आॅल वेदर रोड का कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है। आॅल वेदर रोड का कार्य पूर्ण होने के बाद सड़क कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी, जिससे आवागमन को और अच्छी सहूलियत मिलेगी। हमारी रोड कनेक्टिविटी बेहतर है, हम देश के बड़े शहरों से जुड़ चुके है हमारी हवाई सेवा भी बेहतर है। देश के प्रमुख शहरों के लिये जौलीग्रांट एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं प्रदान की जा रही है। जबकि प्रदेश में #Dehradun से पंतनगर तक हवाई सेवा भी शुरू की गई है। इसके साथ ही आज ‘उड़ान योजना’ के अन्तर्गत देहरादून से नैनीसैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़ तक भी हवाई सेवा शुरू की जा चुकी है।