मैती कल्यो समारोह में 400 ध्याणियों को कल्यो दे कर किया सम्मानित ।
जनता इंटर कालेज झिझौणी(बडेरा) का लोकार्पण
नारायणबगड(प्याउ)। भले ही आज आधुनिकता की चकाचौंध में विलुप्त सी हो गयी साल में एक बार अपनी ध्याणों (विवाहित बेटी/बहनो)को मैत का कल्यो (मैत की मिठ्ठाई) देने की उत्तराखण्ड की प्राचीन परंपरा से देश विदेश के महानगरों व उत्तराखण्ड के कस्बाई शहरों में रहने वाले नई पीढ़ी भूल सी गयी हो। परन्तु इस विलुप्त सी हो रही परंपरा को जीवंत करने का सराहनीय कार्य किया, सीमान्त जनपद चमोली के विकासखण्ड नारायण बगड़ के दूरस्थ क्षेत्र के विकास के लिए दशकों से समर्पित ‘झिंझोणी विकास समिति’ ने 18 अप्रैल के दिन अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर मैती कल्यो समारोह का भव्य आयोजन किया। इस समारोह से लोगों से अपनी परंपराओं से जुडने का साफ संदेश की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी। इस दूरस्थ क्षेत्र में आयोजित मैती कल्यो समारोह में झिझौणी, मार्गटी, चवनपुरी, और चन्द्र पूरी आदि गांवों से आये 3 हजारे से अधिक विशाल जनसमुदाय की उपस्थिति में झिंझोणी विकास समिति ने 400 ध्याणियों को दिया कल्यो दे कर सम्मानित किया गया।
झिंझौणी विकास समिति द्वारा आयोजित इस मैती कल्यो समारोह व जनता इंटर काॅलेज झिझौणी(बुडेरा) की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली की अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह ने की और इस समारोह के मुख्य अतिथि कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी थे। इस समारोह को साकार करने में भागीरथ योगदान देने वाले क्षेत्र के अग्रणी समाजसेवी व दिल्ली में गढ़वाल एयरकाॅन के प्रमुख भवान सिंह भण्डारी इस कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि अतिथि थे। इसके अलावा क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी हरिपाल नेगी सहित अनैक प्रतिष्ठित समाजसेवियों ने इस कार्यक्रम में उपस्थित हो कर झिंझोणी विकास समिति खासकर क्षेत्र के समर्पित समाजसेवी उद्यमी भवान सिंह भण्डारी व उनकी धर्मपत्नी मीना भंडारी से प्रेरणा लेकर अपने अपने गांव व प्रदेश के लिए समर्पित होने का आवाहन किया। इस अवसर पर श्री भण्डारी व श्रीमती मीना भंडारी ने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव समर्पित रहने का आश्वासन क्षेत्र की जनता को दिया। गौरतलब है कि झिंझौणी निवासी भवान सिंह भण्डारी दिल्ली में एयर कंडीशन सेवा के प्रमुख उद्यमी होने के साथ अग्रणी समाजसेवी भी है। श्री भण्डारी हमेशा बिना मंच, माला व नाम के जनसेवा में समर्पित रहते है।
इस समारोह को सफल बनाने में झिंझोणी विकास समिति के संरक्षक केप्टन मोहन सिंह और भजन सिंह भंडारी के साथ पूरी समिति व ग्रामीण तन मन धन से महिनों से जुटे हुए थे। इस समारोह में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा 10 लाख रूपये लैब निर्माण के लिए सहयोग देने का ऐलान कर्णप्रयाग क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी ने किया।इसी कार्यक्रम में इंटर कालेज के जनसुविधाओं के निर्माण के लिए 2 लाख रूपये का सहयोग देने का ऐलान जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह ने किया। इस अवसर पर यहां के प्रतिभावान छात्र छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी जीवंत प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर जनता इंटर कालेज झिझौणी(बडेरा) का भी लोकार्पण किया गया। गौरतलब है कि इस जनता इंटर में छटवीं कक्षा से दसवीं तक सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त हाई स्कूल है। यहां से इंटर कालेज दूर होने के कारण दसवीं पास करने के बाद कई बच्चे आगे की पढ़ाई गरीबी के कारण आगे की पढाई करने से वंचित रहते। इसीलिए इस दूरस्थ क्षेत्र के लोगों ने इस क्षेत्र के बच्चों को इंटर कालेज की शिक्षा देने के लिए झिंझोणी विकास समिति ने बारहवीं तक की शिक्षा, जनता इंटर कालेज के रूप में संचालित किया है।
उल्लेखनीय है कि मैती कल्यो दोनों उत्तराखण्ड भाषा के दिल को छू लेने वाले शब्द है। मैती का अर्थ होता है विवाहित लडकी का मायका और कल्यो का अर्थ होता है हलवा। पहले के जमाने में हर साल अपनी ध्याण यानी विवाहित बेटी/बहिन को मायका का हलवा देते थे। उस समय मिठ्ठाई का ज्यादा प्रचलन न के बराबर रहता था। बाद में मिठा का मतलब गुड की भैली माना जाता था। कुछ दशकों से चेत के महिने के ओल या आला जिसे मैत का कल्यो ‘आरसा’ के रूप में दिया जाता रहा। ध्याणें अपने मैत से आये अपना आला या कल्यो को पूरे गांव में बडे गर्व व अपनत्व से बांटती थी। जिसका साल में आला नहीं आता था वह ध्याण खुद को अपमानित महसूस करती। जब कभी ध्याण के मैत में कोई दुर्घटना होती थी तब आला नहीं आता था। मैत से आला न आना ध्याणे एक प्रकार की गाली मानती थी। अब जमाना बदल गया। लोग मिठ्ठाई यानी लड्डू इत्यादि का वितरण करते है। अब गांवों से पलायन के कारण मैत का कल्यो रूपि आला का वितरण धीरे धीरे लुप्त प्रायः हो गया है। ससुराल से मायका का अटूट आत्मीय रिश्तों को मजबूत बनाने में ध्याणों को आला/ मैत का कल्यो का महत्वपूर्ण योगदान है।
समारोह समापन के बाद प्यारा उत्तराखण्ड समाचार पत्र के सम्पादक देवसिंह रावत को झिंझोणी विकास समिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह समिति प्रतिवर्ष मैती कल्यो का आयोजन कर गांव की बेटियों का सम्मान कर उन्हें गांव से भावनात्मक रूप से जोड़े रखना। गरीब एवं असहाय लोगो की बेटी की शादी, बीमारी, संकट आदि पर सहयोग करती है। गांव के मेधावी बच्चों को प्रोत्साहन देने हेतु पुरुस्कृत करती है। गांव की शिक्षा व्यवस्था में सहयोग करना। गावँ के बच्चों हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण जैसे AC Mechanic, Electician, Mobile repairing,कंप्यूटर कोर्स आदि की व्यवस्था करती है। गाँव के मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों, सार्वजनिक स्थलों, सांस्कृतिक मेलों में सहयोग करती। गाँव में कृषि, पशुपालन आदि में वैज्ञानिक पद्धति के द्वारा कैश क्रॉप को अपनाने हेतु लोगों को प्रोत्साहित करती है। सहकारिता के द्वारा दुग्ध उत्पादन को रोजगार से जोड़ती है। पर्यटन एवं तीर्थाटन स्थालों की खोज कर उन्हें विकसित कर लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास करती है। यह समिति का आदर्श श्रद्धा का वाक्य जय दीवाली देवता है।