उत्तर प्रदेश देश

हनुमान जी की तरह समर्पित होकर ही होगी सीरिया की तरह तबाही की भट्टी में धधक रहे भारत की रक्षा

हर नागरिक को राम भक्त हनुमान बन कर आतंक, अंग्रेजी की गुलामी व आस्तीन के सांपों की लंका का दहन कर देश की रक्षा करनी होगी।

हनुमान जी की पावन जयंती पर हनुमान जी के श्रीचरणों में शतः शतः नमन्

देवसिंह रावत

हनुमान जयंती पर करोड़ों लोग भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी की पावन जयंती को पूरी श्रद्धा के साथ मनायी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ बंगाल, बिहार दंगों की आग में जल रहा है। इसी सप्ताह भगवान राम के प्रकटोत्सव के जुलूस पर देशद्रोही तत्वों द्वारा किये गये पथराव के बाद ये दंगे भटके है। वहीं अब इसी प्रकार से उप्र सहित देश के विभिन्न शहरों में मंदिरों में देवी देवताओं की मूर्तियां, कहीं भीम राव आम्बेडकर जी की मूर्ति व कहीं अन्य आस्था के प्रतीकों पर तोड़ फोड़ कर देश में जातीय व धार्मिक आधार पर दंगें भडकाकर देश की एकता अखण्डता को हिंसा, रागद्वेष व आरजकता फैला कर ध्वस्थ करने का षडयंत्रों को बडी तेजी से फेलाया जा रहा है। सरकारें इन तत्वों को कश्मीर के पथराव करने वाले आतंकियों की तरह लापरवाह रवैया अपना कर केवल राजनैतिक नजरिये से देख रही है। जबकि देश के दुश्मनों ने कश्मीर, असम सहित पूर्वोतर, बंगाल, उडीसा, तमिलनाडू, कर्नाटक, आंध्र, तेलांगना, बिहार, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ,पंजाब, राजस्थान,उप्र, दिल्ली, हरियाणा, व उत्तराखण्ड में ऐसी बिसात बिछा दी है कि यहां पर षडयंत्र के तहत समाज में तनाव बढाने के लिए जाति व धर्म के नाम दंगे कराने की नापाक कृत्य किये जा रहे है। सरकार को न केवल कश्मीर अपितु देश के सभी संवेदनशील शहरों व गांवों में घर घर तलाशी ले कर अवैध हथियार जब्त करने चाहिए। विदेशों से चंदा व हवाले से अकूत धनराशि ले रहे राजनैतिक दलों व एनजीओं पर अंकुश लगाना चाहिए। एक बात याद रखना चाहिए कि हवाई बयानबाजी से नहीं अपितु ऐसे राष्ट्रद्रोही तत्वों को रूस व सीरिया के साथ चीन की तरह सर उठाते ही जमीदोज करने से ही देश की सुरक्षा होगी।
प्यारा उत्तराखण्ड पिछले वर्ष से देश के हुक्मरानों व राजनैतिक दलों को इस बात से आगाह करता रहा है कि देश द्रोहियों पर कडाई से निपटे सरकारें, नहीं तो देश की हालत सीरिया से बदतर हो जायेगी। सीरिया के साथ तो उसका मित्र विश्व की महाशक्ति रूस बडी मजबूती से उसकी रक्षा करने में सीरिया में सीरिया सरकार विद्रोहियों का सफाया करने में डटा है। सीरिया का राष्ट्रपति असद भी मजबूती से अमेरिका समर्थक सीरिया विद्रोहियों को कुचलने में लगा हुआ है। चोतरफा तबाह होने के बाबजूद सीरिया सरकार सीरिया में सीरिया विद्रोहियों को पूरे सीरिया पर काबिज होने से रोके हुए है। परन्तु भारत में तो चीन व पाक समर्थक आतंकियों ने सीमाओं पर ही नहीं देश के अंदर भी निरंतर हमले कर रहे है। चीन व पाक के अलावा भारत विरोधी ताकतें देश के अंदर धर्म व जाति के नाम पर समाज में विद्वेष फैला कर समाज में आपस में मार काट करवाने के लिए कभी जुलूसों में पथराव व तो कभी मूर्तियों को तोड़ने में लगी है। जिससे पूरे देश की स्थिति बहुत ही डरावनी है। भारत के साथ आज न रूस है व नहीं अमेरिका। अमेरिका भी अंदर से पाकिस्तान को शह देकर भारत के विकास के रथ पर अंकुश लगाने में लगा है।
कुछ समय पहले श्री रविशंकर ने  राम जन्म भूमि विवाद के समाधान के लिए दोनों पक्षों से इस मामले को सुलझाने के लिए देश को आगाह किया कि समस्याओं को सुलझा दे नहीं तो देश की हालत सीरिया से बदतर होगी। उस समय देश के कुम्भकर्ण बने राजनैतिक दलों व तथाकथित बुद्धिजीवियों ने श्री श्री का न केवल उपहास उडाया अपितु कडी फटकार भी लगायी। परन्तु कश्मीर, असम, बंगाल व बिहार की विस्फोटक स्थिति देखने के बाद आशा है देश के हुक्मरानों व राजनैतिक दलों को अपने कबुतरी अति विश्वास व निहित स्वार्थ में अंधे हो कर देश के अमन चैन, विकास, सुरक्षा व अखण्डता को दाव पर लगाने वाली राष्ट्रघाती प्रवृति से देश को उबारने का मन कर रहा होगा।
देश के कर्णधारों को समझना होगा कि देश को इन राष्ट्रघाती तत्वों से उबरने के लिए हनुमान की तरह राम भक्ति करनी चाहिए। राम भक्ति अन्यायी व अत्याचारी ताकतों को जमीदोज करके देश को खुशहाल बनाना। भगवान राम व रावण के बीच के झगडे में हनुमान ने केवल सत्, न्याय व जनहित के प्रतीक भगवान राम का साथ देने के लिए अपना जीवन निस्वार्थ  समर्पित कर दिया। भगवान राम भक्त हनुमान के बारे में हनुमान चालीसा में तुलसी दास जी ने कहा कि
शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन।
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर।
हनुमान जी देवताओं के राजा इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी। इसलिये उनको हनुमान का नाम से विख्यात हुए। भगवान शिव के अवतार हनुमान जी को  बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि नामों से पूरी सृष्टि में वन्दना होती है। हनुमान जी प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम के काज करने के लिए आतुर रहते है।  तुलसीदास जी हनुमान चालीसा में कहते है हनुमान जी के  समान सृष्टि में कोई दूसरा बलवान नहीं है। हनुमान जी के प्रकटोत्सव पर विश्व के सनातन धर्मावलम्बी चेत्र महिने की पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में बडे धुमधाम से मनाया जाता है। हालांकि केरल व तमिलनाडू में  हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को तथा उड़ीसा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है। वहीं कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में चेत्र पूर्णिमा से लेकर वैशाख महीने के 10वें दिन तक यह हनुमान जी जयंती का त्योंहार मनाया जाता है।

ऐसी आस्था है कि एकादश रूद्र के रूप में विख्यात हनुमान जी का जन्म समुद्रमंथन के पश्चात भगवान शिव जी ने भी भगवान विष्णु के मोहिनी रूप देखने की इच्छा प्रकट की। मोहनी रूप पर आसक्ता का तेज वायुदेव ने वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर हनुमान के रूप में प्रकट हुए।
हनुमान जयन्ती को लोग हनुमान मंदिर में दर्शन हेतु जाते है। कुछ लोग व्रत भी धारण कर बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ समर्पित होकर इनकी पूजा करते है। हनुमान जयंती पर रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड, तुलसीदास कृत रामचरितमानस एवं हनुमान चालीसा का पाठ होता है। जगह जगह भंडारे आयोजित किये जाते है।
भगवान रामभक्त हनुमान की तरह निस्वार्थ जनकल्याण व अन्याय के सफाये के लिए अपना जीवन समर्पित करके ही देश कोें राष्ट्रद्रोहियों के चंगुल से बचा कर भारत को पुन्नः महाशक्ति, जगतगुरू व सोने की चिडिया बनाया जा सकता है। इसके लिए देश को आतंक, दंगों व अंग्रेजी की गुलामी की भट्टी से बचाने के लिए देश के हर नागरिक को राम भक्त हनुमान बन कर आतंक, अंग्रेजी की गुलामी व आस्तीन के सांपों की लंका का दहन कर देश की रक्षा करनी होगी। तभी सच्चे अर्थो में रामराज स्थापित होगा तभी सबका साथ व सबका विकास साकार हो पायेगा।

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