नई दिल्ली, (प्याउ)। दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा बिजली कम्पनियों को लगभग 6000 करोड़ रूपये सब्सिडी के रूप में दिया जाना एक बडा घोटाला है। यह दो टूक आरोप लगाया दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने। श्री तिवारी ने कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में जो भी राहत मिली है वह डी.ई.आर.सी. के समक्ष उपभोक्ता संगठनों एवं भाजपा द्वारा निरंतर चलाये गये अभियान के फलस्वरूप है। किन्तु केजरीवाल सरकार द्वारा आयोग में फिक्स्ड चार्जों में वृद्धि का विरोध न किये जाने से उपभोक्ता न केवल पूर्ण लाभ से वंचित रह गये बल्कि उपभोक्ता संगठनों के अनुसार कुछ स्लैब में तो लाभ की जगह उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना होगा।
तीन वर्ष पूर्व केजरीवाल सरकार बिजली वितरण कम्पनियों के खातों में बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाकार और उनके खातों की चांज करके दिल्ली की जनता को बिजली की दरों में 50 प्रतिशत की कमी करने का वायदा करके सत्ता में आई थी। सत्ता में आने के बाद अरविन्द केजरीवाल बिजली कम्पनियों के खातों की जांच करके दरों में कमी करना भूल गये और इसके बदले बिजली कम्पनियों को सब्सिडी देकर उन्हें फायदा पहुंचाया।
मनोज तिवारी ने कहा है कि यदि उपभोक्ता संगठनों के संघर्ष से बिजली की दरों में पर्याप्त कटौती की जा सकती है, जैसा कि अभी हुआ है तो यदि केजरीवाल सरकार ने बिजली कम्पनियों के खातों की जांच करवाई होती तो उपभोक्ताओं को यह फायदा तीन वर्ष पूर्व ही मिल गया होता।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि बिजली की दरों में आज की गई कमी से यह साफ हो गया है कि पिछले तीन वर्षों से बिजली कम्पनियां भारी लाभ कमा रही थीं और लगभग 6,000 करोड़ रूपये उन्हें सब्सिडी के रूप में दिया जाना एक बड़ा घोटाला है। श्री तिवारी ने डी.ई.आर.सी. द्वारा फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोत्तरी को तुरन्त वापस लिये जाने की मांग की है।