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सेना अधिकारी बनी शहीद सैनिक की पत्नी संगीता मल्ल का सेना ने किया सम्मान

देहरादून (प्याउ)। पति के देश की रक्षा के लिए शहीद होने के बाद घर की चार दीवारी में विधवा का जीवन जीने के बजाय अपने शहीद पति की से देश की रक्षा की प्रेरणा लेकर सेना में अधिकारी बन कर न केवल अपने परिजनों अपितु दिवंगत पति की शहादत का सम्मान बढाते हुए साफ संदेश दिया कि शहीदों की पत्नी भी देश की रक्षा में सेना में सम्मलित होने का जज्बा रखती है।
2 सितम्बर 2015 को जम्मू कश्मीर के बारामुला में शहीद हुए 32 राष्ट्रीय राइफ्लस के राइफलमैन शिशिर मल्ल की पत्नी संगीता मल्ल को सेना में अधिकारी बनने पर  23 फरवरी को देहरादून स्थित स्टेशन हेडक्वार्टर क्लेमंटटाउन में आयोजित कार्यक्रम में ब्रिगेडियर  सुभाष पंवार ने सम्मानित किया। सम्मान किया गया।  संगीता अप्रैल से प्रशिक्षण के लिए अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी चेन्नई में जायेगी।
स्टेशन हेडक्वार्टर क्लेंमेंटटाउन में आयोजित कार्यक्रम मे सम्मानित की गयी शहीद की पत्नी संगीता मल्ल के पिता भी सेना में थे। उनकी पढाई सेना के पब्लिक स्कूल क्लेमेंटटाउन में हुई। उनकी शादी शहीद शिशिर मल्ल से हुआ।
शहीद मल्ल की पत्नी संगीता के अनुसार सेना में भर्ती होने की प्रेरणा उन्हें रानीखेत में सेना के अधिकारियों ने तब दी जब वह सेना द्वारा उनके पति को मरणोपरांत दिये गये सेना पदक को लेने गयी थी।
इस प्रेरणा को साकार करते हुए शहीद की पत्नी संगीता मल्ल ने दिसम्बर 2017 में हुई सेना अधिकारी परीक्षा पास कर एक इतिहास रच लिया। सेना की अधिकारी बनी संगीता ने का लालल पालन व उसका विवाह ही सेनिक परिवार में हुआ। उसके तन मन सेना में ही रचा बसा है। उसने अपने पति के देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश की रक्षा के लिए सेना में अधिकारी बनने का संकल्प लिया। वह संकल्प सेना में अधिकारियों की परीक्षा पास कर उसने पूरा कर दिया।

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