उत्तराखंड

गेंदी ध्याण की स्मृति में डेढ़ शताब्दी से खेली जा रही है पौडी के द्वारिखाल, कल्जीखाल व यमकेश्वर में गेंदी मेले की धूम

मुख्यमंत्री ने यमकेश्वर ब्लाक में  थलनदी गैंद मेले को राजकीय घोषित करते हुए करोड़ों की विकास योजनाओं का किया ऐलान

 

कोटद्वार (प्याउ)। यमकेश्वर ब्लाॅक के थलनदी में डाण्डामंडी में 150 वर्षो से निरंतर आयोजित होने वाले गेंदी मेले में जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत भी सम्मलित हुए। मुख्यमंत्री ने इस गेंदी मेले को राजकीय मेले का दर्जा देने का ऐलान किया। हालांकि गेंदी मेले का नाम सुनते ही जागरूक उत्तराखण्डी के जेहन में पौड़ी जनपद का नाम बरबस आ जाता है। पूरे उत्तराखण्ड में पौड़ी ही एक ऐसा जनपद है जहां डेढ़ शताब्दी से द्वारिखाल, कल्जीखाल व यमकेश्वर जैसे तीन प्रमुख विकासखण्डों में गेंदी  खेल प्रसिद्ध है। इन दो स्थानों में है। एक द्वारिखाल विकास खण्ड व कल्जीखाल विकासखंड में माॅं भुवनेश्वर मंदिर क्षेत्र ‘सागुंड़ा में खेले जाने वाला गेंदी मेला व दूसरा है यमकेश्वर विकासखण्ड के डांडामंडी स्थान में थलनदी गंदी कौथिक ।

दोनों स्थानों में यह मेला मकर संक्रांति के दिन आयोजित होता है। हालांकि राज्य गठन के बाद प्रदेश में सरकारी सहयोग से किसान मेले, किसान मेले, विकास मेले व सांस्कृतिक समारोहों की बाढ़ सी आ गयी है। पर पौड़ी जनपद में गेंदी मेला ऐसा डेढ़ शताब्दी से खेला जाने वाला मेला है जो बिना सरकारी सहयोग के बिना उत्तराखण्ड में प्राचीन काल से धार्मिक व सामाजिक मेलों की तरह जनता द्वारा संचालित किया जाता रहा। हालांकि इस साल हरिद्वार में भी तीन दिवसीय गेंदी मेले का आयोजन किया गया। गेंदी मेले का आयोजन मकर संक्रांति के दिन ही होता है।
गेंदी मेले के बारे में ऐसी धारणा यह है कि इसका आयोजन गढवाल क्षेत्र के एक गांव से हुई। गंदी मेला का आयोजन गांव की एक गेंदी नामक लड़की की स्मृति में मनाया गया। इसके पीछे कहानी यह है कि गेंदी नामक लड़की अपने ससुराल से अपने मायके आयी थी। उसका अपने मायके के प्रति गहरा लगाव था। जब वह समय पर अपने ससुराल जाने के लिए तैयार नहीं थी तो इससे आक्रोशित उसके ससुराल वाले उसको लेने उसके मायके पंहुचे। ससुराल पक्ष हर हाल में लड़की को अपनी बहु बता कर उसको ले जाने के लिए उसे अपनी तरफ खिंच रहे थे। वहीं मायके वाले उसे अपनी बेटी बता कर उसको अपने ही गांव मे रखना चाह रहे थे। दोनों पक्षों में हुई जबरदस्त खिंचतान में उस लडकी की दर्दनाक मौत हो गयी। उसी की स्मृति में उस गांव में गेंदी मेले का आयोजन किया गया। धीरे धीरे यह खेल कई स्थानों में खेला जा रहा है।
पौड़ी जनपद के माॅं भुवनेश्वरी देवी क्षेत्र में आयोजित होने वाले गेंदी मेले के बारे में जानकारी देते हुए द्वारिखाल विकासखण्ड के चमोलीसैंण गांव के  समाजसेवी दिगमोहन नेगी ने बताया कि माॅ भुवनेश्वरी मंदिर क्षेत्र ‘सागुंड़ा’ में द्वारिखाल विकासखण्ड के लंगूरस्यूं व कल्जीखाल विकासखण्ड के मनारस्यूं पट्टी के सात दर्जन से अधिक गांवों के हजारों लोग इस खेल में भाग लेते है। 20 किलो की इस गैंद को अपने कब्जे में लेने के लिए मनारस्यूं व लंगूरस्यूं पट्टी के युवा उतरते है। गत वर्ष की तरह इस साल भी लंगूरस्यूं के युवा विजेता रहे। गेहूं के खेतों में चमड़े की गेंद पर कब्जे को लेकर घंटों तक जमकर जोर आजमाईश करते हैं।
वहीं यमकेश्वर विकास खण्ड के डांडा मंडी मेले का मुख्य आकर्षण इस वर्ष मुख्यमंत्री का इस मेले में आगमन होना रहा। डांडामंडी मेले का आयोजन आजमीर-उदयपुर विकास समिति किया गया। डांडामंडी में आयोजित थलनदी गेंद मेले का विधिवत समापन 15 जनवरी को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत  ने किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस क्षेत्र के विकास की अनैक योजनाओं का भी शुभारंभ किया। 3099.26 लाख रूपये की लागत से निर्मित लक्ष्मणझूला-रथुवाढाब-धुमाकोट मोटर मार्ग समेत विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा 364.30 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाली सैंज-चुबयानी-गुमाल गांव-बुधौली के 07 किमी मोटर मार्ग का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने थलनदी गेंद मेले को राजकीय मेला घोषित करने समेत आठ घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने राज्य के सुप्रसिद्ध थलनदी गेंद मेले को राजकीय मेला घोषित करने, बीन नदी में पुल निर्माण करने, शीला-चंडई मोटर मार्ग का निर्माण करने, सोलर फेंसिंग 25 किमी, यमकेश्वर के लिए एक अतिरिक्त 108 एम्बुलेंस सेवा, नीलकंठ में अपर स्टोरी पार्किंग, बिथ्यानी में महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति स्थापना तथा बुकंदी-विन्ध्यवासिनी मोटर मार्ग के निर्माण की घोषणाएं
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने जन कल्याण की विभिन्न सड़क योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। उन्होंने यमकेश्वर तहसील के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 32.86 लाख, ग्राम सकुनियल से भूड़गांव तक स्वैच्छिक श्रमदान से निर्मित 04 कि.मी. मोटर मार्ग, लक्ष्मणझूला-रथुवाढाब-धुमाकोट मोटर मार्ग के कुल 70 किमी मार्ग के पुनस्र्थापना एवं पुनरूद्धार हेतु 2969.10 लाख रूपये तथा एस.सी.एस.पी. योजना के तहत 56 किमी दुगड्डा-लक्ष्मणझूला-बैराज से गाजसेरा तक 97.30 लाख रूपये से निर्मित चार मोटर मार्ग का लोकार्पण तथा सैंज-चुबयानी-गुमाल गांव-बधौली तक 364.30 लाख रूपये से निर्मित होने वाली 07 किमी मोटर मार्ग का शिलान्यास किया।
यमकेश्वर के थलनदी में आजमीर-उदयपुर विकास समिति की पहल पर आयोजित गेंद मेले के समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने पहाड़ों में इस प्रकार के मेलों व कौथिगों को राज्य के पारम्परिक कौथिक बताया। उन्होंने प्राचीन समय में इस प्रकार के कौथिकों के महत्व पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि राज्य के इन मेलों व कौथिगों को देश-विदेश में विशेष महत्व दिया दिया जाता है। पहले के समय में कौथिगों व मेलों के द्वारा व्यापारिक गतिविधियां भी खूब चलाई जाती थी। मुख्यमंत्री ने गेंद मेले की स्थापना व उसके उद्देश्यों पर भी रोशनी डाली। उन्होंने मेला समिति की ओर से लोक परंपराओं को बचाने के लिए इस प्रकार के आयोजनों को सराहनीय कदम बताया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के संकल्प को पुनः दोहराया। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को पनपने नहीं देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला वर्ग के बीच रेडीमेड फैशन के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए राज्य के विभिन्न स्थानों पर 15 ग्रोथ सेंटर स्थापित करने का फैसला किया है। जिससे लोगों को आधुनिक फैशन के साथ-साथ रोजगार भी प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि अब खाद्यान्न की दुकानों में सामुदायिक कम्प्यूटर सेंटर (सीएससी) स्थापित किये जा रहे हैं। जिससे लोगों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण-पत्र भी राशन की दुकानों से प्राप्त हो सकेेंगे।
मेले में सहकारिता, आईआरआईएसएस वेलफेयर फाउंडेशन देहरादून, कृषि, उद्यान, बाल विकास, स्वास्थ्य, पशुपालन, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, डेरी विकास समेत विभिन्न विभागों की ओर से स्टाॅल लगाकर राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न विकास योजनाओं की जानकारियां दी गई।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी, सुरेश राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह गढ़वाली, मेला समिति के अध्यक्ष अनिल सिंह नेगी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के पिताजी श्री आनंद सिंह बिष्ट सहित जिला स्तरीय अधिकारी, क्षेत्रीय जनता व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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