मेरे एनकाउंटर की साजिश हो रही है, मेरी आवाज को दबाया जा रहा है.:डा प्रवीण तोगडिया
डा प्रवीण तोगडिया के घण्टों तक लापता रहने के बाद बेहोशी की हालत में मिलने से संघ परिवार स्तब्ध व आक्रोशित
कुछ सप्ताह पहले ही विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष पद पर तोगडिया के स्थान पर किसी अन्य को आसीन करने का असफल प्रयास हो चूका है।
देवसिंह रावत
संघ परिवार के राज में संघ परिवार के वरिष्ठ नेता प्रवीण तोगडिया के लापता होना व बेहोशी की हालत में मिलना एक विनाशकारी षडयंत्र है या एक सामान्य दुर्घटना?
यह प्रश्न आज देश विदेश में संघ परिवार से जुडे लाखों लाख कार्यकत्र्ताओं के साथ देश के जागरूक लोगों की भी जुबान पर है। क्योंकि संघ परिवार की सबसे बड़ी वैचारिक संगठन विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगडिया का भाजपा शासित प्रदेश गुजरात के अहमदाबाद में आज 15 जनवरी को सुबह 10 .45 से रहस्यमय ढ़ग से न केवल अहमदाबाद अपितु देश विदेश में न केवल विहिप के अपितु पूरे संघ परिवार के लाखों कार्यकत्र्ता स्तब्ध हो गये। कार्यकत्र्ताओं का गुस्से का एक प्रमुख कारण यह भी है कि अभी हाल में डा तोगडिया को विविप के अध्यक्ष पद से हटाने की असफल प्रयास भी किया गया था। जिसे समर्पित कार्यकत्र्ताओं ने विफल कर दिया। कार्यकत्र्ता इस बात से भी आहत है कि डा तोगडिया पर वर्षो पुराना एक मामला भी पुन्न खोला गया। वह भी राजस्थान में जहां भाजपा की ही सरकार है।
देश को सन्न करने वाले प्रकरण पर 16 जनवरी को प्रातः सवा ग्यारह बजे प्रेस वार्ता करके कहा कि लम्बे समय से मेरी आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है। मै सम्पति व समृद्धि को छोड़कर हिंदूओं की एकता के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। उन्होने कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरों के दवाब में उनके द्वारा तैयार किये गये एक हजार चिकित्सकों को भी डराया जा रहा था। वे कल दोपहर तीन बजे के बाद जयपुर जाने के लिए हवाई अड्डे को जा रहा था, परन्तु उनका स्वास्थ्य बिगडने व बेहोश होने के बाद कैसे अस्पताल पंहुचा, इसका भान नहीं है। देश की राजनीति को झकझोरने वाली घटना पर प्रकाश डालते हुए डा तोगडिया की आंखों से बरबस आंसू तक निकल गये । उन्होने कहा कि मेरे एनकाउंटर की साजिश हो रही है, मेरी आवाज को दबाया जा रहा है. तोगड़िया ने कहा कि मैं किसी से डर नहीं रहा हूं, लेकिन मुझे डराने की कोशिश हो रही है।
डा तोगड़िया ने कहा कि कुछ समय से मेरी आवाज दबाने का प्रयास होता रहा, मैं हिंदू एकता के लिए प्रयास करता रहा. कई वर्षों से हिंदुओं की जो आवाज थी, राम मंदिर-गोहत्या का कानून, कश्मीरी हिंदूओं को बसाने की मांग की। इसी कारण पूरे देश से उनके सामाजिक जीवन के खिलाफ वर्षो पुराने मामलों को निकाल कर उनको एक से दूसरे मामलों में निरंतर फंसाने का कृत्य रूपि षडयंत्र इसलिए रचा जा रहा है कि मै हिंदुओं के हित व रक्षा के लिए काम न किया जाय।
डा तोगडिया ने आहत हो कर बताया कि कल जब में पूजा कर रहा था तभी एक व्यक्ति मेरे कमरे में आया और कहा कि डा साहब तुरंत चले जाओं राजस्थान पुलिस व गुजरात पुलिस का एक दस्ता आपका एनकांउंटर करने के लिए आ रहे है। तभी मेरे लिए एक फोन आया तो पता चला कि पुलिस का दस्ता कूच कर गया।
डा तोगडिया ने आरोप लगाया कि मैंने 10 हजार डॉक्टरों को तैयार किया, लेकिन सेंट्रल आईबी ने उन्हें भी डराने की कोशिश की। कल मैं मुंबई में भैयाजी जोशी के साथ कार्यक्रम कर रहा था।
डा तोगड़िया ने कहा कि वह राजस्थान में आत्मसम्र्पण करने जा रहा था। रास्ते में पुलिस उनको पकड़ न ले इसलिए मैंने अपने फोन को बंद कर दिया था, मैंने दूसरे फोन से राजस्थान पुलिस से बात की। राजस्थान के गृहमंत्री से भी इस मुद्दे पर बात की। मैं अकेला ही ऑटो रिक्शा में निकला था. उन्होंने कहा कि जब मैं एयरपोर्ट के लिए निकला था तभी बेहोश हो गया था, बाद में जब आंख खुली तो सीधा अस्पताल में था। डा तोगडिया ने कहा कि वे किसी दवाब में नहीं डरता। समय आने पर वे सबूतों के साथ अपनी बात रखेंगे।उन्होने कार्यकत्र्ताओं से शांति बनाये रखने की अपील की।
15 जनवरी को डा तोगडिया के लापता होने के साथ ऐसी खबर फैली कि राजस्थान पुलिस ने उनको राजस्थान में एक दस साल पुराने मामले में हिरासत में ले लिया। इस खबर व डा तोगडिया के लापता होने से संघ परिवार में आक्रोश फैल गया । आक्रोशित विहिप कार्यकत्र्ताओं ने अहमदाबाद सहित कई शहरों में सड़कों मेें उतर कर प्रदर्शन किया। यही नहीं थाने में विरोध प्रदर्शन भी किया। भारी जनदवाब के बाद आनन फानन में लापता होने 11 घण्टे बाद रात पौने दस बजे खबर आयी कि अहमदाबाद के शाही बाग इलाके में बेहोशी की हालत में डा तोगडिया को 108 ऐंबुलेंस के जरिए चंद्रमणि अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना से संघ परिवार जहां स्तब्ध है वहीं कार्यकत्र्ताओं में भारी आक्रोश यह है कि जब संघ परिवार की भाजपा सरकार में संघ परिवार के नेताओं की ऐसी हालत होगी और उन पर पुराने पुराने मामले खंगाल कर लगाये जायंेगे तो किससे शिकायत करें। कांग्रेस की सरकार में भी संघ के नेताओं के खिलाफ ऐसी कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं की जाती थी।
अहमदाबाद में पुलिस का कहना है कि डा तोगड़िया आखिरी बार ऑटो रिक्शा से जाते हुए दिखाई दिए थे। इस बीच विहिप के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से बातचीत में इस मामले को गंभीर बताते हुए जांच की मांग की है। सभी हैरान है कि जब तोगड़िया को जेड प्लस सुरक्षा मिली है तो वे कैसे अकेले आॅटो रिक्शा में गये।
लोग पुलिसिया कहानी पर विश्वास नहीं कर रहे है। पुलिस जहां डा तोगडिया की बेहोशी के पीछे डा तोगडिया को हाइपोग्लाइसीमिया यानी कम शुगर लेवल होने के बाद बेहाश हुए। हालांकि जानकारों का मानना है कि हाइपर ग्ल्यसीमिया बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को एक आद घण्टे के अंतराल में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए। ऐसा ना करने पर बेहोश होना कोई बड़ी बात नही है। कार्यकत्ताओं के भारी आक्रोश भरे प्रदर्शनों को देखते हुए पुलिस ने डा तोगडिया की खोज की और स्पष्ट किया कि डा तोगडिया को राजस्थान या गुजरात पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया था। बाद में रहस्यमय ढ़ग से उनको बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया। इससे रहस्य और गहरा गया। चंद्रमणि अस्पताल ने स्पष्ट किया कि डा तोगड़िया को अस्पताल में बेहोशी की हालत में लाया गया था। हालांकि उनकी हालत में सुधार हो रहा है। पर अभी वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। भले ही भाजपा एक के बाद एक प्रदेशों में सत्तासीन हो रही है। परन्तु संघ परिवार के सबसे बडे संगठन विहिप की कमान डा तोगडिया के हाथों में रहने से भाजपा के सत्ता के मठाधीशों को शायद ही रास आ रहा है। इसका प्रमुख कारण डा तोगडिया का संघ के सिद्धांतों से कोई समझोता न करना भी है। वे संसार में सबसे प्रतिष्ठित कैंसर चिकित्सक के रूप में विख्यात है परन्तु संघ के आदर्शो को साकार करने के लिए उन्होने अपना सबकुछ छोड़ कर संघ द्वारा सोंपा गया विविप के अध्यक्ष का दायित्व निभा रहे हैं।
ऐसे में उनका भाजपा शासित राज्य गुजरात में गायब होना और भाजपा शासित राज्य राजस्थान में वर्षो पुराने मामले में डा तोगडिया को कटघरे में खडा करने की कोशिश आम कार्यकत्र्ताओं के गले नहीं उतर रही है।