उत्तराखंड

2019 तक बदल जायेगा उत्तराखंड, किया जायेगा 50 हजार करोड़ रू की सडकों का निर्माण: गडकरी

भारतमाला परियोजना में केन्द्र सरकार ने दी उत्तराखण्ड को 10 हजार करोड़ की 5 सीमान्त सडकों का सौगात

केन्द्रीय  सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में देहरादून में किया 5 प्रमुख संडकों का ऐलान 

4500 करोड़ रुपये की लागत से 216 किलोमीटर लम्बी प्रमुख मार्ग ’बैजनाथ-बागेश्वर-कपकोट-मुनस्यारी-सेराघाट-जौलजीवी मार्ग, 2000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 94 किलोमीटर बैजनाथ-थराली-कर्णप्रयाग मार्ग,  1200 करोड़ रुपये की लागत से 147 किलोमीटर अस्कोट-धारचूला-मालपा-लिपुलेख मार्ग, 1000 करोड़ रुपये की लागत से 63 किलोमीटर जोशीमठ-मलारी मार्ग व 1000 करोड़ रुपये की लागत से 51 किलोमीटर माना-मूसा पानी- माणा पास

देहरादून(प्याउ)। देश की सुरक्षा व राज्यों के त्वरित विकास के लिए केन्द्र की मोदी सरकार की महत्वकांक्षी सडक परियोजना ‘ भारत माला परियोजना’ के तहत केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के सीमांत जनपदों को जोड़ने वाली 10 हजार करोड़ लागत से बनने वाली 570 किमी की 5 महत्वपूर्ण संड़कों का सौगात दिया। इन मार्गों का निर्माण छह माह के अंदर प्रारम्भ हो जायेगा।
उत्तराखण्ड को यह सोगात 8 जनवरी को देहरादून में सरकारी अतिथि गृह या सरकारी कार्यालय के बजाय एक होटल में आयोजित की गयी उत्तराखण्ड की सडक परियोजनाओं की संयुक्त समीक्षा बैठक में  केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ राज्य की सड़क परियोजनाओं की संयुक्त समीक्षा बैठक के दौरान दी। इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री ने उत्तराखण्ड में बन रही  सभी परियोजनाओं की ठेकेदार कंपनियों को भी बुलाया गया था। इस बैठक में सर्वकालीन चारधाम मार्ग के साथ उत्तराखंड की बड़ी झीलों और नदियों के लिए सी-प्लेन पर भी विचार किया गया। इसके साथ केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि औली को दावोस की भांति अंतर्राष्ट्रीय डेस्टिनेशन बनाने का कार्य जारी है। उत्तराखण्ड और हिमाचल में करीब सौ स्थानों का चयन  किया गया है जहां से  रोपवे, केबल कार और फरनकुलर रेलवे जैसे वैकल्पिक परिवहन साधनों का उपयोग किया जा सकता है।
प्रदेश में भारत माला परियोजना के तहत स्वीकृत की गयी पांच सडकों में ,   4500 करोड़ रुपये की लागत से 216 किलोमीटर लम्बी प्रमुख मार्ग ’बैजनाथ-बागेश्वर-कपकोट-मुनस्यारी-सेराघाट-जौलजीवी मार्ग, 2000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 94 किलोमीटर बैजनाथ-थराली-कर्णप्रयाग मार्ग,  1200 करोड़ रुपये की लागत से 147 किलोमीटर अस्कोट-धारचूला-मालपा-लिपुलेख मार्ग, 1000 करोड़ रुपये की लागत से 63 किलोमीटर जोशीमठ-मलारी मार्ग व 1000 करोड़ रुपये की लागत से 51 किलोमीटर माना-मूसा पानी- माणा पास सम्मिलित हैं। इस महत्वपूर्ण बैठक में केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, सांसद हरिद्वार रमेश पोखरियाल ’निशंक’, राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

इन महत्वपूर्ण सडकों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए  उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वह शीघ्र ही सभी जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर भू-अधिग्रहण, मुआवजा वितरण और वन भूमि हस्तांतरण के बाकी बचे सभी मामलों पर समयबद्ध कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की सभी परियोजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता पर ले रही है।
केन्द्रीय सडक मंत्री गडकरी ने कहा कि 2019 तक सडकों की दृष्टि से उत्तराखण्ड पूरी तरह बदल जायेगा ।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 तक उत्तराखंड में कुल 50 हजार करोड़ रुपये के सड़क कार्य दिए जाएंगे, जिसमें से बहुत से कार्य पूर्ण हो जाएंगे और बहुत से कार्य प्रारंभ किए जाएंगे। इसके लिए मोदी सरकार महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली-शामली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेस हाईवे बनाया जाएगा और अगले छह माह में इसका कार्य शुरू होने की संभावना है।
बैठक में  प्रदेश में मोदी सरकार की सबसे बड़ी सोगात के रूप में चल रही 900 किमी लम्बी सभी मौसम को सुचारू रहने वाले चार धाम चारधाम ऑल वेदर रोड को भी तय समय पर कार्य पूरा करने के लिए हर पहलू पर गंभीर विचार विमर्श किया गया। केन्द्रीय सडक मंत्री गडकरी ने जानकारी दी कि दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए लगभग 90 प्रतिशत कार्य के लिए जून 2018 और सभी कार्य पूरा करने हेतु दिसम्बर 2018 की डेडलाइन कार्यदायी संस्था और कांट्रेक्टर को दी गई। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने मार्च 2018 तक परियोजना के सारे प्रोजेक्ट के टेंडर करने का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। इस बैठक में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-125 की प्रगति की समीक्षा भी की गई। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत मुजफ्फरनगर-हरिद्वार 4 लेन, हरिद्वार-देहरादून 4 लेन, हरिद्वार- नगीना 4 लेन और एनएच-73 के रुड़की-छुटमलपुर, छुटमलपुर-गणेशपुर मार्ग,  काशीपुर-सितारगंज 4 लेन, सितारगंज- टनकपुर 2 लेन, रुद्रपुर-काठगोदाम 4 लेन, नगीना-काशीपुर 4 लेन, की भी समीक्षा गई।
इस बैठक में बड़ेथी और नालूपानी के भूस्खलन पर भी काम तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। गंगा-यमुना घाटी को जोड़ने वाली 1300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 4.5 किलोमीटर लम्बी सिल्क्यारा टनल पर भी शीघ्र काम शुरू करने का निर्णय लिया।  इस अवसर पर मंत्री ने ऐलान किया कि उनकी सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, इसी के तहत इस निर्माण पर कटने वाले पैड़ के बदले 10 पैड़ लगाये जायेंगे।

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