दहेज आदि कुरितियों से त्रस्त लोग योग्य लडके के अभाव में जबरन उठा कर होेेने वाली शादी को बिहार में कहते है पकडौओ शादी
देवसिंह रावत
आपके दिल में क्या गुजरेगी जब आप किसी मित्र की शादी में बराती बन कर जा रहे हो पर अचानक आपको उठा कर आपकी शादी करा दी जाय। आपके दिल में क्या गुजरेगी, जब जबरन कहा जायेगा आप अब दुल्हा है। गये वो दिन जब लडकियों को जबरन उठा कर शादी की जाती थी। अब तो लड़की वाले ही कुंवारे लडके का अपहरण कर उसकी जबरन शादी करा रहे है। आप किसी दोस्त की शादी में भले ही बराती बन कर जा रहे हो पर कहीं आपका वहां जबरन शादी करा सकता है। आपकी या आपके बेटे की शादी कराने के सभी सपने एक ही झटके में यकायक तमंचे के बल कर जमीदोज करा दिया जाये।
बिहार के मित्रों से मेने लड़के को उठा कर उसकी जबरन शादी करने की बातें सुनी थी। वे इसको वहां पकडौबा शादी कहते है। मुझे विश्वास नहीं होता था। उनके अनुसार अगर गांव में किसी की बारात में कोई कुंवारा बराती को वहां के दबंग लोगों को पसंद आ गया तो उसको जबरन उठा कर उसकी शादी करा दी जाती है। उनकी कहानी मुझे आदम जमाने की कहानिया जैसी लगती । पर 6 जनवरी को मेरी नजर समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर पर पडी तो मैं चैक गया।
खबर है कि बिहार की राजधानी पटना जनपद के पंडारक में बोकारो स्टील प्लांट में कार्यरत एक कुंवारे इंजीनियर विनोद की शादी उसके एक पारिवारिक दोस्त सुरेन्द्र यादव ने नेताओं से मिला कर तबादला कराने के लालच में बुला कर तमंचे के बल पर शादी करा दी। जबरन शादी होती रही और दुल्हा रोता रहा। जब वे वहां पंहुचे वहां पर शादी का मंडप व सभी तैयारियां हो रखी थी। उसने भागना चाहा पर उसको तमंचे के बल पर शादी करने के लिए मजबूर कर दिया।
जबरन शादी कराने की खबर मिलते ही पंडारक थानाप्रमुख ने गोपकिता जा कर जब छापामारी की तो दुल्हा बना इंजीनियर को मुक्त किया गया। पुलिस ने लड़के व उसके परिजनों को मोकमा थाने में इस मामले को दर्ज कराने की सलाह दी।
वहीं इस शादी को जबरन कराये जाने के आरोप से बधु पक्ष ने सिरे से नकार दिया। वधु पक्ष का कहना है कि दुल्हा विनोद ने अपनी मर्जी से यह शादी की है और अब लड़के पक्ष के लोग पटना में दो कट्ठा जमीन मांग रहे हैं। यही नहीं विनोद ने अपने जिस मित्र सुरेन्द्र यादव पर अपने अपहरण करने का आरोप लगाया उसने भी हथियार के बल पर शादी की बात पूरी तरह गलत बतायी।
परन्तु पीड़ित विनोद के अनुसार 3 दिसम्बर को वह अपने एक दोस्त की शादी में सम्मलित होने के लिए नालंदा के इस्लामपुर जाने के लिए पटना पंहुचा था तो वहां उसने अपने मित्र सुरेन्द्र यादव से मिला। वह अपना तबादला कराना चाहता था। सुरेन्द्र यादव ने उसका तबादला कराने के लिए नेता से मिलाने के नाम पर उसे मोकामा स्टेशन पर बुलाया। वहां विनोद अपने एक दोस्त के साथ गया। जहां से वह नेता को मिलाने के नाम पर उसे गोपकिता गांव में ले गया और वहां उसकी जबरन शादी करा दी।
जिस तरह से समाज में दहेज की समस्या विकराल बन गयी है और लडकियों को योग्य वर नहीं मिल रहे है। ऐसे समय लोग योग्य वर का अपहरण करके जबरन शादी करा दे तो इस प्रकार की घटनायें होना भी संभव है। परन्तु एक लडका या उसके परिजनों के बडे अरमान होते है बेटे की शादी करने की। उन अरमानों पर कोई अपनी बेटी की शादी करने के अरमानों को साकार करने के लिए तमंचे के बल पर रौंद दे तो विनोद की तरह चुपचाप आंसू बहाने के अलावा क्या रास्ता रह जाता है। क्योंकि जो जबरन शादी कराते है वे दंबंग लोग होते है जो कानून व अपने बाहुबल से उसका व उसके परिवार का जीना हराम कर सकते है। ऐसे में अधिकांश मामलों में इस शादी को ढ़ोने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। विनोद की तरह आंसू बहाने के अलावा एक आम आदमी क्या कर सकता है।हालांकि बिहार में ऐसी शादी बहुत कम व कभी कभार ही सुनने में आती है पर दहेज व योग्य लडकों के अभाव में ऐसी शादी बिहार ही नहीं देश के किसी भी भाग में हो जाय तो आश्चर्य नहीं होगा।