उत्तराखंड

उत्तराखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य व उद्योग के क्षेत्र में निवेश करेगा यश बिड़ला ग्रुप

उत्तराखण्ड में निवेश से सम्बन्धित सम्भावनाओं पर यशो बंर्धन बिरला ने की मुख्यमंत्री से चर्चा

देहरादून(प्याउ)।  देश का प्रतिष्ठित उद्योग घराने भी उत्तराखण्ड में बड़ी मात्रा में निवेश करना चाहते है। इसी सप्ताह 3 जनवरी को बिरला घराने के यश बिड़ला ग्रुप के प्रमुख यशोबर्धन बिड़ला ने अपने पूरे शिष्टमण्डल के साथ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में भेंट की। श्री बिड़ला ने मुख्यमंत्री को उत्तराखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य, आयुष, आयुर्वेद पंचकर्म व उद्योग के क्षेत्र में निवेश से सम्बन्धित सम्भावनाओं पर चर्चा की।
यश बिड़ला ग्रुप के चेयरमेन श्री यशोवर्द्धन बिडला ने कहा कि देवभूमि की सेवा के लिये वे सदैव तत्पर है। उन्होंने उत्तराखण्ड में टूल्स उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण व हर्बल उद्योग की स्थापना की भी इच्छा जतायी। श्री बिड़ला ने मुख्यमंत्री की अपेक्षा के अनुसार चारधाम यात्रा अवधि में अपने नासिक व पिलानी के चिकित्सकों के चिकित्सा कैम्प का आयोजन व डाॅक्टरांे की उपलब्धता में सहयोग के लिये आश्वस्त किया। उन्होंने भी माना कि उत्तराखण्ड का माहौल उद्योगों के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के 30 स्कूलों को गोद लेने की भी उनकी योजना है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने यश बिड़ला ग्रुप का स्वागत करते हुए उन्हे आश्वस्त किया कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश से सम्बन्धित उनके प्रस्तावों पर शीघ्रता से कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागीय प्रमुखों को कार्यवाही के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने यशोवर्द्धन बिड़ला से यह भी अपेक्षा की कि वे अपना कोई प्रतिनिधि भी उनके निवेश से सम्बन्धित प्रस्तावों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उत्तराखण्ड में नियुक्त करें।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये भूमि की भी व्यवस्थाएं की जा सकती है। श्री बिड़ला के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश व देहरादून में आयुर्वेद पंचकर्म की स्थापना, स्वर्गाश्रम गंगोत्री व यमुनोत्री में चिकित्सालय की स्थापना, टीचर ट्रेनिंग, स्पोकन इंग्लिश, स्कूलों की स्थापना तथा सूचना संचार तकनीकि के क्षेत्र में योगदान के साथ ही श्री केदारनाथ के पुनर्निर्माण में केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट के माध्यम से सहयोग की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जैविक उत्पादों के साथ ही आयुष व आयुर्वेदिक मेडिसन प्लांटो की बहुतायत है। यदि ऐसे स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्योग इन क्षेत्रों में स्थापित होंगे, तो स्थानीय कास्तकारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही अधिक से अधिक स्थानीय उत्पादों के उत्पादन के प्रति उनका जुड़ाव होगा। उत्तराखण्ड में युवा पूर्व सैनिकों की बहुतायत है। इन सैनिकों का भी स्वयं सहायता समूह गठित कर स्थानीय उत्पादों के प्रति उन्हें प्रेरित किया जा सकता है, इससे उद्योगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कच्चे माल की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो सकेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखण्ड का शांत वातावरण उद्योगों के अनुकूल है।

इस अवसर पर सचिव पर्यटन  दिलीप जावलकर द्वारा श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण से संबंधित कार्ययोजना से संबंधित जानकारी दी गई।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव नितेश कुमार झा, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, डाॅ.मेहरबान सिंह बिष्ट, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी अभय सिंह रावत सहित यश बिडला गु्रप के निर्बान बिडला, गुलशन ठाकुर, श्रीमती शालिनी, अशोक भूनिया, एन.एस.बिष्ट आदि उपस्थित थे।

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