कोई है गांधी,समाजवाद, सर्वहारा वाले,कोई है ये रामनाम वाले
पर भारत की सत्ता में आते ही, ये सब बन जाते हैं इंडिया वाले ।
देश की संस्कृति, न्याय, सुशासन लोकशाही को जमीदोज करके
भ्रष्टाचार, मंहगाई बढाकर ये देश को अंग्रेजी का गुलाम बनाते है
गरीबों, मजदूरों का हमदर्द बनकर, साथी लूटेरों को गले लगाते है
ये कालनेमी शिक्षा,चिकित्सा,न्याय,रोजगार की दुकानदारी चलाते है
ऐसे जनसेवक ये देशभक्तों पर कहर व देशद्रोहियों को गले लगाते है
सत्तांध होकर ये आतंकी व देश के दुश्मनों को देश का मित्र बताते है
भ्रष्टाचारियों को गले लगाकर लोकशाही के ध्वजवाहकों को रौंदते है
राम, गांधी, गरीब व देश का नाम लेकर उनके आदर्शो को रौंदते है
-देवसिंह रावत