तेज हुई गैरसैंण राजधानी बनाओ आंदोलन,
23 दिसंबर को देहरादून के गांधी पार्क से घंटाघर होते हुए “राजधानी गैरसैंण के समर्थन में जनगीतों का गायन कर जन-जागरण रैली निकाली।इस रैली में अतुल शर्मा, प्रदीप सकलानी,धोलाखण़्डी आदि साथियों ने गगनभेदी जनगीतों को गायन करते सडको पर उतरे सैकड़ों आंदोलनकारियों के प्रर्दशन ने लोगों के जेहन में राज्य गठन आंदोलन की यादें ताजा हो गईं। साथ ‘गैरसैंण विरोधी विचार’ का पुतला जलाया
देहरादून: उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा ज़ोर पकड़ने लगा है। गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में देहरादून में भी शनिवार को बड़ा प्रदर्शन हुआ। ‘गैरसैंण राजधानी अभियान’ के तहत सैकड़ों आम लोगों ने गांधी पार्क से घंटाघर तक जन-जागरण रैली निकाली। गैरसैंण को राजधानी घोषित किए जाने की मांग करते हुए ‘गैरसैंण विरोधी विचार’ का पुतला भी जलाया गया।
जन-जागरण रैली में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भागीदारी की। प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की थी। अलग-अलग महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं हाथों में पोस्टर और तख़्तियां लेकर शिद्दत के साथ मार्च में जमे रहे। मार्च में राज्य आंदोलनकारियों, सामाजिक संगठनों, महिला संगठनों और पूर्व सैनिकों की भी अच्छी-खासी मौजूदगी रही। सभी ने एकमत से गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने पर जोर दिया। मालूम हो कि उत्तराखंड राज्य गठन के सत्रह सालों बाद भी प्रदेश की राजधानी तय नहीं हो सकी है। राज्य आंदोलन के वक्त से ही गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकारों ने इस मुद्दे को उलझाए रखा। वर्तमान में प्रदेश में प्रचंड बहुमत की सरकार है और केंद्र में भी समान दल सत्ता में है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि ऐसे में डबल इंजन वाली सरकार के पास स्थाई राजधानी घोषित न करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए। आज हुई रैली के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि अविलंब गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए। यदि सरकार अभी भी स्थाई राजधानी के सवाल को हल नहीं करती तो प्रदेश भर में विशाल जनांदोलन छेड़ा जाएगा।
इस आंदोलन में बड़ी संख्या में छात्र नेता सचिन थपलियाल ,भगवती मंदोली,सूरज कोहली,मोहन भण्डारी के साथ छात्रों व युवाओं ने भाग लिया। आयोजन में भाग लेने वालों में सुरेन्द्र सिंह पांगती, रवीन्द्र जुगरान, रघुवीर सिंह विष्ट,देवसिंह रावत,लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, पुरषोत्तम भटृ, प्रदीप सत्ती,पी सी थपलियाल, निर्मला बिष्ट,प्रमिला रावत, हरिकृष्ण किमोठी, लक्ष्मण रावत, वीरेन्द्र सिंह रावत फुटबॉल कोच, संजय बुडाकोटी, ललित जोशी, कैलाश जोशी,चंद्र प्रकाश बुडाकोटी, स्वामी दर्शन भारती,जीत मणि पैनूली, आदि सम्मिलित थे।