जनवरी 2018 में न्यूजीलैंड में हो रहे अंडर 19 क्रिकेट वल्र्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने गये उत्तराखण्ड के आर्यन
देवसिंह रावत
जनवरी 2018 में न्यूजीलैड में होने वाले अंडर 19 क्रिकेट वल्र्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने गये उत्तराखण्ड के आर्यन जुयाल के चुने जाने से क्रिकेट के विशेषज्ञों के मन में एक सवाल क्रोध रहा है कि क्या आर्यन जुयाल भी क्रिकेट जगत में धोनी की तरह चमकेंगे। धोनी व आर्यन दोनों ही मंझे हुए विकेट कीपर और बल्लेबाज हैं। आर्यन अभी भले ही 19 साल से कम उम्र का किशोर हैं परन्तु धरेलु क्रिकेट में उसके शानदार प्रदर्शन के आधार पर ही उसको 19 साल से कम उम्र के विश्व कप क्रिकेट में भारतीय टीम में चयन किया गया।
अभी हाल में सम्पन्न हुई प्रतिष्ठित चेंलेंजर ट्रॉफी में चैथे सबसे सफल विकेट कीपर बन कर सबकी नजरों में उभरे। वीनू मांकड़ ट्रॉफी में 2शतक व कूच बिहार ट्रॉफी के तीन मैच में भी 2 शतक बनाने के साथ विकट कीपर रहे । यही नहीं इंटरजोन टूर्नामेंट में भी सबसे सफलत्तम बल्लेबाज और सर्वश्रेष्ठ विकेट कीपरों में रहे। वे इंटर जोन क्रिकेट टूर्नामेंट में मध्य जोन के सफल कप्तान भी रहे। इन्हीं शानदार प्रदर्शनों के आधार पर चयनकत्र्ताओं ने आर्यन का चयन न्यूजीलैंड में हो रहे अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में खेलने के लिए भारतीय दल में किया। इन्हीं प्रदर्शनों के आधार पर क्रिकेट के जानकार आर्यन को भविष्य के धोनी के रूप में देख रहे है।
हालांकि धोनी की तरह विश्व क्रिकेट में आर्यन अपना परचम लहरा पायेंगे कि नहीं परन्तु अपनी प्रतिभा के दम पर आर्यन ने भारतीय क्रिकेट टीम में स्थान बना कर यह साबित कर दिया कि वह भी कम नहीं है।
आर्यन के चुने जाने से उत्तराखण्ड के खेल प्रेमियों में भारी उत्साह है। भले ही भारतीय क्रिकेट में महेन्द्र सिंह धोनी, उन्मुक्त चंद, ऋषभ पंत जैसे उत्तराखण्ड के कई सितारे अपना परचम लहरा रहे है। परन्तु आर्यन पहला ऐसा खिलाड़ी है जिसका चयन उत्तराखण्ड कोटे के लिए खेलते हुए टीम में जगह बनायी। अन्य खिलाडी जैसे धोनी झारखण्ड व उन्मुक्त चंद, ऋषभ पंत अन्य प्रदेशों से भारतीय क्रिकेट में सम्मलित हुए। उत्तराखण्ड के हुक्मरानों की उदासीनता के कारण अभी तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं दी है। हालांकि उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन के नाम पर कई गुट खिलाते हैं परन्तु आपसी खिंचतान के कारण एक मजबूत दावेदारी मान्यता के लिए ये नहीं कर पाये। इस साल भी उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन के लिए दावेदारी की थी। पर अभी तक सफलता नहीं मिली। इसी के चलते उप्र क्रिकेट एसोसिएशन ने जुगाड़ की राह बना कर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को अपने 12वें जोन के तौर पर मान्यता दी है। इस एसोसिएशन से जुड़े खिलाड़ियों को उत्तर प्रदेश की टीम के लिए ट्रॉयल और टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलता है। आर्यन इसी कोटे से यूपीसीए के लिए चुने गए ।
देखना है आर्यन विश्व कप में अपना परचम लहराने में कहां तक सफल होते हैं।पर आर्यन जुयाल के पिता डा संजय जुयाल, जो हल्द्वानी में वरिष्ठ चिकित्सक है को पूरा विश्वास है उनका बेटा भारतीय क्रिकेट में अपना परचम लहराने में सफल होगा।