उप्र निकाय चुनाव में मिली भारी सफलता से मोदी, शाह व योगी सहित भाजपाई बागबाग, विपक्ष स्तब्ध
उप्र में 16 नगर निगम में भाजपा -14, बसपा-2, सपा व कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला
439 नगर पंचायतों में भाजपा 100, सपा 83, बसपा 45, कांग्रेस 17 व स्वतंत्र 192
198 नगर पालिका परिषद चुनाव में भाजपा -67, सपा- 45, बसपा -27, कांग्रेस- 9 व स्वतंत्र -43
प्यारा उत्तराखण्ड वेबसाईट
उत्तर प्रदेश के निकाय के चुनावों में भाजपा को मिली शानदार सफलता पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उप्र की जनता, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, भाजपा कार्यकत्र्ताओं तथा संगठन पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति और उप्र की भाजपा सरकार की सुशासन एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं के प्रति राज्य की जनता की आस्था आपैर विश्वास की जीत है।
उल्लेखनीय है कि 1 दिसम्बर को हुई निकाय चुनावों की मतगणना के बाद आये परिणामों के अनुसार भाजपा ने उप्र में विपक्ष को पूरी तरह से धराशाही कर दिया। उप्र में 16 नगर निगम के चुनाव में भाजपा को 14 नगर निगमों में विजय मिली, सपा व कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला । दो नगर निगम जीत कर बसपा ने सबको चैंका दिया।
वहीं प्रदेश की 439 नगर पंचायतों के आये परिणामों में भाजपा 100, सपा 83, बसपा 45, कांग्रेस 17 व स्वतंत्र प्रत्याशी 192 ने विजय दर्ज किया।
यही नहीं प्रदेश की 198 नगर पालिका परिषद चुनाव परिणाम में भाजपा ने 67, सपा ने 45, बसपा ने 27, कांग्रेस ने 9 व स्वतंत्र प्रत्याशियों ने 43 स्थानों पर विजय दर्ज करायी।
इस निकाय चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता से भाजपा गदगद है। विपक्षी दल सदमें में हैं। इस चुनावी परिणाम से उप्र के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सरकार पहली चुनावी परीक्षा में सफल हुए। इन चुनाव परिणाम का प्रभाव गुजरात विधानसभा के चुनाव में भी पडेगा। इससे भाजपा लाभान्वित होगी।
उप्र निकाय चुनाव पर भाजपा के अध्यक्ष के कार्यालय सचिव महेन्द्र पाण्डे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि समाज के हर तबके खासकर गरीब, दलित, पिछड़े, षोशित और वंचित ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की विकासपोन्मुखी नीतियों का हृदय से समर्थन किया है और प्रधानमंत्री के जनहित के फैसलों पर मुहर लगाने का काम किया है। राश्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कि चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो गया कि जनता ने आर्थिक सुधारों को सहर्ष स्वीकार किया है और जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को फिर से खारिज किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि 2014 के बाद से स्थानीय निकाय से लेकर सभी स्तर के चुनावों में जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से निरंतर प्राप्त हो रही विजय यात्रा हमारा मनोबल ऊंचा करके हमें और जनोन्मुखी सेवा हेतु शक्ति दे रही हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शाह ने कहा कि जनता का यही अखण्ड आशीर्वाद हमें गुजरात चुनाव में भी मिलने जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नए भारत की नीतियों और विकास आधारित सरकार के एजेंडे को आत्मसात कर चुकी है। श्री शाह ने कहा कि आज की तरह ही 18 दिसंबर को भी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे ही परिणामों की पुनरावृत्ति होगी।
भाजपा अध्यक्ष श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी केन्द्र और राज्य सरकारें सदैव गरीब कल्याण के लिए समर्पित है। श्री शाह ने कहा कि देश की जनता विकास चाहती है और निरंतर नकारात्मक और संकीर्ण राजनीति को खारिज कर रही है। श्री शाह ने कहा कि उप्र के स्थानीय निकाय के चुनाव में भाजपा की अभूतपूर्व विजय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजय और भाजपा की पाॅलिटिक्स आफर परफाॅरमेंस की नीति में जनता की अटूट आस्था का यह एक और उदाहरण है।
श्री शाह ने कहा कि उप्र की जनता को कोटी-कोटी आभार जाते हुए कार्यकत्र्ताओं को भी शुभकामनाएं पे्रषित की, जिन्होने सरकार की जनांेन्मुखी नीतियों को जनता के बीच पहुंचाया।
उल्लेखनीय है कि उप्र में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायतों में तीन चरणों में चुनाव हुए थे। अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 नगर निगम में भाजपा ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों की सीटों पर अन्य विपक्षी दलों की तुलना में कहीं आगे रही। भाजपा ने अध्योध्या, वाराणसी, मथुरा, इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी सहित लगभग सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया है। जबकि सपा, बसपा और कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया है। कांग्रेस व सपा, नगर निगम की एक भी सीट नहीं जीत पायी। जबकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र अमेठी और रायबरेली में भी कांग्रेस को भारी पराजय का मुंह देखना पड़ा है।