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वाह रे विधाता, तेरी माया ही अपार है

 

30 साल बाद अचानक मिलाया तो वह भी चमोली से देहरादून आ रही जीप में

देवसिंह रावत

अपने गांव कोठुली(चमोली) से पहली बार मोटर मार्ग से वाहन में बैठकर कल सुबह 9,22बजे सुनला पहुंचा तो मुझे लगा रिषिकेश जाने के लिए देर हो गयी।
तभी मेरी नजर कर्ण प्रयाग की तरफ को जाने वाली जीप पर पड़ी। मैंने कहा कर्ण प्रयाग जाने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। फिर मैंने पूछा कहां जा रहे हो? उन्होंने कहा देहरादून। मैंने कहा रिषिकेश तो उन्होंने बिठा लिया। मेरे पिछली सीटों पर एक महिला व लड़के एक दूसरे से गांवों के नाम पूछ रहे थे तो जैसे ही एक लड़के ने सुनी गांव का नाम लिया तो मैंने पूछा किस परिवार से हो तो उसने नेगियों के परिवार का बताया।वह देहरादून में कुछ तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहा था।
दूसरा लड़का भटियाणा गांव में मेरे मित्र शंतु प्रसाद भट्ट का इकलौता बेटा, जो देहरादून में सेवारत हैं मिला।उनके दादा सैकड़ा नंद जी और उनके बौड़ा स्वामी प्रसाद आदि के बारे में बात हुई। तीसरी सवारी जो पिछली सीटों पर बैठी थी वह भी कोट गांव की रघुनाथ सिंह बुटोला जी की कंटीली में विवाहिता बेटी है। रघुनाथ जी मेरे दादा जी की बहिन के बेटे हैं। यानी वह अनजान महिला मेरी दीदी निकली, जिनसे में पहले कभी नहीं मिला था। उनसे ही ज्ञात हुआ कि रघुनाथ जी का स्वर्गवास हो चुका है। वे तीनों कर्ण प्रयाग में उतर गये। दोनों लड़के कर्ण प्रयाग में खड़ी अपनी मोटरसाइकिल से देहरादून चले गये।

उसके बाद मै अपने साथ बैठे हम उम्र व्यक्ति पर गयी जो अपने मोबाइल पर व्हाटसप पर पूजा की तस्वीरें देख रहे थे। पूछने पर पता चला कि वह कोई और नहीं मेरे जेठू हीरा सिंह नेगी जी के जेठू यानी चमोली जनपद के कोट कंडारा के फौजी पूरन सिंह नेगी हैं। पूरनसिंह नेगी जी से मैं 30साल पहले जैठू जी की शादी की सुबह तब मिला था जब मैं व मेरा साला भगवान सिंह नेगी , शादी की प्रचलित रस्म मंगल स्नान हेतु तेल व जैवर लेकर पंहुचे थे।
उस दिन के बाद फिर कभी हमारी मुलाकात न हो पायी।
इन 30 सालो में जैठू जी का भी आकस्मिक निधन हुआ। देहरादून आने तक सुख दुख की बातें हूई। पूरन सिंह नेगी जी के बारे में परसों ही सुबह का नाश्ता खाते हुए कोतरा में अपनी छोटी साली राखी है बात हो रही थी। अचानक दूसरे दिन 30सालों से नहीं मिले अपने रिश्तेदार से मिलना प्रभु की अपार कृपा से कम नहीं है।इसी लिए कहते हैं मिलना व विछुडना सब परमात्मा के हाथ में होता है।

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