उत्तराखंड

पलायन आयोग से नहीं अपितु राजधानी गैरसैंण बनाने से रूकेगा पलायन मुख्यमंत्री जी

 

आयोगों के झुनझुनो से उत्तराखण्ड की जनांकांक्षाओं व विकास पर लगेगा ग्रहण

पौड़ी में बनाया जायेगा ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग का मुख्यालय
देवसिंह रावत

28 सितम्बर को उत्तराखण्ड के  मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने गृह जनपद पौड़ी के रामलीला मैदान में जनता दर्शन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री रावत ने इस अवसर पर प्रमुखता से घोषणा की कि पौड़ी में ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग का मुख्यालय बनाया जायेगा। परन्तु पर्वतीय क्षेत्रों से राज्य गठन के बाद हो रहे खौफनाक पलायन के समाधान करने के लिए प्रदेश की पहली  पूर्ण अभूतपूर्व बहुमत की सरकार के मुख्यमंत्री रावत या तो भूल गये या जानबुझ कर मामला उलझाना चाहते है। प्रदेश का बच्चा बच्चा यह जानता है कि प्रदेश की राजधानी राज्य गठन आंदोलनकारियों, शहीदों व जनभावनाओं के अनुसार गैरसैंण बनाने के बजाय प्रदेश की अब तक की सरकारों ने बलात देहरादून में थोपा है, उससे राज्य गठन की जनांकांक्षाओं का गला ही घोंट दिया गया है। बेहतर होता कि सरकार राज्य गठन के समय से ही राजधानी गैरसैंण बनाती। परन्तु इतने शर्मनाक स्थिति के बाबजूद व आंदोलनकारियों की पुरजोर मांग को नजरांदाज करके जिस बेशर्मी व हटधर्मिता से प्रदेश की सरकारें गैरसैंण राजधानी बनाने के बजाय देहरादून में ही राजधानी थोपने का षडयंत्र कर रहे है, उससे प्रदेश की लोकशाही व विकास पर पूरी तरह ग्रहण लग चूका है।
सरकार में जरा सी भी संवेदनशीलता होती तो गैरसैंण राजधानी बनाने का काम करती। परन्तु जनता की आंखों में धूल झोंकने व प्रदेश गठन की जनांकांक्षाओं को रौंदने के लिए जिस प्रकार से कभी राजधानी चयन आयोग व कभी पलायन आयोग का  गठन करने के टोटके सरकार अपना रही है। वह प्रदेश के लिए विनाशकारी साबित होगा। जिस मामले पर प्रदेश गठन आंदोलन के प्रारम्भिक चरण में ही जनता व आंदोलनकारी ही नहीं उप्र सरकार भी सहमत हो गयी हो उसको मात्र अपने निहित स्वार्थ व हटधर्मिता के लिए रौंदना कहीं भी प्रदेश व देश के हित में नहीं है। परन्तु इन सरकारों को सत्तासीन हो कर मतिभ्रम हो जाता है वह जनांकांक्षाओं को साकार करने के बजाय अपने आकाओं की सेवा व सनक के लिए ं प्रदेश के हितों को दाव पर लगाते है उससे प्रदेश की ऐसी दुर्दशा हो गयी है।
प्रदेश गठन के इन 17 सालों में भाग्य विधाता रहे स्वामी, कोश्यारी, तिवारी, खण्डूडी, निशंक, बहुगुणा व रावत आदि को शायद ही इसका भान होगा कि उनकी देहरादून में राजधानी थोपने की हटधर्मिता के कारण जिन लोगों ने राव मुलायम आदि अमानवीय सरकारों के तमाम दमन सह कर भी राज्य गठन करने में अपना खून पसीना बहाया, उनको प्रदेश के देहरादून के मोह में ग्रसित नेताओं व उत्तराखण्ड विरोधी नौकरशाही की सनक के कारण शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार व शासन से वंचित हो रहे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन करने के लिए मजबूर होना पडा है। जनता ने यह राज्य पर्वतीय क्षेत्र को आबाद करने के लिए बनाया था न की नेताओं व नौकरशाहों के लिए देहरादून में पंचतारा सुविधाओं की ऐश उडाने के लिए। अगर इनको गैरसैंण में रह कर काम करने की हिम्मत नहीं है तो प्रदेश को इनकी एक पल के लिए जरूरत नहीं है। ये माफ करे उत्तराखण्ड को।
27  त्रिवेंद्र ने डेढ दर्जन घोषणायें की। जिसमें पौड़ी ब्लाक के अन्तर्गत ग्वाड़स्यूं पट्टी के ल्वाली झील का निर्माण, नगर पालिका परिषद पौड़ी में कूड़ा निस्तारण हेतु धन आवंटन, जिला चिकित्सालय में सरकारी आवास का निर्माण तथा डिजिटल एक्स-रे मशीन की व्यवस्था करने, कल्जीखाल ब्लाक की नयार नदी पर बड़खोली पुल का निर्माण करने की घोषणायें की।
इसके साथ ही विधानसभा पौड़ी के अन्तर्गत एनएच 119 से ग्राम बरसूड़ी तक मोटर मार्ग का नव निर्माण (3 किमी) के कार्य, कोट ब्लाक के अन्तर्गत ग्राम उमरासू में क्षतिग्रस्त सिंचाई नहर का पूनर्निर्माण, पावर हाउस के समीप पार्किंग निर्माण, पर्यटन स्थल कंडोलिया का सौंदर्यीकरण, श्रीनगर-पौड़ी-घुड़दौड़ी तथा खिर्सू-लैंसडोन क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषण की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने घोषणा की कि पौड़ी में कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जायेगा। पौड़ी ब्लाक में सत्यखाल-डांग मोटर मार्ग का पक्कीकरण एवं डामरीकरण का कार्य किया जायेगा।ब्ड पद त्ंउसपसं डंपकंद च्ंनतप…..कोट ब्लाक के व्यासघाट से डांडा नागराज सिद्धपीठ तक तथा बगोलीधार-दोंदल हल्का वाहन मार्ग का मोटर मार्ग में परिवर्तन एवं डामरीकरण किया जायेगा। इसके अलावा जिला मुख्यालय के प्रेम नगर से खंडाह मोटर मार्ग का पक्कीकरण एवं डामरीकरण किया जायेगा। उन्होंने घुड़दौड़ी-बिलकेदार पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण करने एवं कल्जीखाल ब्लाक में सिलेथ-क्यार्कसैंण मोटर मार्ग का पक्कीकरण एवं डामरीकरण (3 किमी) का कार्य किया जायेगा।
जिला चिकित्सालय पौड़ी में शीघ्र आईसीयू की व्यवस्था की जायेगी। रामलीला मैदान में प्रकाश व्यवस्था करने के लिए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को प्रपोजल बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने रांसी स्टेडियम के विस्तारीकरण की बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुुल प्रदेश है। उत्तराखंड के अर्द्ध सैनिक शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।ब्ड पद त्ंउसपसं डंपकंद च्ंनतप…..इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कुल 14 करोड़ 45 लाख 33 हजार रूपये की लागत की 09 विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें 258.45 लाख रूपये की लागत से जयहरीखाल के अन्तर्गत खैरासैंण मोटर मार्ग के पक्कीकरण का कार्य, 130.63 लाख रूपये की लागत की श्रीनगर के मथीगांव पेयजल योजना एवं 135.97 लाख रूपये की नौगांव (चलूंणी) पेयजल योजना शामिल है।
इसके अतिरिक्त 299.27 लाख रूपये की लागत के जनपद पौड़ी में जिला योजना (पूल्ड आवास) के अन्तर्गत श्रेणी चार के चार आवासों का निर्माण, यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत गरूड़ चट्टी-कांडी रोड से तोलसारी तक मोटर मार्ग का निर्माण जिसकी लागत 89 लाख रूपये है।

पौड़ी नगर पालिका क्षेत्र में 125 लाख रूपये की लागत से कंडोलिया से क्यूंकालेश्वर तक मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं एसडीबीसी द्वारा नवीनीकरण शामिल हैं। रिखणीखाल ब्लाक में 86.83 लाख रूपये से निरीक्षण भवन का निर्माण, गुमखाल-द्वारीखाल-चैलूसैंण- मथगांव मोटर मार्ग का डामरीकरण जिसकी लागत 87.80 लाख रूपये एवं 232.38 लाख रूपये की लागत से बनने वाले रिखणीखाल ब्लाक के अन्तर्गत खालदरखास्ती मोटर मार्ग निर्माण कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि बेरोजगारी एवं पलयान को रोकने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। शुरूआती दौर में 50 न्याय पंचायतों से यह कार्य शुरू किया जायेगा। इससे पलायन रोकने के साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के गांवों में अखरोट एवं चिलगोजे के चार लाख पेड़ लगाने की योजना है। इसके लिए दो टास्क फोर्स बनाये जायेंगे तथा नर्सरी बनने का कार्य प्रारंभ हो चुका है।

पिरूल का उपयोग तारपीन का तेल बनाने के लिए किया जायेगा। इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर पिरूल को एकत्रित करने के लिए सेंटर बनाये जायेंगे। स्थानीय लोगों से 5 रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से पिरूल लिया जायेगा। जिससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एनआईएफटी कोर्स, सीपीईटी तथा हॉस्पिटैलिटी की सुविधा शीघ्र प्रदान कराने के लिए प्रयासरत है।

डिग्री कालेजों में दो लाख तिहत्तर हजार बच्चों का निःशुल्क बीमा किया जा रहा है। शिक्षा में गुणवत्त लाने के लिए एक साल में 180 दिनों की क्लास अनिवार्य की गई है। सभी महाविद्यालयों में प्राचार्य की नियुक्ति की गई है। शीघ्र ही डिग्री कालेजों में 877 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। पुलिस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने एवं भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रतिवर्ष तीन करोड़ रूपये की व्यवस्था की जा रही है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनता के बीच जाकर जन शिकायतों की सुनवाई की। इस मौके पर फरियादियों स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता, मोटर मार्ग निर्माण, पेयजल, विद्युत, समाज कल्याण की विभिन्न पेंशनों, राशन कार्ड समेत 400 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई। अधिकतर शिकायतों का मुख्यमंत्री ने मौके पर ही निस्तारण किया। शेष शिकायतों को जिलाधिकारी एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों को शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत, विधायक मुकेश कोली, नगर पालिका अध्यक्ष  यशपाल बेनाम, जिलाधिकारी सुशील कुमार, एसएसपी  जेआर जोशी, मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे एवं अन्य जन प्रतिनिधि तथा संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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