रूस व चीन के दम पर अमेरिका की जगहंसाई कर उकसा रहा है उत्तरी कोरिया
अमेरिका पर अपना बर्चस्व की रक्षा के लिए उतरी कोरिया पर हमला करने का भारी दवाब
इस्लामिक आतंक व ईरान पर भी संयुक्त राष्ट्र में गरजे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प
देवसिंह रावत
भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप ने 19 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने संबोधन में उ.कोरिया की बेलगाम हरकतों के कारण उसको तबाह करने की चेतावनी दीं परन्तु उत्तरी कोरिया ने इसका घोर प्रतिकार कर और गैरजिम्मेदारना ढंग से उकसाते हुए अमेरिका का नाम लिये बिना कहा कि कुत्ते भौंकते रहते है। उ. कोरिया ने अमेरिका पर उस पर हमला करने की ताकत न होने का भी दावा किया। उ. कोरिया की निरंतर उकसाने वाली कार्यवाही को देेख कर विश्व के रक्षा विशेषज्ञ हैरान है कि अमेरिका इतने अपमान के बाबजूद उत्तरी कोरिया को इराक आदि देशों जैसा सबक क्यों नहीं सिखा रहा है। परन्तु वर्तमान स्थिति के अन्य विशेषज्ञों का मानना है इस बार अमेरिका का पाला उ कोरिया से पड़ा जो इराक की तरह हवाई नहीं अपितु सामरिक शक्ति सम्पन्न है। चीन व रूस उसके साथ है। ऐसी स्थिति में उत्तर कोरिया से युद्ध करने का अर्थ है तीसरा विश्व युद्ध जिसमें अमेरिका की तरफ से नाटो गठबंधन के अलावा भारत के सम्मलित होने की प्रबल संभावना है। वहीं उत्तरी कोरिया की तरफ से रूस व चीन के साथ पाकिस्तान जैसे देश भी सम्मलित होंगे। उत्तरी कोरिया तो बहाना है वेसे कोरिया प्रायद्धीप की इस जंग में रूस अपने सोवियत संघ ढाने व चीन अपने बर्चस्व को स्थापित करने के लिए अमेरिका से दो दो हाथ करने के लिए तैयार है। पहले भी कोरिया युद्ध में भले अमेरिका भारी पड़ा हो परन्तु चीन व कोरिया की एकजुटता पहले से अधिक खतरनाक साबित होगी अमेरिका के लिए। इस लड़ाई में चीन व रूस के साथ उ कोरिया की स्थिति पहले से अधिक मजबूत हो चूके है। इस बार पाकिस्तान का भी साथ उत्तरी कोरिया को परमाणु तकनीकी आदि से मिल रहा है। यह युद्ध भी द्वितीय विश्व युद्ध की तरह ही एशिया में परमाणु संहार करने का कारण बन सकता है।
इस्लामिक आतंक, उत्तर कोरिया व ईरान पर निशाना साधते हुए इन्हें विश्व शांति के लिए खतरा बताया।
इस्लामिक आतंक का सफाया करने की हुंकार भरते हुए ट्रम्प ने दुनिया के सभी देशों से आवाहन किया कि वे आतंकी संगठनों को वित्तिय मदद व पनाह न दे।
वहीं उत्तर कोरिया की उकसाने वाले कृत्यों को उतर कोरिया के विनाश को आमंत्रण देना बताते हुए उतर कोरिया को साफ चेतावनी दी है कि उतर कोरिया की परमाणु शक्ति संपन्न सत्ता अगर अपने पड़ोसियों के लिए खतरा बनी तो उत्तर कोरिया को तबाह करना पड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका के पास काफी ताकत और धैर्य है, लेकिन अगर उसे खुद का या अपने सहयोगियों का बचाव करना पड़ा तो हमारे पास उत्तर कोरिया को तबाह करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोन उन को रॉकेट मैन कहते हुए आरोप लगाया कि उसने अपने और अपनी सत्ता के लिए आत्मघाती अभियान पर है।
ईरान के साथ परमाणु करार को तोड़ने का संकेत देते हुए ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते को अमेरिका के लिए शर्मिदगी करार दिया। ऐसी आशंका है कि अमेरिका या तो इस समझौते को रद कर सकता है या कुछ नई शर्ते लगा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका का राष्ट्रपति होने के नाते मेरा दायित्व है कि मैं अमेरिकी लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा करूं। यहीं काम सभी राष्ट्राध्यक्षों का है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया और खासतौर पर अपने सहयोगियों के लिए अच्छा दोस्त साबित होगा।
एक तरफ अमेरिका पर अपना बर्चस्व की रक्षा के लिए उतरी कोरिया पर हमला करने का भारी दवाब है वहीं दूसरी तरफ चीन व रूस की शह पर अमेरिका को ललकार रहे उ कोरिया से हमला करने का मतलब अमेरिका तीसरा विश्वयुद्ध का अंजाम का भी आंकलन कर रहा है। देखना है अमेरिका उ कोरिया विवाद में कैसे अपनी लाज बचाता है या पूरे विश्व को तीसरे विश्व युद्ध की भट्टी में धकेलता है।