पश्चिम बंगाल से ज्यादा राजनीतिक हिंसा शायद ही दुनिया के किसी और हिस्से में होती होगी।
माँ दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन करने के लिए कोर्ट में जाना पड़ता है, माँ सरस्वती की पूजा नहीं करने दिया जाता – ये किस प्रकार के पश्चिम बंगाल का निर्माण हम कर रहे हैं? हम किसी के विरोधी नहीं हैं लेकिन हमारी परंपराओं का ही कोई विरोध करे, इस प्रकार की सोसायटी नहीं चल सकती ’’’’’’’’’’’’’’
कोलकोता(प्याउ)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 12 सितम्बर को कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में जामिनी गैलरी में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की कई ज्वलंत समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की। अपने उद्बोधन के बाद उन्होंने बुद्धिजीवियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिए। इससे पहले उन्होंने तृणमूल की राजनीतिक हिंसा के पीड़ितों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की।
राजनीतिक हिंसा के शिकार लोगों से मुलाकात के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि शायद ही दुनिया के किसी और हिस्से में इससे ज्यादा राजनीतिक हिंसा होती होगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विचारधारा से असहमत होने के कारण जिस प्रकार की हिंसा सत्ताधारी पार्टी के लोगों द्वारा की जा रही है, यह दुखद है, क्या गुरु रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद ने इस तरह के बंगाल की कल्पना की थी, तृणमूल कांग्रेस किस प्रकार की संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहती है? उन्होंने कहा कि इस प्रकार की राजनीतिक हिंसा से भारत का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जो लोग राजनीतिक हिंसा में संलिप्त हैं, ये उनके भले के लिए है कि वे हिंसा छोड़ दें। उन्होंने कहा कि तृणमूल और उसके कैडर जिस प्रकार से विरोधियों को राजनीतिक हिंसा का शिकार बना रहे हैं, उन्हें यह याद होना चाहिए कि वे भी कभी इसी हिंसा के खिलाफ कम्युनिस्टों से लड़े थे और इसलिए राज्य की जनता ने उन्हें इतना बड़ा जनादेश भी दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई सोचता है कि इस प्रकार की हिंसा से भाजपा का विस्तार रुक जाएगा तो वह मुगालते में है, आप भाजपा का जितना दमन करेंगे, जितना अत्याचार करेंगे, भारतीय जनता पार्टी उतना और आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मैं दुनिया भर के हयूमन राइट्स चैम्पियन से भी यह निवेदन करना चाहता हूँ कि वे कोलकाता, बसीरहाट, वीरभूम जैसे जगहों पर हो रही राजनीतिक हिंसा की रिपोर्टिंग करें, क्या यह मानवाधिकार का हनन नहीं है? उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कैडर इस हिंसा और अत्याचार का मजबूती के साथ मुकाबला करेंगे, हम अपना काम जारी रखेंगे, भारतीय जनता पार्टी को पश्चिम बंगाल में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
श्री शाह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, श्री अरबिंदो, रबिन्द्रनाथ टैगोर, राजा राम मोहन राय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बंकिम चंद्र चटर्जी, शरतचंद्र चट्टोपाध्याय जैसे मनीषियों ने न केवल देश बल्कि दुनिया भर में बंगाली अस्मिता को प्रतिष्ठित करने का काम किया लेकिन आज पहले कम्युनिस्ट और बाद में तृणमूल कांग्रेस के शासन के बाद यह महान प्रदेश आज अपने खोये हुए गौरव को फिर से प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने देश की आजादी के लिए ‘दिल्ली चलो* का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि जहां से क्रांति की शुरुआत की, जहां से साहित्य की शुरुआत हुई, जहां से रवींद्र संगीत ने पूरे विश्व में पश्चिम बंगाल की संस्कृति का डंका बजाया, वही पश्चिम बंगाल आज विकास के दौर में काफी पीछे चला गया है, आज इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का समय आ गया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि याद कीजिये 2014 से पहले की स्थिति को जब देश में 10 सालों तक कांग्रेस-नीत यूपीए की सोनिया-मनमोहन थी, अर्थव्यवस्था के सारे मापदंड नीचे की ओर जा रहे थे, देश में सर्वत्र निराशा का माहौल था, महंगाई दर अपने चरम पर थी और कांग्रेस के 12 लाख करोड़ के घपले-घोटालों ने देश को झकझोर कर रख दिया था। उन्होंने कहा कि उस वक्त सरकार की कोई विश्वसनीयता नहीं रह गई थी, हर मंत्री अपने आप को प्रधानमंत्री समझता था और प्रधानमंत्री को कोई प्रधानमंत्री समझता ही नहीं था। उन्होंने कहा कि यूपीए की कांग्रेस सरकार पॉलिसी पैरालिसिस से ग्रस्त थी। ऐसी परिस्थिति में देश की जनता ने 30 साल बाद देश में एक पूर्ण बहुमत की सरकार का गठन किया और देश के विकास की बागडोर नरेन्द्र भाई मोदी के हाथों में सौंपने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि आज 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले करने वाली सरकार की जगह देश में तीन साल से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐसी केंद्र सरकार चल रही जिस पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, हमारे विरोधी भी यहाँ तक कि ममता बनर्जी भी हम पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सकती।
श्री शाह ने कहा कि कई सरकारें 50 सालों में एक-दो काम ऐसे करती हैं जो ऐतिहासिक होते हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने तीन सालों में 50 ऐसे काम किये हैं जो ऐतिहासिक हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले ही उद्बोधन में यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार देश के गाँव, गरीब, दलित, शोषित, पिछड़े, आदिवासी एवं किसानों की सरकार होगी और पिछले तीन सालों में उन्होंने इसे अक्षरशः सिद्ध करके दिखाया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने एडमिनिस्ट्रेशन को कई प्रकार के द्वंद्वों से बाहर निकालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमने यह सिद्ध करके दिखाया है कि शहरों के विकास के साथ-साथ गाँवों का भी विकास किया किया जा सकता है और उद्योगों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र का भी विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने जन-प्रतिनिधि और अफसरशाही के बीच के द्वंद्व को भी खत्म किया है, हमने यह साफ कर दिया है कि पॉलिसी निर्माण का कार्य जन-प्रतिनिधि करेंगें तो उसकी इम्प्लीमेंटेशन की जिम्मेदारी ब्यूरोक्रेसी की होगी। उन्होंने कहा कि हमने जहां वोट बैंक की परवाह किये बगैर रिफॉर्म्स को भी दृढ़ता के साथ लागू किया है, वहीं कल्याण राज्य के निर्माण के लिए कई जनोपयोगी योजनाओं की भी नींव रखी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनी है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश के लगभग पौने तीन करोड़ गरीब महिलाओं के घर में गैस सिलिंडर पहुंचाया गया है, साढ़े चार करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण कर महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया गया है और लगभग 29 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट खोल कर उन्हें देश के अर्थतंत्र की मुख्यधारा में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के कारण लाभार्थियों को मिलने वाली आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक अकाउंट में जाती है, इससे लगभग 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भ्रष्टाचार कम हुआ है। उन्होंने कहा कि मुद्रा बैंक योजना के माध्यम से देश के करोड़ों गरीब युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी के रूप में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ का स्वप्न साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी बिजली से वंचित देश के 18 हजार से अधिक गाँवों में से 13 हजार से अधिक गाँवों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि 2018 तक हर गाँव में और 2022 तक देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर केंद्र की यूपीए सरकार तक देश में लगभग 12.5 करोड़ गैस सिलिंडर ही बांटे गए थे जिसमें से 11.80 करोड़ कनेक्शन शहरी क्षेत्रों में बांटे गए थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने तीन सालों में देश के पांच करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन देने का निर्णय लिया है जिसमें से देश के 2.80 करोड़ गरीब महिलाओं के घर में गैस सिलिंडर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण कर महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2022 तक देश में ऐसा एक भी घर नहीं होगा, जहां शौचालय नहीं हो।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन सालों में देश की अर्थव्यवस्था में से काले धन के दुष्प्रभाव को काफी हद तक दूर करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी, राजनीतिक चंदे में कैश के रूप में मिलने वाली रकम को 2,000 रुपये तक सीमित करने की नीति, दो लाख शेल कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को खत्म करने की कार्रवाई, बेनामी संपत्ति पर नकेल और मॉरीशस-साइप्रस-सिंगापुर रूट को बंद करके मोदी सरकार ने काले धन पर कठोर प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा, स्वायल हेल्थ कार्ड, नीम कोटेड यूरिया, सिंचाई योजना, ई-मंडी जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय को 2022 तक दुगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेज गति से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि 104 उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर भारत अंतरिक्ष के अंदर दुनिया की एक प्रमुख ताकत के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि 40 वर्षों से लंबित भूतपूर्व सैनिकों की ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की मांग को एक ही साल में पूरा करके मोदी सरकार ने पूर्व सैनिकों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया का देश को देखने के नजरिये में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी, इसलिए दुश्मनों को उसी की भाषा में जवाब देने के फैसले नहीं लिए जाते थे। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक करके अमेरिका के बाद ऐसा साहस दिखाने का काम हिन्दुस्तान ने करके दिखाया – यह एक अलग प्रकार का बदलाव है। उन्होंने कहा कि ‘भीमश् एप से डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जेनरिक दवाई, स्टैंट एवं कृत्रिम घुटनों के प्रत्यारोपण मूल्य में भारी कमी से देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचा है। उन्होंने कहा कि निष्ठा और लगन के साथ अनवरत रूप से जब देश के विकास के लिए योजनाओं को इम्प्लीमेंट किया जाता है तब जाकर तीन साल में इतने काम होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार लोगों को अच्छे लगने वाले फैसले लेने की जगह लोगों के लिए अच्छे फैसले लेने में यकीन रखती है। उन्होंने कहा कि हमने नीतिगत निर्णय को वोट बैंक के साथ कभी नहीं जोड़ा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने देश के सोचने के स्केल को बदलने का काम किया है।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने देश से परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण की राजनीति को खत्म करके पॉलिटिक्स ऑफ परफॉरमेंस के एक नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि देश की चुनावी व्यवस्था में से काले धन को समाप्त करने की मुहिम से एक ऐसी व्यवस्था के निर्माण की पहल की गई है जहां राजनीतिक दलों के नेताओं को भी हिसाब देना पड़ता है, यही कारण है कि आज नेता विदेश जाकर भाषण देने लगे हैं क्योंकि देश में तो उन्हें कोई सुनता नहीं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विकास के लिए पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कई कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल के विकास के लिए यूपीए के 13वें वित्त आयोग की तुलना में 14वें वित्त आयोग में लगभग तीन गुना अधिक राशि दी है। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने पश्चिम बंगाल को शेयर इन सेन्ट्रल टैक्स के तहत 1,03,539 करोड़ रुपये की राशि दी थी जबकि 14वें वित्त आयोग में मोदी सरकार ने राज्य के लिए 2,89,942 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। उन्होंने कहा कि ग्रांट इन ऐड के रूप में लगभग चार गुना वृद्धि करते हुए पश्चिम बंगाल को 2015-20 के लिए 34,732 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं जबकि यूपीए के 13वें वित्त आयोग में इस क्षेत्र में केवल 9,520 करोड़ रुपये जारी किये गए थे। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में जहां कांग्रेस की यूपीए सरकार ने पश्चिम बंगाल को कोई मदद नहीं दी थी, वहीं मोदी सरकार ने तमाम वैचारिक मतभेदों के बावजूद पश्चिम बंगाल को 11,760 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि लोकल बॉडीज ग्रांट के रूप में पश्चिम बंगाल को कांग्रेस की यूपीए सरकार ने महज 1,444 करोड़ रुपये ही दिए थे जबकि मोदी सरकार ने इसमें लगभग साढ़े चैदह गुने की भारी बढ़ोत्तरी करते हुए पश्चिम बंगाल के लिए 20,832 करोड़ रुपये जबकि राशि उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड और नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड में भी काफी वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि इन सभी को जोड़ दिया जाय तो 13वें वित्त आयोग में कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार ने पश्चिम बंगाल को जहां 1,32,783 करोड़ रुपये की राशि दी थी, वहीं मोदी सरकार ने 3,59,406 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। उन्होंने कहा कि हम तो पश्चिम बंगाल के विकास के लिए ग्रांट भेज रहे हैं लेकिन क्या ये राशि राज्य के विकास के लिए खर्च हो रही है? उन्होंने कहा कि इन ग्रांट्स के अतिरिक्त केन्द्रीय योजनाओं में तीन साल में पश्चिम बंगाल को 24,705 करोड़ रुपये दिए गए हैं, मुद्रा बैंक योजना में लगभग 29 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं और खदानों की ई-नीलामी से अर्जित राशि में से पश्चिम बंगाल को 21345 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से ममता दीदी को पूछना चाहता हूँ कि पश्चिम बंगाल के विकास के लिए हम क्या कर रहे हैं, इसका हिसाब तो दे दिया लेकिन पैसा कहाँ गया, इसकी जवाबदेही किसकी है? उन्होंने कहा कि इसका हिसाब ममता बनर्जी को देना है। उन्होंने कहा कि क्यों इतने सालों बाद भी पश्चिम बंगाल के गाँवों में बिजली नहीं आई, राज्य की साक्षरता दर क्यों नहीं बढ़ी, औद्योगिक विकास नहीं हुआ, स्वच्छ पीने का पानी नहीं पहुंचा, आखिर कहाँ गया पैसा, ये सारा पैसा सिंडिकेटों में समाप्त हो जाता है।
पश्चिम बंगाल के बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि आप विकसित पश्चिम बंगाल के सपने को साकार करने के लिए राज्य से हिंसा, गरीबी और बेरोजगारी को समाप्त कर प्रदेश की कला एवं संस्कृति के खोये हुए गौरव को पुनः प्रतिष्ठित करने हेतु लाल सरकार की जगह नीली सरकार लेकर आये थे, लेकिन क्या 7 साल बाद भी ममता बनर्जी के शासन में ऐसा संभव हो पाया? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है, आज देश के 18 राज्य – लगभग 80ः भू-भाग विकास के इस मिशन के साथ प्रधानमंत्री जी के साथ जुड़ गए हैं लेकिन यहाँ ममता बनर्जी विकास नहीं कर रही। उन्होंने बुद्धिजीवियों से अपील करते हुए कहा कि हमें आपका सिर्फ वोट नहीं चाहिए, आपको पश्चिम बंगाल में एक माहौल तैयार करना चाहिए ताकि हम इस महान राज्य के खोये हुए गौरव को पुनर्स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि आज पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिले विभाजन से पहले की स्थिति में फिर से आ गए हैं, ममता सरकार की तुष्टीकरण नीति के राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है, राज्य में बम धमाके हो रहे हैं, जाली नोटों का कारोबार फैल रहा है, गायों की तस्करी हो रही है, आखिर क्या हो रहा है आज पश्चिम बंगाल में! उन्होंने कहा कि माँ दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन करने के लिए कोर्ट में जाना पड़ता है, माँ सरस्वती की पूजा नहीं करने देते – ये किस प्रकार के पश्चिम बंगाल का निर्माण हम कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि हम किसी के विरोधी नहीं हैं और बंगाल के लोग तो किसी के विरोधी हो ही नहीं सकते लेकिन हमारी परंपराओं का ही कोई विरोध करे, इस प्रकार की सोसायटी तो नहीं चल सकती है न? उन्होंने कहा कि देश में कई धर्मों के जुलूस एक साथ निकलते हैं, पश्चिम बंगाल में भी निकलते रहे हैं लेकिन क्या कारण है कि पश्चिम बंगाल में ऐसे फैसले हो रहे हैं – ये फैसले हिन्दू-मुसलमान के कारण नहीं बल्कि वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के कारण लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल वासियों को अपना सहज स्वभाव छोड़ कर निर्णायक बनने का समय आ गया है, राज्य के गरीब लोगों का और राज्य के भविष्य के लिए जब तक आप पहल नहीं करेंगे, तब तक पश्चिम बंगाल आगे नहीं बढ़ सकता।