स्थानीय लोग इस दुर्घटना के लिए लापरवाह रेल प्रशासन को जिम्मेदार बताया
उडीसा के पुरी से हरिद्वार के बीच चलने वाली 18477 नम्बर कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे 19 अगस्त की सांय 5 बज कर 45 मिनट पर मुजफरनगर के खतौली के पास पटरी से उतरने से दुर्घटनाग्रस्त होने की दुखद घटना हो गये। पटरी से उतरते ही ये डिब्बे आस पास बने घर, विद्यालय में घुस गये। खबरों के अनुसार 24 यात्री मरे व 8 दर्जन घायल हो गये है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस रेल दुर्घटना से रोने चिल्लाने, बिलखने की चीखों से पूरे क्षेत्र में हाहाकार मच गया। डिब्बों को काट कर यात्रियों को निकाला जा रहा है। खबरों के अनुसार अभी तक 24 लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी। 8 दर्जन से अधिक घायल होने की खबर है। तीन डिब्बों में देर से बचाव कार्य शुरू किया जा सका।। प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना पर शोक प्रकट किया। इस दुर्घटना की खबर सुनते ही रेल मंत्री ने बचाव कार्य के लिए तत्काल रेल बचाव कर्मियों को भेज दिया है। अंधेरा होने से बचाव कार्य में व्यवधान हो रहो है। उसको भी दूर किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भी शोक प्रकट किया। बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। रेलवे ने इस दुर्घटना के बारे में जानकारी के लिए 9760 534054 व 5101 नम्बर जारी किया है।
प्रशासन ने जब काफी समय बाद भी गैस कटर तक नहीं लाये तो लोगों ने मानवीय धर्म निभाते हुए प्राइवेट कटर मंगा कर बचाव कार्य शुरू किया। लोगों में प्रशासन द्वारा समय पर बचाव कार्य सुचारू रूप से न किये जाने से आक्रोश है। खबरों के अनुसार जिस समय यह रेल आयी तो उस समय रेल ट्रेक में काम चल रहा था। फिर इस टेªक पर रेल को चलने की इजाजत कैसे दी गयी। खबरों के अनुसार जिस समय यह रेल आयी तो उस समय रेल ट्रेक में काम चल रहा था। फिर इस टेªक पर रेल को चलने की इजाजत कैसे दी गयी।
जिसके मकान में रेल का डिब्बा घुसी उसके मकान मालिक ने एक चैनल में बताया कि उन्होने कई बार रेलवे के कर्मचारियों से कहा कि यहां पर रेल की लाइन क्रेक हो रखी है, इसको ठीक कर दो। दो दिन से यहां पर ठीक किया जा रहा है। लोग इस हादसे के लिए प्रशासन की लापरवाही बताया।
इस रेल को रात 9 बजे हरिद्वार पंहुचना था। रेल विभाग ने मृतको के आश्रितो को 3.50 लाख की मदद व गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख व घायलों 50 हजार रूपये की मदद। वहीं उप्र सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख व घायलों को 1 लाख रूपये देने का ऐलान किया। प्रशासन इस बात की जांच करेगा कि यह लापरवाही से हुई दुर्घटना है या कोई साजिश । दुर्घटना के समय रेल की गति अधिक थी। रेल चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगाया। रेल मंत्री ने इस दुर्घटना के जांच के आदेश दे दिये है।