उत्तराखण्ड में सावन महीने का पहला सोमवार 17 जुलाई को होगा। इसी दिन से उत्तराखण्ड में लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना करेंगे। पर शेष देश में 10 जुलाई से सावन का महीने का प्रारम्भ हो गया है। दूरदर्शन, खबरिया चैनलों में जब लोग खबर देखते हैं तो दुविधा में पडते है कि आखिर यह क्यों? क्यों पूरे देश में सावन का महीना एक साथ प्रारम्भ होता है।
इस पर प्यारा उत्तराखण्ड ने पावन बदरीनाथ क्षेत्र के प्रसिद्ध शास्त्री पुरूषोत्तम सत्ती से इस अंतर के बारे में पूछा तो उन्होने कहा कि हमारे उत्तराखण्ड में सावन का महिना दक्षिणायन के बाद प्रारम्भ होता है। 14 जुलाई तक दक्षिणायन होने के कारण 17 जुलाई से प्रारम्भ होगा देवभूमि उत्तराखण्ड में पावन सावन का महीना।
लगता है देहरादून में रहने के बाद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री व उनकी सरकार को जनभावनाओं का भान नहीं। जब मुख्यमंत्री ने 10 जुलाई से सावन के महीने के पहले सोमवार का ऐलान किया तो प्रदेश के लोग हैरान रह गये। उनका सावन माह तो प्रारम्भ ही नहीं हुआ।
यह मैदानी क्षेत्रों में सावन का महीना उत्तराखण्ड से एक सप्ताह पहले प्रारम्भ होता है। इस बार मैदानी क्षेत्रों में 10 जुलाई से सावन का महीना प्रारम्भ हुआ और पहला सोमवार ही 10 जुलाई को पडा।