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ईरान की संसद पर इस्लामी स्टेट के आतंकी हमले से बढ़ी ईरान की अमेरिका व सऊदी से दूरियां

4 आतंकियों ने किया संसद व खुमैनी की दरगाह पर आत्मघाती हमले, 13 लोग मारे गये, 43  घायल ,चारों आतंकी भी मारे गये

देवसिंह रावत
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के सउदी अरब के दौरे के एक पखवाडे के अंदर ही इस्लामी स्टेट के आतंकियों द्वारा ईरान की संसद व ईरान के सर्वोच्च धार्मिक गुरू अयातुल्ला खुमैनी की दरगाह पर किये गये हमले से ईरान की अमेरिका व सऊदी अरब से दूरियां और बढ़ गयी है। इससे खाड़ी देशों का तनातनी का माहौल और अधिक गर्म हो गया है।
7 जून को दोपहर बारह से साढे बारह बजे के बीच 4 आतंकियों ने तेहरान स्थित ईरान की संसद पर अचानक हमला कर ईरान में हडकंप मचा दिया। यहां पर आतंकियों ने कुछ लोगों को भी बंधक बना दिया था। उस के कुछ ही देर बाद दक्षिण तेहरान में खुमैनी की दरगाह पर भी आत्मघाती हमले की खबर आने से लोग दहशत से भयभीत हो गये।
संसद में हमला कर रहे 4 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मुठभेड में मार गिराया। इनमें से एक आतंकी ने पकडे जाने के भय से आत्महत्या कर दी। संसद में आतंकियों ने अंधाधुध गोलीबारी कर दहशत फैला दी। आतंकी हमले में 13 लोगों के मारे जाने व 43के घायल होने की खबर है। सीरिया व इराक के कुछ हिस्सों पर काबिज आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट  ने ईरान की संसद और इमाम अयातुल्लाह खुमैनी की दरगाह पर हुए हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए ईरान को और अधिक हमले झेलने के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दी।
खबरों के अनुसार संसद पर हमला करने वाले आतंकी  एके-47 राइफलों, ग्रिनेड्स, राइफल आदि घातक हथियारों से युक्त थे। इस हमले के बाद ईरान में संदिग्धों की धरपकड़ की जा रही है। ईरान ने इस हमले के लिए अमेरिका व सऊदी को जिम्मेदार ठहराया।

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