23 मई की सांय 5.30 बजे उत्तरकाशी से 25 किमी दूर नालूपानी में इंदोर से आयी यात्री बस 300 मी. गहरी भागीरथी नदी की खाई में गिरी
उत्तरकाशी(प्याउ)।
मध्य प्रदेश के इंदौर के तीर्थ यात्रियों की बस गंगोत्री धाम के दर्शन के बाद केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जा रही बस के 23 मई की सांयकाल साढे 5 बजे उत्तरकाशी से 25 किमी दूर गंगौत्री मार्ग पर नालूपानी में अनियंत्रित हो कर भागीरथी नदी की गहरी खाई में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त होने से 23 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गयी। जिलाधिकारी के नेतृत्व में साढ़े छह बजे बाद चले बचाव अभियान में 7 घायलों का बचाया गया। इस बस में 30 यात्री सवार थे।
इस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा शोक प्रकट करते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपये व घायलों को 50 -50 हजार रूपये की सहायता देने का ऐलान किया है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए मृतकों के परिजन को एक-एक लाख व घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रूपये की सहायता देने का ऐलान किया।
इंदौर मध्यप्रदेश के बेटमा से 12 मई की तीर्थ यात्रा पर एक साथ 57 यात्रियों का दल दो बसों में सवार होकर यात्रा कर रहा था। चालक परिचालक समेत 31 यात्री एक बस में थे तथा 30 यात्री दूसरी बस में सवार थे। दोनों बसे आगे पीछे चल रही थी। शाम करीब साढे पांच बजे 30 यात्रियों से भरी बस उत्तरकाशी से 25 किलोमीटर दूर ऋषिकेश की ओर गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी में बस अनियंत्रित होकर 300 मीटर गहरी खाई में गिरी। सुत्रो के अनुसार शाम साढ़े पांच बजे सामने से आ रहे किसी वाहन को साइड देने की कोशिश में गंगोत्री से लौट रही यह बस संकरी सड़क से खाई की तरफ झुकी और संतुलन बिगड़ गया। करीब तीन सौ मीटर नीचे सीधी खाई में पलक झपकते ही समा गई। बीच में एक बार पलटी खाई।
घायल यात्रियों को सौभाग्य रहा कि जिस समय दुर्घटना हुई उसी समय वहां से उत्तरकाशी से चिन्यालीसौड़ जा रहे भाजपा के जिलाध्यक्ष रामसुंदर नौटियाल ने जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव व जिला पुलिस अधिकारी को घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी एसपी, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, पुलिस व निम की टीम साढे छह बजे दुर्घटना स्थल पर पंहुची मौके पर गई। परन्तु जिस स्थान से यात्री बस खाई में गिरी उस स्थान पर खड़ी पहाड़ी होने के कारण टीम बचाव के लिए नहीं उतर पाई।
जिस जगह हादसा हुआ, वह पथरीला इलाका है। इस वजह से गिरते ही बस के परखच्चे उड़ गए। घाटी में यात्रियों के शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे। बस तो नदी में नहीं समाई, लेकिन इसमें सवार कुछ लोगों के बहने की भी आशंका है। आईटीबीपी, एसडीआरएफ, जल पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस की टीमों को बस तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। चट्टान के कारण बस तक सीधे पहुंचना मुश्किल था। इसलिए 4 किमी का चक्कर लगाकर भागीरथी के दूसरे छोर पर पहुंचे। रस्सी के सहारे एक दल नदी के दूसरे छोर पहुंचा। भागीरथी नदी में अधिक पानी होने के कारण बचाव कार्य में दिक्कत आ रही थी। इसे देखते हुए जोशियाड़ा बैराज से पानी रोका गया। तब जाकर नदीका जलस्तर घटा और बचाव दल अपना काम कर पाया।
भागीरथी नदी में तेज बहाव के चलते बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं।